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कोरोना काल में फूलों की खेती करने वाले किसानों और दुकानदारों के चेहरे मुरझाए, नहीं मिल रहे खरीददार - रामगढ़ में फूलों का बिक्री बंद

कोरोना के लॉकडाउन के कारण रामगढ़ में फूलों की खेती का व्यवसाय और बिक्री करने वालों पर खासा असर पड़ा है. फूलों की बिक्री न होने से फूलों की पैदावार करने वाले किसान भी खासे चिंतित है.

flower shopkeepers and farmers worried over not selling flowers in ramgarh
गंदा फूल
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Published : May 22, 2021, 4:14 PM IST

रामगढ़: राज्य में लगे लॉकडाउन के चलते जहां कइयों के रोजगार छिन गए हैं. उनमें से एक मालाकार जाति के लोग भी हैं. रजरप्पा मंदिर पूरी तरह से बंद है. इसके साथ ही शादी-ब्याह पर भी लॉकडाउन का असर है. जिसके कारण फूलों का कारोबार पूरी तरह चौपट हो गया है. किसानों को इस बार खेती की लागत तो दूर मेहनत का भी फायदा नहीं मिलता नजर आ रहा है. इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को परिवार के भरण पोषण की चिंता तो सता ही रही है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें- हादसे को निमंत्रणः देखिए, जर्जर हो चुकी RTI भवन का सच

फूलों की खपत हुई कम

रजरप्पा और गोला के अधिकतर फूल मां छिन्नमस्तिका मंदिर परिसर में ही बिकते हैं. इसके साथ ही शादी में भी इसकी खपत होती थी. लेकिन रजरप्पा मंदिर लगभग एक माह से बंद है. शादी ब्याह में भी कई पाबंदियों के चलते फूलों की खपत कम हो गई है. जिससे फूलों का कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है. पैमाने पर फूलों की खेती करने वाले अब परेशान हैं.

घर-परिवार चलाना मुश्किल

इसे लेकर रजरप्पा के फूल विक्रेता छोटू कुमार ने कहा कि लॉकडाउन में मंदिर समेत सभी धार्मिक कार्य बंद हो जाने से फूलों की बिक्री पूरी तरह से बंद हो गई है. जिससे अब तो घर-परिवार का पेट चलाना भी मुश्किल हो गया है. वहीं, इस संबंध में मालाकार लोगों का कहना है कि अब तो लागत भी वसूल करना मुश्किल हो गया है. अगर जल्द ही रजरप्पा मंदिर नहीं खुला और शादी ब्याह से पाबंदियां नहीं हटी तो भूखे मरने की नौबत आ जाएगी.

रामगढ़: राज्य में लगे लॉकडाउन के चलते जहां कइयों के रोजगार छिन गए हैं. उनमें से एक मालाकार जाति के लोग भी हैं. रजरप्पा मंदिर पूरी तरह से बंद है. इसके साथ ही शादी-ब्याह पर भी लॉकडाउन का असर है. जिसके कारण फूलों का कारोबार पूरी तरह चौपट हो गया है. किसानों को इस बार खेती की लागत तो दूर मेहनत का भी फायदा नहीं मिलता नजर आ रहा है. इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को परिवार के भरण पोषण की चिंता तो सता ही रही है.

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फूलों की खपत हुई कम

रजरप्पा और गोला के अधिकतर फूल मां छिन्नमस्तिका मंदिर परिसर में ही बिकते हैं. इसके साथ ही शादी में भी इसकी खपत होती थी. लेकिन रजरप्पा मंदिर लगभग एक माह से बंद है. शादी ब्याह में भी कई पाबंदियों के चलते फूलों की खपत कम हो गई है. जिससे फूलों का कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है. पैमाने पर फूलों की खेती करने वाले अब परेशान हैं.

घर-परिवार चलाना मुश्किल

इसे लेकर रजरप्पा के फूल विक्रेता छोटू कुमार ने कहा कि लॉकडाउन में मंदिर समेत सभी धार्मिक कार्य बंद हो जाने से फूलों की बिक्री पूरी तरह से बंद हो गई है. जिससे अब तो घर-परिवार का पेट चलाना भी मुश्किल हो गया है. वहीं, इस संबंध में मालाकार लोगों का कहना है कि अब तो लागत भी वसूल करना मुश्किल हो गया है. अगर जल्द ही रजरप्पा मंदिर नहीं खुला और शादी ब्याह से पाबंदियां नहीं हटी तो भूखे मरने की नौबत आ जाएगी.

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