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Women Empowerment: पलामू के नक्सल इलाके की महिलाएं डिजिटल भारत को कर रही मजबूत, लाखों का कारोबार कर रही डिजिटली

पलामू के नक्सल प्रभावित इलाकों में माहौल बदल रहा है. यहां की महिलाएं स्वावलंबी बन रही हैं. वो लाखों में कमाई भी कर रही हैं. साथ ही नए जमाने के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही हैं.

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Published : Mar 6, 2023, 8:41 PM IST

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पलामूः हाथों में मोबाइल लेकर कुछ महिलाएं पलामू के ग्रामीण इलाके में आपको नजर आएंगी, एक पल के लिए आप सोचेंगे कि ये सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रही या कोई टीवी सीरियल देख रही होंगी. लेकिन यह सोचना गलत होगा. महिलाएं मोबाइल के माध्यम से लाखों का कारोबार कर रही हैं. इनके चेहरे पर सुकून और किसी का खौफ नहीं है.

ये भी पढ़ेंः Jaggery business in Palamu: लाल आतंक की तपती धरती से निकल रही गुड़ की मिठास, लोग बन रहे स्वावलंबी

नक्सल इलाके की इलाके की महिलाएं डिजिटल भारत को मजबूत कर रही हैं. अपने कारोबार के लिए वे डिजिटल तरीकों को अपना रही हैं. झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी ने नक्सल इलाके की सैकड़ों महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है. पलामू के मनातू जैसे अति नक्सल प्रभावित इलाके में 584 स्वयं सहायता समूह है, जिससे 6479 महिलाएं जुड़ी हुई हैं. मनातू जैसे इलाके में ये महिलाएं 60 से 70 लाख का कारोबार कर रही हैं. ये कारोबार शत-प्रतिशत डिजिटल तरीके से किया जा रहा है.

मनातू का इलाका सिर्फ उदाहरण है पलामू के अन्य अति नक्सल प्रभावित इलाकों में महिलाएं हाईटेक और डिजिटल हुई हैं. मनातू झारखंड के अति नक्सल प्रभावित प्रखंडों में से एक है. यह इलाका बिहार की सीमा से सटा हुआ है. यह इलाका अति पिछड़ा रहा है और पोस्ता के कारोबार के लिए चर्चित रहा है. मनातू की रानी देवी बताती हैं कि महिलाएं काफी जागरूक हुई हैं और उनका हौसला बढ़ा है. डिजिटल सिस्टम से उन्हें काफी सहूलियत हुई है.

चोरी और गलत कार्यो में पैसे का इस्तेमाल का खत्म हुआ डरः डिजिटली कारोबार से महिलाओं के मन से कई खौफ खत्म हो गए है. महिलाओं को बैंक से ऋण या पैसों की निकासी करने के बाद कई किलोमीटर जंगली रास्तों को तय करना पड़ता था, इस दौरान वे कई बार लूट या छिनतई का शिकार हो जाती थी. कई घरों के पुरुष ऋण की रकम को दूसरे कार्यो में इस्तेमाल कर देते थे, जबकि कई महिलाओं के पति शराब में में खर्च कर देते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है. सबकुछ डिजिटल होने से पैसों का लेन देन खाता से खाता में हो रहा है. महिलाओ को अब बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं. डिजिटल कारोबार करने वाली तारा देवी बताती हैं कि अब उनके मन में किसी प्रकार का डर नहीं है. उनके पैसों का अब कोई दूसरा इस्तेमाल नहीं कर सकता है.

अमृत भारत योजना के तहत महिलाओं को डिजिटली किया जा रहा मजबूतः अमृत भारत योजना के तहत महिलाओं को डिजिटली जागरूक किया जा रहा है. अभियान के तहत 01 फरवरी से 15 अगस्त तक डिजिटली जागरूक किया जा रहा है. इस अभियान के तहत नक्सल और अन्य इलाके की 50 महिलाओं को डिजिटल सिस्टम से जोड़ना है. जेएसएलपीएस के डीपीएम विमलेश शुक्ला बताते हैं कि योजना के तहत महिलाओं को डिजिटल सिस्टम से जोड़ा गया है. महिलाओं का डिजिटली कारोबार करना बेहद सुखद है. महिलाओं को जागरूक करने वाले कुमारी नम्रता ने कहा कि वह जिस इलाके में महिलाओं को जागरूक कर रही है वह इलाका अति नक्सल प्रभावित है. गांव में तेजी से डिजिटल कारोबार के प्रति जागरूकता बढ़ी है.

नक्सल इलाके की महिलाओं मजबूत करने का अभियान, टॉप अधिकारी कर रहे मॉनिटरिंगः पलामू के अति नक्सल प्रभावित इलाके में महिलाओं को मजबूत करने के लिए जेल प्रशासन और सरकार अभियान चला रही है. पलामू के उप विकास आयुक्त रवि आनंद ने बताया कि समाज में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत है. महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कई स्तर पर पहल की जा रही है. पलामू के कई प्रखंड में महिलाओं को डिजिटली जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. कई स्तर पर निर्देश जारी किए गए हैं. कई इलाकों में महिलाएं डिजिटली मजबूत हुई हैं और सारा कारोबार डिजिटल माध्यम से कर रही हैं.

