रामगढ़ः बढ़ती महंगाई का असर अब किसानों के खेतों पर भी असर डालने लगा है. जहां किसान पहले ट्रैक्टर से खेतों की जुताई किया करते थे, वहीं अब डीजल के बढ़ते दामों के चलते खुद हल बैल लेकर अपने-अपने खेतों में उतर आए हैं.
देश में बढ़ती महंगाई के चलते किसान नई तकनीक के ट्रैक्टर को छोड़कर पुरानी तकनीक पर ही निर्भर रहने को विवश हैं, क्योंकि किसानों का साफ कहना है कि वो ट्रैक्टर से जुताई का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं. वहीं, ट्रैक्टर मालिकों का भी कहना है कि पहले जहां बरसात के दिनों में खेतों की जुताई का काम अधिक रहने के कारण देर शाम तक काम करना पड़ता था, वहां अब बढ़ती महंगाई के कारण काम के लाले पड़े हैं. उनका कहना है कि पहले खेत जुताई के लिए ट्रैक्टर का उपयोग कर खेतों को आसानी से जोत लेते थे. लेकिन अब महंगाई बढ़ने के कारण ट्रैक्टर मालिक की रोजी-रोटी छीन गई है. वहीं किसानों को खेत जोतने में भी कठिनाई हो रही है.
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लॉकडाउन में लगातार पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी किसानों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. जिसके कारण उनकी रोजी-रोटी पर भी संकट मंडराने लगा है. एक ओर जहां मौसम की मार ने उनके फसलों को बर्बाद कर दिया है, तो वहीं दूसरी ओर महंगाई के कारण उनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. ऐसे में झारखंड सराकर भी कई तरह की योजनाएं चला रही है, लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण किसानों तक लाभ नहीं पहुंच पा रहा.