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रामगढ़: बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज, मां को मुखाग्नि देकर किया अंतिम संस्कार - बेटी ने दी मां को मुखाग्नि

भारतीय परंपरा के मुताबिक बेटे ही माता-पिता को मुखाग्नि देते रहे हैं, लेकिन रामगढ़ में अब यह परंपरा टूट चुकी है. जिले की रहने वाली संगीता ने बेटा को फर्ज निभाते हुए अपने मां को मुखाग्नि दी और उनका अंतिम संस्कार किया.

मुखाग्नि देती बेटी
मुखाग्नि देती बेटी
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Published : May 19, 2020, 4:30 PM IST

Updated : May 19, 2020, 4:48 PM IST

रामगढ़: जिले में रजरप्पा सीसीएल इलाके की रहने वाली एक बेटी ने अपनी मां के अंतिम संस्कार में बेटे का फर्ज निभाते हुए कंधा दिया. इसके बाद अपनी मां को मुखाग्नि भी दी. इसे देख वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं और सिर श्रद्धा में झुक गए.

देखें पूरी खबर

रामगढ़ के रजरप्पा सीसीएल इलाके के सीसीएल जुबली अस्पताल में कार्यरत मालती देवी की मंगलवार को मौत हो गई. जिसके बाद बेटी संगीता ने बेटे का फर्ज निभाया और पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए मिसाल पेश की. बेटी ने खुद अपने हाथों अपनी मां का अंतिम संस्कार किया.

रजरप्पा से सटे बाह्माणधारा स्थित भेड़ा नदी के तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. शवयात्रा में बेटी खुद अपने कंधे पर मां की अर्थी लेकर वामनधारा घाट पहुंची. इस दौरान अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोग शामिल हुए. बेटी को कंधा देते देख वहां मौजूद लोग भी गमगीन हो गए. जिसने भी यह नजारा देखा उनकी आंखें नम हो गयी और श्रद्धा से सिर झुक गया.

पढ़ें- चक्रवात अम्फान : सुदर्शन पटनायक ने बनाया सैंड आर्ट, लोगों से सतर्क रहने की अपील

संगीता ने कहा कि उसके आगे पीछे कोई नहीं था, जिसके कारण उसने मां को मुखाग्नि और कंधा दिया, उन्होंने अपने फर्ज को पूरा किया है, जो कि उसकी जिम्मेदारी थी.

रामगढ़: जिले में रजरप्पा सीसीएल इलाके की रहने वाली एक बेटी ने अपनी मां के अंतिम संस्कार में बेटे का फर्ज निभाते हुए कंधा दिया. इसके बाद अपनी मां को मुखाग्नि भी दी. इसे देख वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं और सिर श्रद्धा में झुक गए.

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रामगढ़ के रजरप्पा सीसीएल इलाके के सीसीएल जुबली अस्पताल में कार्यरत मालती देवी की मंगलवार को मौत हो गई. जिसके बाद बेटी संगीता ने बेटे का फर्ज निभाया और पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए मिसाल पेश की. बेटी ने खुद अपने हाथों अपनी मां का अंतिम संस्कार किया.

रजरप्पा से सटे बाह्माणधारा स्थित भेड़ा नदी के तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. शवयात्रा में बेटी खुद अपने कंधे पर मां की अर्थी लेकर वामनधारा घाट पहुंची. इस दौरान अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोग शामिल हुए. बेटी को कंधा देते देख वहां मौजूद लोग भी गमगीन हो गए. जिसने भी यह नजारा देखा उनकी आंखें नम हो गयी और श्रद्धा से सिर झुक गया.

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संगीता ने कहा कि उसके आगे पीछे कोई नहीं था, जिसके कारण उसने मां को मुखाग्नि और कंधा दिया, उन्होंने अपने फर्ज को पूरा किया है, जो कि उसकी जिम्मेदारी थी.

Last Updated : May 19, 2020, 4:48 PM IST
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