ETV Bharat / state

रामगढ़ में स्कूलों का बुरा हाल, कहीं शिक्षक सो रहे तो कहीं बच्चे दूसरे विद्यार्थियों को पढ़ा रहे - रामगढ़ न्यूज

रामगढ़ में दो स्कूलों की ग्राउंड रिपोर्ट जिले की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल रही है. ऐसी शैक्षणिक व्यवस्था में सरकारी स्कूलों के बच्चे दूसरे बच्चों से कैसे प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे उस पर सवाल उठ रहे हैं. पढ़िये बूढ़ा खाप प्राइमरी स्कूल और उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंबाटांड करमा रामगढ़ की ग्राउंड रिपोर्ट.

condition of educational system Ramgarh Upgraded Middle School Amba Tand Karma and Budhakhap Primary School
बूढ़ा खाप प्राइमरी स्कूल
author img

By

Published : Jul 30, 2022, 7:55 PM IST

Updated : Jul 30, 2022, 8:35 PM IST

रामगढ़: जिले में शैक्षणिक व्यवस्था का गजब हाल है. भारी भरकम सैलरी लेने वाले शिक्षक मनमाना हैं और शैक्षणिक व्यवस्था गर्त में जा रही है. रामगढ़ जिले के दो स्कूलों की ग्राउंड रिपोर्ट से एक बार फिर इसका खुलासा हुआ है. इन स्कूलों में कहीं शिक्षक स्कूल में सोते मिले तो कहीं शिक्षक न होने से बच्चे ही बच्चों को पढ़ाते मिले. इससे आप सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता का अंदाजा लगा सकते हैं.


ये भी पढ़ें-सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल ने लिया था नामांकन के नाम पर पैसा, जांच टीम ने डीएसई को सौंपी रिपोर्ट

बूढ़ा खाप प्राइमरी स्कूलः बता दें कि ईटीवी भारत की टीम सबसे पहले बूढ़ाखाप के प्राइमरी स्कूल पहुंची. यहां एक कमरे में एक टीचर जमीन में आराम से सोए मिले. कैमरा देख बताया कि सिर में दर्द था. हालांकि इस स्कूल में 26 बच्चों का नामांकन है जबकि 12 बच्चे उपस्थित थे.

देखें पूरी खबर
उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंबाटांड करमाः बूढ़ा खाप के बाद ईटीवी भारत की टीम मांडू प्रखंड के ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंबा टांड करमा स्कूल पहुंची. यहां स्कूल का कैंपस तो काफी बड़ा था कमरों की संख्या भी अच्छी खासी थी. लेकिन हालात शिक्षा की लचर व्यवस्था की कहानी सुना रहे थे. एक कमरे में जमीन पर ही बच्चे बैठे मिले और एक छात्रा उन बच्चों को पढ़ा रही थी. हर एक क्लास रूम में दो क्लास के बच्चे बैठे थे. केवल सातवीं और आठवीं के बच्चे अलग-अलग कक्षाओं में बैठे नजर आए, जबकि यह उत्क्रमित विद्यालय है. इस विद्यालय में कुल 125 बच्चों का नामांकन है.
Upgraded Middle School Amba Tand Karma
उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंबाटांड करमा

बच्चे-बच्चों को पढ़ा रहे उनकी पढ़ाई छूट रहीः आसपास के इलाके के बच्चे इस स्कूल में पढ़ने तो आते हैं लेकिन उन्हें गुणवत्ता युक्त शिक्षा नहीं मिल पाती है. क्योंकि प्राइमरी के टीचर ही छठी सातवीं और आठवीं के बच्चों को भी पढ़ाते हैं. बच्चों ने कहा कि उन्हें काफी कठिनाई होती है कभी-कभी यदि एक टीचर नहीं पहुंचते हैं तो अपने से नीचे के क्लास के बच्चों को पढ़ाना होता है और जब उनके क्लास में टीचर पढ़ाने पहुंचते हैं तो उनकी पढ़ाई छूट जाती है.

condition of educational system Ramgarh Upgraded Middle School Amba Tand Karma and Budhakhap Primary School
जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं बच्चे

इस संबंध में स्कूल के प्राचार्य का कहना था कि यह स्कूल प्राइमरी से उत्क्रमित हुआ है. लेकिन उत्क्रमित मध्य विद्यालय होने के बावजूद प्राइमरी क्लास के शिक्षक ही उत्क्रमित बच्चों को पढ़ा रहे हैं दिक्कत तो होती है लेकिन क्या करें मजबूरी है. सरकार से और शिक्षा विभाग से बार-बार शिक्षकों की कमी की दुहाई दी गई है. लेकिन इस पर अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हो पाई है. इस स्कूल में तड़ित चालक भी नहीं है.

