रामगढ़ः रामगढ़ मिलिट्री कैंप में सेना का पांच दिवसीय स्वर्णिम विजय उत्सव मनाया जा रहा है. देश भ्रमण कर विजय मशाल रामगढ़ पहुंचाने पर स्वागत किया गया. यहां झंडा चौक के सारागढ़ी गेट पर सिख रेजिमेंटल सेंटर के डिप्टी कमांडेंट कर्नल कुमार रणविजय (सेना मेडल) ने अगुवाई कर कैप्टन प्रतीक लकड़ा से विजय मशाल ग्रहण किया.
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1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की विजय 50वीं वर्षगांठ पर रामगढ़ छावनी में 14 से 18 नवंबर तक विजय उत्सव के तहत कई कार्यक्रम होंगे. इस उत्सव को यादगार बनाने के लिए लेटर केम को भव्य तरीके से सजाया गया है. भारतीय सेना के हाथों में तिरंगा और भारत माता की जय से पूरा सेना छावनी गूंज उठा.
विजय मशाल को लेकर रेजिमेंटल के अशोक स्तंब के पास पहुंचे. उन्होंने युद्ध स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसके बाद मिलिट्री कैंप के अंदर विजय मशाल का भ्रमण कराया गया. इस दौरान सिख रेजिमेंट के जवान सड़क किनारे हाथों में तिरंगा लिए भारत माता की जय का नारा लगाते दिखे. इस दौरान सैन्य अधिकारी, जवानों ने विजय मशाल की अगुवाई की. रेजिमेंट के युद्ध स्मारक पर भारत के वीर शहीदों को सेना के अधिकारियों और जवानों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. सेना के इस कार्यक्रम को लेकर जिला के लोगों में देश प्रेम का उत्साह देखा गया.
इस राष्ट्रव्यापी समारोह की शुरुआत 16 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. जिन्होंने दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित कर देश की चारों दिशाओं के लिए विजय मशाल को रवाना किया था. इन विजय मशालों को देश की लंबाई और चौड़ाई के क्षेत्रफल के आधार पर पूरे देश में ले जाया जा रहा है. विजय मशाल 1971 युद्ध के परमवीर चक्र और महावीर चक्र विजेताओं के गावों से ले जायी जाएगी, साथ ही उन क्षेत्रों से भी ये मशाल गुजरेगी, जहां 1971 के युद्ध लड़े गए थे. वहां की पवित्र मिट्टी को ले जाकर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर ले जाया जाएगा. 18 नवंबर को विजय मशाल गया जिला के लिए भेजा जाएगा. इस समारोह के अवसर पर सैन्य बैंड प्रदर्शन और हथियारों की प्रर्दशनी का आयोजन युद्ध स्मारक स्थल पर किया जाएगा.