रामगढ़: जिले के सदर अस्पताल प्रबंधन की ओर से नियम कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही थी. अस्पताल से निकलने वाले कचरे को सदर अस्पताल के बगल के आवासीय कॉलोनी के सामने नदी किनारे फेंका जा रहा था. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था. उसके बाद अस्पताल प्रबंधन हरकत में आई.
कचरे को ढकवाने का प्रयास
अस्पताल प्रबंधन ने बायो वेस्ट को गड्ढा खुदवाकर जमीन में दबाने का प्रयास किया. हालांकि ठीक ढंग से इस कचरे को बंद नहीं किया गया. जल्दीबाजी में पूरी प्रक्रिया को की गई. इस वजह से नदी के किनारे आज भी चारों ओर खुले में बायो वेस्ट काफी संख्या में बिखरे हुए दिख रहे हैं. प्रबंधन ने कचरे को ढकवाने का प्रयास तो करवाया है, लेकिन इस काम में पूरी तरह से लीपापोती की गई है.
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क्या है मामला
रामगढ़ सदर अस्पताल प्रबंधक की ओर से के बायो वेस्ट को आवासीय कॉलोनी के बगल में नदी के पास फेंका जा रहा है, जिससे वहां रहने वाले लोग डरे हुए हैं. बदबू और गंदे कपड़े को जानवर चारों ओर फैला रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा इन आवासीय परिसर में बना रहता है. लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है. खुले जगहों पर ही मेडिकल वेस्ट फेंके जाने से आसपास रह रहे लोगों के साथ-साथ पर्यावरण को भी खतरा है.
नियम कानून की धज्जियां
प्रावधानों के अनुसार, बायो मेडिकल कचरे को खुले में डालने पर अस्पतालों के खिलाफ जुर्माने व सजा का भी प्रावधान है, लेकिन जिसे फाइन करना है या जिसे देखरेख करना है वही पूरे नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहा है. अब सवाल यह है कि आखिर कौन करेगा इसकी देखराख?