ETV Bharat / state

रामगढ़ः पुतला बनाकर परिजनों ने किया अंतिम संस्कार, उत्तराखंड आपदा में लापता हुए थे मजदूर

उत्तराखंड के चमोली आई प्राकृतिक आपदा में रामगढ़ के गोला के कई मजदूर लापता थे. उनका शव ना मिल पाने की वजह से परिजनों ने उनके प्रियजनों का पुतला बनाकर उनका अंतिम संस्कार किया.

families-cremated-in-ramgarh-by-making-effigies-of-laborers-died-in-chamoli-disaster
पुतला बनाकर परिजनों ने किया अंतिम संस्कार
author img

By

Published : Mar 1, 2021, 7:32 AM IST

रामगढ़ः ग्लेशियर टूटने से उत्तराखंड के चमोली में आई बाढ़ की चपेट में आने से रामगढ़ गोला के चार मजदूर लापता हो गए. शव नहीं मिलने पर उत्तराखंड सरकार ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद मजदूरों के परिजन उत्तराखंड से निराश वापस अपने गांव चोकाद पहुंचे.

देखें पूरा वीडियो

इसे भी पढ़ें- रामगढ़ में नाबालिग के साथ दुष्कर्म, आरोपी युवक मौके से फरार

शव और अंतिम दर्शन नहीं मिलने से परिजनों में मायूसी है. लेकिन अपने प्रियजनों की आत्मा की शांति के लिए परिजनों ने मिट्टी का पुतला बनाकर पूरे रीति-रिवाज से उन सभी लापता मजदूरों का अंतिम संस्कार किया गया. चमोली के तपोवन से लाई गई मिट्टी से मजदूर मदन महतो का मूर्ति (पुतला) बनाकर हिंदु विधि-विधान से विधिवत अंतिम संस्कार गोमती नदी स्थित स्थानीय मुक्तिधाम में कर दिया. परिजनों ने बताया कि चमोली की घटना में मदन महतो मिट्टी में दफन हो गए हैं. इसलिए उनका मिट्टी से बनाए गए मूर्ति को दफनाया गया. इधर चोकाद निवासी मिथिलेश महतो और बिरसाय महतो का अंतिम संस्कार भी किया गया.

अंतिम संस्कार में इलाके के समाजसेवी से लेकर गांव के लोग शामिल हुए. अपने प्रियजनों का अंतिम दर्शन नहीं होने का मलाल परिजनों की क्रंदन और चीख-पुकार से साफ झलक रही थी. सात फरवरी को उत्तराखंड में चमोली के तपोवन में ग्लेशियर फटने से रामगढ़ के गोला प्रखंड के चोकाद गांव के तीन और सरलाखुर्द गांव का एक मजदूर लापता हो गए थे. इन मजदूरों का लगभग 20 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक पता नहीं चल पाया है. जिसके बाद परिजनों ने और सगे संबंधियों ने अपने प्रियजनों का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया.

रामगढ़ः ग्लेशियर टूटने से उत्तराखंड के चमोली में आई बाढ़ की चपेट में आने से रामगढ़ गोला के चार मजदूर लापता हो गए. शव नहीं मिलने पर उत्तराखंड सरकार ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद मजदूरों के परिजन उत्तराखंड से निराश वापस अपने गांव चोकाद पहुंचे.

देखें पूरा वीडियो

इसे भी पढ़ें- रामगढ़ में नाबालिग के साथ दुष्कर्म, आरोपी युवक मौके से फरार

शव और अंतिम दर्शन नहीं मिलने से परिजनों में मायूसी है. लेकिन अपने प्रियजनों की आत्मा की शांति के लिए परिजनों ने मिट्टी का पुतला बनाकर पूरे रीति-रिवाज से उन सभी लापता मजदूरों का अंतिम संस्कार किया गया. चमोली के तपोवन से लाई गई मिट्टी से मजदूर मदन महतो का मूर्ति (पुतला) बनाकर हिंदु विधि-विधान से विधिवत अंतिम संस्कार गोमती नदी स्थित स्थानीय मुक्तिधाम में कर दिया. परिजनों ने बताया कि चमोली की घटना में मदन महतो मिट्टी में दफन हो गए हैं. इसलिए उनका मिट्टी से बनाए गए मूर्ति को दफनाया गया. इधर चोकाद निवासी मिथिलेश महतो और बिरसाय महतो का अंतिम संस्कार भी किया गया.

अंतिम संस्कार में इलाके के समाजसेवी से लेकर गांव के लोग शामिल हुए. अपने प्रियजनों का अंतिम दर्शन नहीं होने का मलाल परिजनों की क्रंदन और चीख-पुकार से साफ झलक रही थी. सात फरवरी को उत्तराखंड में चमोली के तपोवन में ग्लेशियर फटने से रामगढ़ के गोला प्रखंड के चोकाद गांव के तीन और सरलाखुर्द गांव का एक मजदूर लापता हो गए थे. इन मजदूरों का लगभग 20 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक पता नहीं चल पाया है. जिसके बाद परिजनों ने और सगे संबंधियों ने अपने प्रियजनों का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.