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रामगढ़: सीटू ने किया रेलवे के निजीकरण का विरोध, कहा- रेलवे का निजीकरण जनता के साथ धोखा है - रामगढ़ में सीटू ने रेलवे के निजीकरण का विरोध किया

रामगढ़ में सीटू ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. यूनियन के अध्यक्ष मिथिलेश सिंह ने कहा कि कोरोना की आड़ में सरकार रेलवे का निजीकरण कर रही है और रेलवे को कॉर्पोरेट घरानों के हाथ में दे रही है. उन्होंने कहा कि रेलवे देश के लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराती है और केंद्र सरकार रेलवे को निजी हाथों में देना चाहती है, जो देशहित में नहीं है.

CITU protested against privatization of railways in ramgarh
सीटू ने किया विरोध प्रदर्शन
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Published : Jul 17, 2020, 9:33 PM IST

Updated : Aug 14, 2020, 7:00 PM IST

रामगढ़: सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के राष्ट्रव्यापी आव्हान पर केंद्र सरकार की ओर से रेलवे के निजीकरण किए जाने के विरोध किया. जिसमें सीटू के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने बरकाकाना कंट्रोल ऑफिस के पास प्रदर्शन किया गया. विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने हाथों में झंडा-बैनर लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

देखें पूरी खबर

यूनियन के अध्यक्ष मिथिलेश सिंह ने कहा कि कोरोना की आड़ में सरकार रेलवे का निजीकरण कर रही है और रेलवे को कॉर्पोरेट घरानों के हाथ में दे रही है. उन्होंने कहा कि रेलवे देश के लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराती है और केंद्र सरकार रेलवे को निजी हाथों में देना चाहती है, जो ना तो देशहित में है और ना ही जनहित में है. उन्होंने कहा कि यूनियन केंद्र सरकार के ऐसे जनता विरोधी फैसले का विरोध करती है, रेलवे देश की संपत्ति है, जिसका निजीकरण जनता के साथ धोखा है, निजी हाथों में देने से देश की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.

इसे भी पढे़ं:- रामगढ़ में अवैध तरीके से कोयले की हेराफेरी का चल रहा खेल, अधिकारियों की मिलीभगत के लग रहे आरोप


सीटू की 5 सूत्री मांग

1. रेलवे के निजीकरण करने का फैसला वापस लिया जाए, इस पर अविलंब रोक लगाई जाए.
2. रेलवे में लगे सभी कॉन्ट्रैक्ट वर्करों और असंगठित मजदूरों को नियमित किया जाए.
3. समान काम का समान वेतन लागू किया जाए.
4. श्रम कानूनों में संशोधन करना बंद करें और श्रम कानून को सख्ती से लागू किया जाए.
5. सार्वजनिक क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा सहित सभी सार्वजनिक संस्थाओं को मजबूत किया जाए और इसे निजी घरानों को देना बंद किया जाए.

रामगढ़: सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के राष्ट्रव्यापी आव्हान पर केंद्र सरकार की ओर से रेलवे के निजीकरण किए जाने के विरोध किया. जिसमें सीटू के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने बरकाकाना कंट्रोल ऑफिस के पास प्रदर्शन किया गया. विरोध-प्रदर्शन कर रहे लोगों ने हाथों में झंडा-बैनर लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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यूनियन के अध्यक्ष मिथिलेश सिंह ने कहा कि कोरोना की आड़ में सरकार रेलवे का निजीकरण कर रही है और रेलवे को कॉर्पोरेट घरानों के हाथ में दे रही है. उन्होंने कहा कि रेलवे देश के लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराती है और केंद्र सरकार रेलवे को निजी हाथों में देना चाहती है, जो ना तो देशहित में है और ना ही जनहित में है. उन्होंने कहा कि यूनियन केंद्र सरकार के ऐसे जनता विरोधी फैसले का विरोध करती है, रेलवे देश की संपत्ति है, जिसका निजीकरण जनता के साथ धोखा है, निजी हाथों में देने से देश की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.

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सीटू की 5 सूत्री मांग

1. रेलवे के निजीकरण करने का फैसला वापस लिया जाए, इस पर अविलंब रोक लगाई जाए.
2. रेलवे में लगे सभी कॉन्ट्रैक्ट वर्करों और असंगठित मजदूरों को नियमित किया जाए.
3. समान काम का समान वेतन लागू किया जाए.
4. श्रम कानूनों में संशोधन करना बंद करें और श्रम कानून को सख्ती से लागू किया जाए.
5. सार्वजनिक क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा सहित सभी सार्वजनिक संस्थाओं को मजबूत किया जाए और इसे निजी घरानों को देना बंद किया जाए.

Last Updated : Aug 14, 2020, 7:00 PM IST

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