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30 अक्टूबर को मनाया जाएगा ईद मिलादुन्नबी, सभी मस्जिद कुमकुम से सजकर तैयार - Eid Miladunnabi

शुक्रवार को पैगंबर हजरत मोहम्मद के यौम-ए-पैदाइश के मौके पर ईद मिलादुन्नबी मनाया जाएगा. इसे लेकर रामगढ़ में पूरी तैयारी कर ली गई है. सभी मस्जिदों के रंग बिरंगी रोशनी से सजाया गया है. कोविड-19 के कारण इस बार जुलूस नहीं निकाली जाएगी.

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मनाया जाएगा ईद मिलादुन्नबी
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Published : Oct 29, 2020, 9:16 PM IST

रामगढ़: पैगंबर हजरत मोहम्मद के यौम-ए-पैदाइश के मौके पर शुक्रवार को ईद मिलादुन्नबी मनाया जाएगा. इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. रामगढ़ के विभिन्न मस्जिदों को आकर्षक कुमकुमों से सजाया गया है. वहीं रास्तों को भी जगमाती रोशनी से संवारा गया है. इस बार कोविड-19 को लेकर जुलूस नहीं निकाली जाएगी.

देखें पूरी खबर

पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद के यौम-ए-पैदाइश के दिन पूरी दुनिया ईद मिलादुन्नबी के रूप में जानती और मानती है. ईद मिलादुन्नबी के मौके पर शुक्रवार को शहर और गांव के विभिन्न हिस्सों में मोहम्मदी मनाया जाएगा. जुलूस-ए-मोहम्मदी में हजरत मोहम्मद साहब के जीवन कुरान और हदीस से जुड़ी झांकियां और मस्जिदों के मॉडल और रौज-ए-रसूल का मॉडल आकर्षण का केंद्र रहेगा. उलमाए कराम अपने तकरीरों में लोगों से सच्चाई, ईमानदारी और इस्लामी कानून के मुताबिक जिंदगी गुजारने का आह्वान किया जाएगा.

इसे भी पढे़ं:- जल संरक्षण को लेकर 5 लाख पौधे लगाए जाएंगे, वन विभाग ने कहा- जल और जंगल बचाना सबका काम


नूरी जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल हमीद ने कहा कि इस बार कोविड-19 की वजह से और सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए जुलूस नहीं निकाली जाएगी. मस्जिद के इमाम ने कहा कि मोहम्मद साहब पूरी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजे गए हैं.

रामगढ़: पैगंबर हजरत मोहम्मद के यौम-ए-पैदाइश के मौके पर शुक्रवार को ईद मिलादुन्नबी मनाया जाएगा. इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है. रामगढ़ के विभिन्न मस्जिदों को आकर्षक कुमकुमों से सजाया गया है. वहीं रास्तों को भी जगमाती रोशनी से संवारा गया है. इस बार कोविड-19 को लेकर जुलूस नहीं निकाली जाएगी.

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पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद के यौम-ए-पैदाइश के दिन पूरी दुनिया ईद मिलादुन्नबी के रूप में जानती और मानती है. ईद मिलादुन्नबी के मौके पर शुक्रवार को शहर और गांव के विभिन्न हिस्सों में मोहम्मदी मनाया जाएगा. जुलूस-ए-मोहम्मदी में हजरत मोहम्मद साहब के जीवन कुरान और हदीस से जुड़ी झांकियां और मस्जिदों के मॉडल और रौज-ए-रसूल का मॉडल आकर्षण का केंद्र रहेगा. उलमाए कराम अपने तकरीरों में लोगों से सच्चाई, ईमानदारी और इस्लामी कानून के मुताबिक जिंदगी गुजारने का आह्वान किया जाएगा.

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नूरी जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल हमीद ने कहा कि इस बार कोविड-19 की वजह से और सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हुए जुलूस नहीं निकाली जाएगी. मस्जिद के इमाम ने कहा कि मोहम्मद साहब पूरी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजे गए हैं.

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