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CCL बरकासयाल के चार परियोजना पदाधिकारियों के खिलाफ कुर्की वारंट, कार्रवाई से मची खलबली

रामगढ़ में खनन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. सीसीएल बरकासयाल के चार परियोजना पदाधिकारियों के खिलाफ कुर्की जब्ती का आदेश जारी किया गया है.

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Published : Jun 19, 2019, 5:06 PM IST

सीसीएल परियोजना की तस्वीर

रामगढ़: सीसीएल के बरकासयाल एरिया चार परियोजना के पदाधिकारियों के खिलाफ खनन विभाग ने कुर्की वारंट निकाला है. कुर्की वारंट भुरकुंडा, सौंदा, सौंदा डी और सयाल डी परियोजना पदाधिकारी के खिलाफ जारी किया है. ये कार्रवाई खनन विभाग के बकाया 26 करोड़ रूपए को लेकर की गई है. इस कार्रवाई से सीसीएल बरकासयाल के पदाधिकारियों में खलबली मची है.

देखें पूरी खबर

यह मामला खनन राजस्व के बकाये से जुड़ा है, चारों परियोजनाओं को मिलाकर 26 करोड़ 22 लाख 41 हजार 716 रुपये है. उत्तरी छोटानागपुर खनन विभाग के नीलाम पत्र पदाधिकारी सह उप निदेशक के आदेश से जारी कुर्की वारंट में स्पष्ट कहा गया है कि उक्त राशि अविलंब जमा नहीं करने की सूरत में कुर्की वारंट का तामिल कराया जायेगा.

ये भी पढ़ें- मेधावी छात्रों को मंत्री ने किया सम्मानित, कहा- शैक्षणिक हब के रूप में जाना जाएगा चंदनकियारी

सयाल डी की देनदारी 20 करोड़ 32 लाख चार हजार 793 रुपये की है. इसी तरह भुरकुंडा का चार करोड़ 37 लाख 66 हजार 663 रुपये,सौंदा का 97 लाख 43 हजार 352 रुपये और सौंदा डी का 55 लाख 26 हजार 908 रुपये राजस्व बकाया है.यह मामला सीसीएल व खनन विभाग के बीच लंबे समय से चल रहा था. राजस्व की राशि गणना को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद था.

बता दें कि यह मामला राजस्व न्यायालय हजारीबाग में लंबित था. अब जाकर मामले पर न्यायालय का आदेश निर्गत हुआ है. सयाल डी के बकाये का मामला वर्ष 2002-03 का है, जबकि अन्य परियोजनाओं का मामला वर्ष 2008-09 से जुड़ा है.

रामगढ़: सीसीएल के बरकासयाल एरिया चार परियोजना के पदाधिकारियों के खिलाफ खनन विभाग ने कुर्की वारंट निकाला है. कुर्की वारंट भुरकुंडा, सौंदा, सौंदा डी और सयाल डी परियोजना पदाधिकारी के खिलाफ जारी किया है. ये कार्रवाई खनन विभाग के बकाया 26 करोड़ रूपए को लेकर की गई है. इस कार्रवाई से सीसीएल बरकासयाल के पदाधिकारियों में खलबली मची है.

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यह मामला खनन राजस्व के बकाये से जुड़ा है, चारों परियोजनाओं को मिलाकर 26 करोड़ 22 लाख 41 हजार 716 रुपये है. उत्तरी छोटानागपुर खनन विभाग के नीलाम पत्र पदाधिकारी सह उप निदेशक के आदेश से जारी कुर्की वारंट में स्पष्ट कहा गया है कि उक्त राशि अविलंब जमा नहीं करने की सूरत में कुर्की वारंट का तामिल कराया जायेगा.

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सयाल डी की देनदारी 20 करोड़ 32 लाख चार हजार 793 रुपये की है. इसी तरह भुरकुंडा का चार करोड़ 37 लाख 66 हजार 663 रुपये,सौंदा का 97 लाख 43 हजार 352 रुपये और सौंदा डी का 55 लाख 26 हजार 908 रुपये राजस्व बकाया है.यह मामला सीसीएल व खनन विभाग के बीच लंबे समय से चल रहा था. राजस्व की राशि गणना को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद था.

बता दें कि यह मामला राजस्व न्यायालय हजारीबाग में लंबित था. अब जाकर मामले पर न्यायालय का आदेश निर्गत हुआ है. सयाल डी के बकाये का मामला वर्ष 2002-03 का है, जबकि अन्य परियोजनाओं का मामला वर्ष 2008-09 से जुड़ा है.

Intro:*सीसीएल बरका- सयाल के चार परियोजना पदाधिकारियों के खिलाफ कुर्की वारंट

*सीसीएल भुरकुंडा ,सौंदा,सौंदा डी, ओर सयाल डी के परियोजना पदाधिकारी के खिलाफ जारी हुआ है कुर्की वारंट

*उत्तरी छोटानागपुर खनन विभाग ने जारी किया है कुर्की वारंट

*खनन विभाग का बकाया 26 करोड़ को लेकर की गई

*खनन विभाग की कार्रवाई से सीसीएल बरका - सयाल के पदाधिकारियों में मची खलबली।



सीसीएल के बरका-सयाल एरिया के चार परियोजना पदाधिकारियों के खिलाफ खनन विभाग ने कुर्की वारंट निकाला है. कुर्की वारंट भुरकुंडा, सौंदा, सौंदा डी व सयाल डी परियोजना पदाधिकारी के खिलाफ जारी हुआ है.
यह मामला खनन राजस्व के बकाये का है. चारों परियोजनाओं को मिला कर 26 करोड़ 22 लाख 41 हजार 716 रुपये का राजस्व बकाया है.





Body:उत्तरी छोटानागपुर खनन विभाग के नीलाम पत्र पदाधिकारी सह उप निदेशक के आदेश से जारी कुर्की वारंट में स्पष्ट कहा गया है कि उक्त राशि अविलंब जमा नहीं करने की सूरत में कुर्की वारंट का तामिला कराया जायेगा. इस कुर्की वारंट के जारी होने के बाद बरका-सयाल क्षेत्र में हड़कंप है.  


सयाल डी की देनदारी 20 करोड़ 32 लाख चार हजार 793 रुपये की है. इसी तरह भुरकुंडा का चार करोड़ 37 लाख 66 हजार 663 रुपये,सौंदा का 97 लाख 43 हजार 352 रुपये व
सौंदा डी का 55 लाख 26 हजार 908 रुपये राजस्व बकाया है.
यह मामला सीसीएल व खनन विभाग के बीच लंबे समय से चल रहा था. राजस्व की राशि गणना को लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद था. यह मामला राजस्व न्यायालय हजारीबाग में लंबित था. अब जाकर मामले पर न्यायालय का आदेश निर्गत हुआ है. सयाल डी के बकाये का मामला वर्ष 2002-03 का है. जबकि अन्य परियोजनाओं का मामला वर्ष 2008-09 से जुड़ा है. Conclusion:कुर्की वारंट के जारी होने के बाद बरका-सयाल एरिया प्रबंधन की चिंता बढ़ गयी है. खनन विभाग की कार्रवाई से सीसीएल बरका - सयाल के पदाधिकारियों में मची खलबली।

यह मामला कोयला खनन के एवज में राजस्व भुगतान का है. खनन विभाग ने राजस्व की राशि का जो हिसाब लगाया है, सीसीएल उससे सहमत नहीं है. यह मामला न्यायालय में चल रहा था.जिसके बाद कुर्की वारंट के जारी हुआ है।
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