रामगढ़: बीती रात रामगढ़ जिले के पतरातू थाना क्षेत्र में संगठित आपराधिक गिरोह के सदस्यों को पकड़ने गई एटीएस की टीम और रामगढ़ पुलिस पर अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी. जिसमें एटीएस के डीएसपी नीरज गंभीर रूप से घायल हो गए. जिनका इलाज अभी रांची मेडिका अस्पताल में चल रहा है. पूरे मामले की गंभीरता को लेते हुए पूरे इलाके को सील कर दिया गया है.
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इसको लेकर कई टीमें विभिन्न स्थानों में छापेमारी कर रही हैं. पूरे मामले को लेकर सीआईडी की टीम घटनास्थल पर पहुंची है और पूरे घटनाक्रम की समीक्षा कर रही है. मौका-ए-वारदात की स्केचिंग की जा रही है. साथ ही पूरे इलाके से सबूत इकट्ठा किये जा रहे हैं. सीआईटी की टीम ने फायरिंग वाली जगह को निशान लगाकर पूरी तरह से घेर दिया है. साथ ही उस स्थल का बारीकी से निरीक्षण किया जा रहा है.
सीआईडी की टीम कर रही जांच: आसपास के जिलों और संदिग्ध कई स्थानों पर लगातार छापेमारी चल रही है. मामले में पुलिस तो सक्रिय है ही. साथ ही साथ सीआईडी की टीम सक्रिय दिख रही है. घटनास्थल पर पहुंचकर पूरे घटनास्थल पर स्केचिंग कर मार्किंग कर घटना की जांच पड़ताल में जुटी हुई है. रांची से सीआईडी की 6 सदस्य टीम डीएसपी जेवीएन चौधरी के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंची. सीआईडी डीएसपी जेवीएन चौधरी ने बताया कि घटना हुई है. उसी को लेकर जांच करने आए हैं. क्या वारदात हुई थी जांच की रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को दी जाएगी. कई इनपुट पर काम चल रहा है.
बाएं पैर से गोली छूते हुए निकल गई: पतरातू केटेल पास में बीती रात सिविल ड्रेस में गुप्त सूचना के आधार पर अपराधियों को पकड़ने के लिए एटीएस की टीम और रामगढ़ पुलिस उक्त स्थल पर गई थी. घटना से कुछ दूर पहले ही सड़क पर अपनी गाड़ी को खड़ा कर पैदल अपराधियों के गिरफ्तारी के लिए टीम जा रही थी. इसी दौरान जैसे ही टीम नजदीक पहुंची वैसे ही दूसरी ओर से अपराधियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. जिसमें एटीएस के डीएसपी नीरज को पेट में और रामगढ़ के सब इंस्पेक्टर को गोली बाएं पैर से छूते हुए निकल गई. जिसके बाद वहां अफरा-तफरी का माहौल हो गया.
अंधेरे का फायदा उठाकर हुए फरार: अपराधी अंधेरे और जंगल का लाभ उठाकर फरार हो गए. टीम के सदस्यों ने घायल डीएसपी और सब इंस्पेक्टर को इलाज के लिए निजी नर्सिंग होम में ले गए. जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए रांची मेडिका में भर्ती कराया गया. घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक पूरे मामले की कमान खुद अपने हाथों में ले ली. घटनास्थल का निरीक्षण किया और अपराधियों की धरपकड़ के लिए कई टीमें बनाई गई हैं.