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फर्जी पासपोर्ट मामले में बांग्लादेशी नागरिक को साढ़े सात साल की सजा, एक का लाख जुर्माना

रामगढ़ जिला व्यवहार न्यायालय ने बांग्लादेशी नागरिक शेख फरीदुल आलम को फर्जी पासपोर्ट मामले में साढ़े सात साल की सजा सुनाई है. आरोपी को 2014 में कोलकाता से पकड़ा गया था. उसने रामगढ़ जिले के चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के इस्लाम नगर के पते को दर्शाते हुए गलत कागजात के आधार पर अपना पासपोर्ट बनवाया था.

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Published : Apr 13, 2021, 1:07 AM IST

रामगढ़ : रामगढ़ जिला व्यवहार न्यायालय में जिला जज तृतीय रजनीकांत पाठक के न्यायालय ने रामगढ़ उपकारा में बंद बांग्लादेशी नागरिक शेख फरीदुल आलम को साढ़े सात साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. न देने पर अतिरिक्त कारावास का प्रावधान किया है.

यह भी पढ़ेंः लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने ली कोरोना मरीज की जान, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

जिले के चितरपुर प्रखंड क्षेत्र से जाली पासपोर्ट, आधार कार्ड व वोटर कार्ड बनवाने के मामले में बांग्लादेशी नागरिक को गत छह अप्रैल को न्यायालय ने दोषी करार दिया था.

सजा के बिदु पर सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई थी. न्यायालय ने बंगलादेश के फरीदपुर निवासी शेख फरीदुल आलम को इंडियन फारेन एक्ट 14 (ए), 14 (बी), भादवि की धारा 419, 468, 471 के तहत दोषी पाया था.

इंडियन फारेन एक्ट 14 (ए) व 14 (बी) में साढ़े सात-साढ़े सात वर्ष की सजा व 40-40 हजार रुपए जुर्माना, नहीं देने पर एक-एक वर्ष की सजा, भादवि की धारा 419 में दो साल सजा और 5 हजार रुपये जुर्माना लगाया है.

नहीं देने पर दो महीने का अतिरिक्त कारावास, भादवि की धारा 468 में पांच साल सजा व 10 हजार रुपए जुर्माना, नहीं देने पर चार महीने की सजा, भादवि की धारा 471 में दो साल सजा व पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया है.

जुर्माने की राशि नहीं देने पर दो महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. सभी सजा साथ-साथ चलेगी. इस मामले में अपर लोक अभियोजक एस के शुक्ला ने तत्कालीन अनुसंधान अधिकारी एएसआई उमेश कुमार शर्मा सहित कुल 12 लोगों का बयान न्यायालय में दर्ज कराया था.

प्रस्तुत साक्ष्यों व अपर लोक अभियोजक के दलीलों के आधार पर न्यायालय ने फरीदुल को 6 अप्रैल को दोषी करार दे दिया था . जिसकी सजा के बिंदु पर आज सुनवाई हुई है.

क्या था मामला

शेख फरीदुल आलम को कोलकाता एयरपोर्ट में छह नवंबर 2014 में पकड़ा गया था. उसके पास से बांग्लादेश व हिंदुस्तान का पासपोर्ट बरामद हुआ था. उसने रामगढ़ जिले के चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के इस्लाम नगर के पते को दर्शाते हुए गलत कागजात के आधार पर अपना पासपोर्ट बनवाया था.

इस मामले में कोलकाता के पंचशायर थाने में कांड संख्या 153/2014 दर्ज हुआ था. उसके पास से रेसिडेंट परमिट भी फरीदपुर बांग्लादेश के नाम पर था.

मामले में रजरप्पा थाना पुलिस ने कांड संख्या 05/2015 दर्ज किया था, जिसके बाद उसे रजरप्पा थाना पुलिस रिमांड पर रामगढ़ लाई थी.

पूछताछ के दौरान यह मामला सामने आया था कि फर्जी कागजात के आधार पर कई दस्तावेज तैयार करा लिया था हजारीबाग के बरही में फर्जी कागजात से जमीन की रजिस्ट्री व यूको बैंक में खाता भी खुलवा लिया था .

रामगढ़ : रामगढ़ जिला व्यवहार न्यायालय में जिला जज तृतीय रजनीकांत पाठक के न्यायालय ने रामगढ़ उपकारा में बंद बांग्लादेशी नागरिक शेख फरीदुल आलम को साढ़े सात साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. न देने पर अतिरिक्त कारावास का प्रावधान किया है.

यह भी पढ़ेंः लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने ली कोरोना मरीज की जान, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

जिले के चितरपुर प्रखंड क्षेत्र से जाली पासपोर्ट, आधार कार्ड व वोटर कार्ड बनवाने के मामले में बांग्लादेशी नागरिक को गत छह अप्रैल को न्यायालय ने दोषी करार दिया था.

सजा के बिदु पर सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई थी. न्यायालय ने बंगलादेश के फरीदपुर निवासी शेख फरीदुल आलम को इंडियन फारेन एक्ट 14 (ए), 14 (बी), भादवि की धारा 419, 468, 471 के तहत दोषी पाया था.

इंडियन फारेन एक्ट 14 (ए) व 14 (बी) में साढ़े सात-साढ़े सात वर्ष की सजा व 40-40 हजार रुपए जुर्माना, नहीं देने पर एक-एक वर्ष की सजा, भादवि की धारा 419 में दो साल सजा और 5 हजार रुपये जुर्माना लगाया है.

नहीं देने पर दो महीने का अतिरिक्त कारावास, भादवि की धारा 468 में पांच साल सजा व 10 हजार रुपए जुर्माना, नहीं देने पर चार महीने की सजा, भादवि की धारा 471 में दो साल सजा व पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया है.

जुर्माने की राशि नहीं देने पर दो महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है. सभी सजा साथ-साथ चलेगी. इस मामले में अपर लोक अभियोजक एस के शुक्ला ने तत्कालीन अनुसंधान अधिकारी एएसआई उमेश कुमार शर्मा सहित कुल 12 लोगों का बयान न्यायालय में दर्ज कराया था.

प्रस्तुत साक्ष्यों व अपर लोक अभियोजक के दलीलों के आधार पर न्यायालय ने फरीदुल को 6 अप्रैल को दोषी करार दे दिया था . जिसकी सजा के बिंदु पर आज सुनवाई हुई है.

क्या था मामला

शेख फरीदुल आलम को कोलकाता एयरपोर्ट में छह नवंबर 2014 में पकड़ा गया था. उसके पास से बांग्लादेश व हिंदुस्तान का पासपोर्ट बरामद हुआ था. उसने रामगढ़ जिले के चितरपुर प्रखंड क्षेत्र के इस्लाम नगर के पते को दर्शाते हुए गलत कागजात के आधार पर अपना पासपोर्ट बनवाया था.

इस मामले में कोलकाता के पंचशायर थाने में कांड संख्या 153/2014 दर्ज हुआ था. उसके पास से रेसिडेंट परमिट भी फरीदपुर बांग्लादेश के नाम पर था.

मामले में रजरप्पा थाना पुलिस ने कांड संख्या 05/2015 दर्ज किया था, जिसके बाद उसे रजरप्पा थाना पुलिस रिमांड पर रामगढ़ लाई थी.

पूछताछ के दौरान यह मामला सामने आया था कि फर्जी कागजात के आधार पर कई दस्तावेज तैयार करा लिया था हजारीबाग के बरही में फर्जी कागजात से जमीन की रजिस्ट्री व यूको बैंक में खाता भी खुलवा लिया था .

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