रामगढ़: मुंबई से वर्द्धमान जा रही बस सिकिदिरी घाटी में ब्रेक फेल होने के कारण पलट गई. जिसमें लगभग 40-45 प्रवासी मजदूर घायल हो गए. घटना में 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि दो दर्जन से ज्यादा लोगों का इलाज गोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया. सिकिदिरी घाटी ओरमांझी और गोला के बीच में है और यह सड़क बोकारो को रांची से जोड़ती है. जिस जगह पर बस दुर्घटनाग्रस्त हुई है वह दुलमी प्रखंड के कुल्ही केजिया घाटी रजरप्पा थाना क्षेत्र में पड़ता है.
गुजरात नंबर की है बस
बस में कुल 77 लोग सवार थे, जिसमें 47 लोग बस के अंदर बैठे थे जो मुंबई से वर्द्धमान के लिए जा रहे थे. इन सभी प्रवासी मजदूरों से बस चालक ने 6-6 हजार रुपया किराया लिया था. बस गुजरात नंबर की है.
पुलिस ने जबरन 30 प्रवासी मजदूरों को बस में चढ़ाया
बस के खलासी के अनुसार छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर पुलिस ने जबरन लगभग 30 मजदूरों को पैसे लेकर इस बस की छत पर जबरन बैठा दिया था और उन्हें ले जाने का दबाव बनाया, जिसके कारण पुलिस के डर से यह लोग सभी को बस के ऊपर बैठा कर वर्द्धमान ले जा रहे थे, लेकिन घाटी में बस का ब्रेक फेल हो गया और घाटी में ही पलट गई, जिसमें 3 दर्जन से ज्यादा मजदूर घायल हो गए चारों ओर चीख-पुकार मच गई.
बस के खलासी ने बताया कि रिजर्व बस गुजरात की है और मुंबई रूट पर चलती थी, लेकिन वहां से कुछ मजदूरों ने बस को रिजर्व किया और उन मजदूरों को लेकर वर्द्धमान के लिए जा रहे थे, लेकिन छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर पुलिस ने जबरन 30 मजदूरों को छत पर बैठा दिया और उन मजदूरों को वर्द्धमान ले जाने की बात कही. ड्राइवर खलासी और बस में सवार मजदूरों ने इसका विरोध भी किया, लेकिन पुलिस ने उन लोगों की एक न सुनी. सभी मजदूरों को छत पर बैठा दिया.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने की मनमानी
घटनास्थल पर जो मजदूर मौजूद थे उन्होंने बताया कि हम लोग बस को बुक कर जा रहे थे, लेकिन छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर पुलिस ने जबरन बस के ऊपर मजदूरों को बैठा दिया.
20 मजदूर बूरी तरह जख्मी
रांची से आगे सिकिदिरी घाटी के नजदीक रजरप्पा थाना क्षेत्र के झिया घाटी मोड़ पर बस का ब्रेक फेल हो जाने से बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई और बस के ऊपर जो 30 मजदूर सवार थे, उसमें से 20 लोग बुरी तरह घायल हो गए, जिन्हें रांची रेफर किया गया, बाकी 2 दर्जन से अधिक घायलों का गोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराया गया.
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जिला प्रशासन मजदूरों का इलाज कराकर कर रही बस से भेजने की तैयारी
पूरे मामले में जब दुलमी बीडीओ विजय शंकर मिश्रा से पूछा गया तो उनका कहना था कि बस में 77 लोग सवार थे 47 लोग मुंबई से बस बुक करके जा रहे थे और बीच रास्ते में छत के ऊपर कुछ लोग बैठ गये. हालांकि उन्हें जानकारी थी कि किसीने बस के ऊपर मजदूरों को बैठाया है.
घटना की सूचना पाकर विधायक ममता देवी भी घटनास्थल पर पहुंची और घटना में घायल सभी लोगों को बेहतर इलाज की बात कही, साथ ही साथ उन्होंने उपायुक्त से बात कर सभी लोगों उनके घर तक भेजने की बात कही.
राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक मजदूरों के हित के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं, ताकि मजदूर अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच जाए, लेकिन मजदूर खुद की बस को रिजर्व कर जा रहे हैं. उसमें भी कई राज्यों की पुलिस जबरन अन्य मजदूरों को उनके बसों में बैठा दे रही है. इस दुर्घटना से सीख लेने की आवश्यकता है.