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रामगढ़ में किसानों की उम्मीदों पर ग्रहण, धान की फसल में लगे कीड़े से हैं परेशान

रामगढ़ जिले में धान की फसल में रोग लग रहा है. इससे फसल बर्बाद हो रही है. जिसकी वजह से किसान काफी परेशान हैं. वहीं विभाग कि तरफ से किसानों को फसलों पर दवाई का छिड़काव करने के लिए दिशा निर्देश दिया जा रहा है.

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Published : Oct 30, 2020, 8:13 AM IST

paddy crop fields in ramgarh
धान की फसल हो रही खराब

रामगढ़: जिले में खेतों में लगी धान की फसल में बीमारी लगने के कारण फसलें बर्बाद हो रही है. इस बार खेतों में धान की फसल काफी अच्छी हुई. जिससे किसानों के चेहरे में खुशी की झलक देखी जा रही थी. लेकिन जैसे-जैसे धान पकने का समय आया, वैसे-वैसे अधिकांश खेतों में लगे धान की फसलों में बीमारी लगने लगी. इससे किसानों में मायूसी छा गई है.

देखें पूरी खबर


किसानों को धान की फसल से थी उम्मीद
इस बार किसान सोच रहे थे कि अच्छी बारिश के कारण धान की फसल उम्मीद से ज्यादा बेहतर होगी. लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. क्योंकि ब्राउन प्लांट हूपर्स नामक कीड़े धान की फसल के लिए संकट बन गए हैं. यह कीट पौधे का रस चूस कर उसके भोजन प्रवाह को अवरुद्ध कर देता है. इससे पौधा सूख जाता है और अधिक तेजी से प्रकोप होने पर गोलाकार समूह में फसल जलने जैसी दिखाई देती है. फसल नष्ट होने से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. किसानों ने जिला प्रशासन से उचित मुआवजा देने की मांग की है.

फसल बीमा योजना बंद
किसान नकुल महतो ने कहा कि धान की फसल में बीमारी लगने के कारण वो पूरी तरह से बर्बाद हो रही है, जिससे हम लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा. कृषक मित्र सतीश कुमार ने कहा कि धान की फसलों में बीमारी लगने से किसानों को काफी क्षति हुई है. इसपर सरकार की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और राज्य सरकार की तरफ से भी फसल बीमा योजना को बंद कर दिया गया है. इससे किसानों के सामने बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है.

इसे भी पढ़ें-धरातल पर नहीं उतर सकी पीएम स्वनिधि योजना, भुखमरी के कगार पर स्ट्रीट वेंडर


किया गया खेतों का निरीक्षण
कृषि प्रौधोगिकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा के उप परियोजना निदेशक चंद्रमौली सिंह और तकनीकी प्रबंधक ने कई क्षेत्रों में जा कर खेतों का निरीक्षण कर किसानों को इस बीमारी से अपने फसलों को बचाने के कई उपाय बताए. आत्मा के निदेशक चंद्रमौली सिंह ने कहा कि जिले में कीट का प्रकोप है. मगर सही समय पर दवाइयों के छिड़काव से इसे बचाया जा सकता है.

कौन सा है रोग
यह रोग राइस हुपर्स कीड़े के कारण होता है जो कि प्रथम दृष्ट्या यह ब्राउन पौधा हुपर्स का संक्रमण प्रतीत हो रहा है. इसका फैलाव तेजी से हो रहा है. इस कीट की तरफ से जिले में खेतो में 10-15 प्रतिशत की फसल की हानि हो चुकी है. मौसम की अनुकूलता के कारण यह क्षति लगातार बढ़ सकती है. ब्राउन प्लांट हूपर्स कीट धान की पत्तियों या तने के रस चूसकर फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. इससे पौधे के नीचले हिस्से पर काले रंग की फफूंदी भी उग जाती है. इससे पौधों की प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया ठप हो जाती है और भोजन न मिलने की स्थिति में पौधा सूख जाता है. इस रोग से शेष धान की फसल को बचाने की चिंता किसानों को सताने लगी है.

रामगढ़: जिले में खेतों में लगी धान की फसल में बीमारी लगने के कारण फसलें बर्बाद हो रही है. इस बार खेतों में धान की फसल काफी अच्छी हुई. जिससे किसानों के चेहरे में खुशी की झलक देखी जा रही थी. लेकिन जैसे-जैसे धान पकने का समय आया, वैसे-वैसे अधिकांश खेतों में लगे धान की फसलों में बीमारी लगने लगी. इससे किसानों में मायूसी छा गई है.

देखें पूरी खबर


किसानों को धान की फसल से थी उम्मीद
इस बार किसान सोच रहे थे कि अच्छी बारिश के कारण धान की फसल उम्मीद से ज्यादा बेहतर होगी. लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. क्योंकि ब्राउन प्लांट हूपर्स नामक कीड़े धान की फसल के लिए संकट बन गए हैं. यह कीट पौधे का रस चूस कर उसके भोजन प्रवाह को अवरुद्ध कर देता है. इससे पौधा सूख जाता है और अधिक तेजी से प्रकोप होने पर गोलाकार समूह में फसल जलने जैसी दिखाई देती है. फसल नष्ट होने से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है. किसानों ने जिला प्रशासन से उचित मुआवजा देने की मांग की है.

फसल बीमा योजना बंद
किसान नकुल महतो ने कहा कि धान की फसल में बीमारी लगने के कारण वो पूरी तरह से बर्बाद हो रही है, जिससे हम लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा. कृषक मित्र सतीश कुमार ने कहा कि धान की फसलों में बीमारी लगने से किसानों को काफी क्षति हुई है. इसपर सरकार की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है और राज्य सरकार की तरफ से भी फसल बीमा योजना को बंद कर दिया गया है. इससे किसानों के सामने बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है.

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किया गया खेतों का निरीक्षण
कृषि प्रौधोगिकी प्रबंधन अभिकरण आत्मा के उप परियोजना निदेशक चंद्रमौली सिंह और तकनीकी प्रबंधक ने कई क्षेत्रों में जा कर खेतों का निरीक्षण कर किसानों को इस बीमारी से अपने फसलों को बचाने के कई उपाय बताए. आत्मा के निदेशक चंद्रमौली सिंह ने कहा कि जिले में कीट का प्रकोप है. मगर सही समय पर दवाइयों के छिड़काव से इसे बचाया जा सकता है.

कौन सा है रोग
यह रोग राइस हुपर्स कीड़े के कारण होता है जो कि प्रथम दृष्ट्या यह ब्राउन पौधा हुपर्स का संक्रमण प्रतीत हो रहा है. इसका फैलाव तेजी से हो रहा है. इस कीट की तरफ से जिले में खेतो में 10-15 प्रतिशत की फसल की हानि हो चुकी है. मौसम की अनुकूलता के कारण यह क्षति लगातार बढ़ सकती है. ब्राउन प्लांट हूपर्स कीट धान की पत्तियों या तने के रस चूसकर फसल को भारी नुकसान पहुंचाते हैं. इससे पौधे के नीचले हिस्से पर काले रंग की फफूंदी भी उग जाती है. इससे पौधों की प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया ठप हो जाती है और भोजन न मिलने की स्थिति में पौधा सूख जाता है. इस रोग से शेष धान की फसल को बचाने की चिंता किसानों को सताने लगी है.

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