स्कूल में बंधते हैं मवेशी, पानी की भी कमीः स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल की बाउंड्री नहीं है. इससे लोग स्कूल में मवेशी बांध देते हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है. यही नहीं इस स्कूल में पानी की कमी है, जिसके कारण बच्चे शौचालय इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं.

रामगढ़: जिले में शैक्षणिक व्यवस्था का गजब हाल है. भारी भरकम सैलरी लेने वाले शिक्षक मनमाना हैं और शैक्षणिक व्यवस्था गर्त में जा रही है. रामगढ़ जिले के दो स्कूलों की ग्राउंड रिपोर्ट से एक बार फिर इसका खुलासा हुआ है. इन स्कूलों में कहीं शिक्षक स्कूल में सोते मिले तो कहीं शिक्षक न होने से बच्चे ही बच्चों को पढ़ाते मिले. इससे आप सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता का अंदाजा लगा सकते हैं.


ये भी पढ़ें-सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल ने लिया था नामांकन के नाम पर पैसा, जांच टीम ने डीएसई को सौंपी रिपोर्ट

बूढ़ा खाप प्राइमरी स्कूलः बता दें कि ईटीवी भारत की टीम सबसे पहले बूढ़ाखाप के प्राइमरी स्कूल पहुंची. यहां एक कमरे में एक टीचर जमीन में आराम से सोए मिले. कैमरा देख बताया कि सिर में दर्द था. हालांकि इस स्कूल में 26 बच्चों का नामांकन है जबकि 12 बच्चे उपस्थित थे.

देखें पूरी खबर
उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंबाटांड करमाः बूढ़ा खाप के बाद ईटीवी भारत की टीम मांडू प्रखंड के ही उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंबा टांड करमा स्कूल पहुंची. यहां स्कूल का कैंपस तो काफी बड़ा था कमरों की संख्या भी अच्छी खासी थी. लेकिन हालात शिक्षा की लचर व्यवस्था की कहानी सुना रहे थे. एक कमरे में जमीन पर ही बच्चे बैठे मिले और एक छात्रा उन बच्चों को पढ़ा रही थी. हर एक क्लास रूम में दो क्लास के बच्चे बैठे थे. केवल सातवीं और आठवीं के बच्चे अलग-अलग कक्षाओं में बैठे नजर आए, जबकि यह उत्क्रमित विद्यालय है. इस विद्यालय में कुल 125 बच्चों का नामांकन है.
Upgraded Middle School Amba Tand Karma
उत्क्रमित मध्य विद्यालय अंबाटांड करमा

बच्चे-बच्चों को पढ़ा रहे उनकी पढ़ाई छूट रहीः आसपास के इलाके के बच्चे इस स्कूल में पढ़ने तो आते हैं लेकिन उन्हें गुणवत्ता युक्त शिक्षा नहीं मिल पाती है. क्योंकि प्राइमरी के टीचर ही छठी सातवीं और आठवीं के बच्चों को भी पढ़ाते हैं. बच्चों ने कहा कि उन्हें काफी कठिनाई होती है कभी-कभी यदि एक टीचर नहीं पहुंचते हैं तो अपने से नीचे के क्लास के बच्चों को पढ़ाना होता है और जब उनके क्लास में टीचर पढ़ाने पहुंचते हैं तो उनकी पढ़ाई छूट जाती है.

condition of educational system Ramgarh Upgraded Middle School Amba Tand Karma and Budhakhap Primary School
जमीन पर बैठकर पढ़ते हैं बच्चे

इस संबंध में स्कूल के प्राचार्य का कहना था कि यह स्कूल प्राइमरी से उत्क्रमित हुआ है. लेकिन उत्क्रमित मध्य विद्यालय होने के बावजूद प्राइमरी क्लास के शिक्षक ही उत्क्रमित बच्चों को पढ़ा रहे हैं दिक्कत तो होती है लेकिन क्या करें मजबूरी है. सरकार से और शिक्षा विभाग से बार-बार शिक्षकों की कमी की दुहाई दी गई है. लेकिन इस पर अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हो पाई है. इस स्कूल में तड़ित चालक भी नहीं है.

स्कूल में बंधते हैं मवेशी, पानी की भी कमीः स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल की बाउंड्री नहीं है. इससे लोग स्कूल में मवेशी बांध देते हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है. यही नहीं इस स्कूल में पानी की कमी है, जिसके कारण बच्चे शौचालय इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं.

Last Updated : Jul 30, 2022, 8:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.