दुमका: नक्सल प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों को बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने अलग से विकास योजना बनाकर उसे धरातल पर उतारने की व्यवस्था कर रखी है. इसी के तहत जिले के अति नक्सल प्रभावित शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र के धरमपुर गांव में एक अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हुआ ताकि ग्रामीण जनता को स्वास्थ्य सुविधा दी जा सके. इसके साथ ही इस माध्यम से प्रशासन जनता का भी विश्वास जीतना चाहती थी. लेकिन सरकार की योजना अधर में लटक गई है. 5 वर्षों में भी स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है और इससे जनता में काफी मायूसी है.
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क्या कहते हैं धरमपुर गांव के लोग
इस नक्सल प्रभावित गांव में जब अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हुआ तो ग्रामीणों में काफी खुशी थी कि अब उन्हें डॉक्टर को दिखाने के लिए शिकारीपाड़ा प्रखंड मुख्यालय नहीं जाना पड़ेगा. लेकिन जब अस्पताल का निर्माण लंबे समय तक पूरा नहीं हुआ तो लोगों में मायूसी है. उनका कहना है कि हम लोगों को इलाज के लिए काफी परेशानी होती है. धरमपुर गांव सोनाढाब पंचायत का हिस्सा है. इस पंचायत की मुखिया मानको मुर्मू का कहना है कि यह अस्पताल लोगों के लिए काफी आवश्यक है, इसलिए जल्द से जल्द इसका निर्माण होना चाहिए.
क्या कहती हैं जिले की उपायुक्त
नक्सल प्रभावित धरमपुर गांव में अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू तो हुआ, लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ. इससे ग्रामीण परेशान हैं. इस संबंध में दुमका के उपायुक्त राजेश्वरी बी का कहना है कि जो भी भवन अधूरे पड़े हैं इसकी सूची बनाई गई है और जल्द से जल्द उन्हें पूरा किया जाएगा. इसी के तहत इस अस्पताल का निर्माण कार्य भी पूरा किया जाएगा.
सरकार अविलंब अस्पताल को कराए चालू
लोगों का कहना है कि इस अस्पताल के निर्माण में लगभग लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं, जो किसी काम के नहीं है. अगर इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं करना था तो फिर इस तरह की योजना भी गांव में नहीं लानी चाहिए थी. लोगों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि नक्सल प्रभावित गांव के में बन रहे अस्पताल का निर्माण कार्य जल्द पूरा कराएं, ताकि आम लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिल सके.