रामगढ़: विपक्ष को तो सरकार से सवाल करते और उनपर आरोप लगाते सबने सुना होगा, लेकिन जब सरकार में रह रहे लोग ही सरकार या प्रशासन पर खुलेआम आरोप लगाने लगे तो ऐसा लगता है कि दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि रामगढ़ में कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के प्रतिनिधि की हत्या के बाद उनके जो बयान सामने आ रहे हैं, वे राज्य में सरकार और यहां के शासन व्यवस्था की सच्चाई बयां करने वाले हैं.
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क्या है पूरा मामला: दरअसल, बीते शनिवार को रामगढ़ में कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद के प्रतिनिधि राजकिशोर बाउरी उर्फ बितका की हत्या कर दी गई. अपराधियों ने अंबा प्रसाद के प्रतिनिधि राजकिशोर बाउरी को करीब 10 गोली मारी. इस संगीन अपराध को तब अंजाम दिया गया, जब रामगढ़ उपचुनाव को लेकर जिला में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के दावे किए गए थे, लेकिन इस घटना ने प्रशासन की पोल खोल दी. घटना के बाद कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद व पूर्व विधायक योगेंद्र साव रामगढ़ पहुंचे और वहां मौजूद पदाधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई.
अंबा प्रसाद ने कहा चलता है 60-40 का खेल: घटना से बौखलायीं विधायक अंबा प्रसाद ने अपने सामने खड़े थाना प्रभारी और डीएसपी को खूब फटकार लगाई. उन्होंने कहा सबको पता है कि गोली कहां से चलाई जा रही है और कौन चला रहा है लेकिन कार्रवाई नहीं कर सकते है. उन्होंने कहा कि कार्रवाई हो ही नहीं सकती क्योंकि यहां 60-40 रेशियो का खेल चल रहा है. इसके अलावा उन्होंने डीएसपी को कहा कि आप तो खुद डरपोक हैं, शाम होते ही अपराधियों के साथ चाय पीते हैं, दारू पीते हैं.
ताव में आए डीएसपी: इन सबके अलावा अंबा प्रसाद और योगेंद्र साव ने डीएसपी के पैरवी से रामगढ़ आने की भी पोल खोल दी. यह सब सुनकर डीएसपी भी ताव में आ गए. उन्होंने कह दिया कि लाए हैं तो हटा दीजिए. जिसपर योगेंद्र साव ने जवाब दिया कि पहले फोन करके ले आने की गुहार लगा रहे थे. अब हटाने की बात बोल रहे हो. वहीं अंबा प्रसाद ने भी कहा कि पहले घर आकर ले आने की बात करते थे, अब हटा दो, तुम्हारे इशारे पर नाचते हैं क्या?
बयानों से काफी कुछ साफ: बहरहाल मामला जो भी हो, हेमंत सरकार में शामिल कांग्रेस के इन नेताओं के बयान से यह तो साफ है कि राज्य में पुलिस कानून के तहत काम नहीं कर रही है. शासन-प्रशासन व्यवस्था ठप है और इसकी जानकारी सरकार को भी है. काम पैरवी से हो रहे हैं. इसके अलावा योगेंद्र साव के फोन से पैरवी वाली बात से यह भी साफ पता चलता है कि यहां जेल में रहकर भी लोग बड़े-बड़े काम करवा सकते हैं.