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पलामूः हाथों में मोबाइल लेकर कुछ महिलाएं पलामू के ग्रामीण इलाके में आपको नजर आएंगी, एक पल के लिए आप सोचेंगे कि ये सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रही या कोई टीवी सीरियल देख रही होंगी. लेकिन यह सोचना गलत होगा. महिलाएं मोबाइल के माध्यम से लाखों का कारोबार कर रही हैं. इनके चेहरे पर सुकून और किसी का खौफ नहीं है.

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नक्सल इलाके की इलाके की महिलाएं डिजिटल भारत को मजबूत कर रही हैं. अपने कारोबार के लिए वे डिजिटल तरीकों को अपना रही हैं. झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी ने नक्सल इलाके की सैकड़ों महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों का गठन किया है. पलामू के मनातू जैसे अति नक्सल प्रभावित इलाके में 584 स्वयं सहायता समूह है, जिससे 6479 महिलाएं जुड़ी हुई हैं. मनातू जैसे इलाके में ये महिलाएं 60 से 70 लाख का कारोबार कर रही हैं. ये कारोबार शत-प्रतिशत डिजिटल तरीके से किया जा रहा है.

मनातू का इलाका सिर्फ उदाहरण है पलामू के अन्य अति नक्सल प्रभावित इलाकों में महिलाएं हाईटेक और डिजिटल हुई हैं. मनातू झारखंड के अति नक्सल प्रभावित प्रखंडों में से एक है. यह इलाका बिहार की सीमा से सटा हुआ है. यह इलाका अति पिछड़ा रहा है और पोस्ता के कारोबार के लिए चर्चित रहा है. मनातू की रानी देवी बताती हैं कि महिलाएं काफी जागरूक हुई हैं और उनका हौसला बढ़ा है. डिजिटल सिस्टम से उन्हें काफी सहूलियत हुई है.

चोरी और गलत कार्यो में पैसे का इस्तेमाल का खत्म हुआ डरः डिजिटली कारोबार से महिलाओं के मन से कई खौफ खत्म हो गए है. महिलाओं को बैंक से ऋण या पैसों की निकासी करने के बाद कई किलोमीटर जंगली रास्तों को तय करना पड़ता था, इस दौरान वे कई बार लूट या छिनतई का शिकार हो जाती थी. कई घरों के पुरुष ऋण की रकम को दूसरे कार्यो में इस्तेमाल कर देते थे, जबकि कई महिलाओं के पति शराब में में खर्च कर देते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं है. सबकुछ डिजिटल होने से पैसों का लेन देन खाता से खाता में हो रहा है. महिलाओ को अब बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं. डिजिटल कारोबार करने वाली तारा देवी बताती हैं कि अब उनके मन में किसी प्रकार का डर नहीं है. उनके पैसों का अब कोई दूसरा इस्तेमाल नहीं कर सकता है.

अमृत भारत योजना के तहत महिलाओं को डिजिटली किया जा रहा मजबूतः अमृत भारत योजना के तहत महिलाओं को डिजिटली जागरूक किया जा रहा है. अभियान के तहत 01 फरवरी से 15 अगस्त तक डिजिटली जागरूक किया जा रहा है. इस अभियान के तहत नक्सल और अन्य इलाके की 50 महिलाओं को डिजिटल सिस्टम से जोड़ना है. जेएसएलपीएस के डीपीएम विमलेश शुक्ला बताते हैं कि योजना के तहत महिलाओं को डिजिटल सिस्टम से जोड़ा गया है. महिलाओं का डिजिटली कारोबार करना बेहद सुखद है. महिलाओं को जागरूक करने वाले कुमारी नम्रता ने कहा कि वह जिस इलाके में महिलाओं को जागरूक कर रही है वह इलाका अति नक्सल प्रभावित है. गांव में तेजी से डिजिटल कारोबार के प्रति जागरूकता बढ़ी है.

नक्सल इलाके की महिलाओं मजबूत करने का अभियान, टॉप अधिकारी कर रहे मॉनिटरिंगः पलामू के अति नक्सल प्रभावित इलाके में महिलाओं को मजबूत करने के लिए जेल प्रशासन और सरकार अभियान चला रही है. पलामू के उप विकास आयुक्त रवि आनंद ने बताया कि समाज में महिलाओं की भागीदारी 50 प्रतिशत है. महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कई स्तर पर पहल की जा रही है. पलामू के कई प्रखंड में महिलाओं को डिजिटली जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. कई स्तर पर निर्देश जारी किए गए हैं. कई इलाकों में महिलाएं डिजिटली मजबूत हुई हैं और सारा कारोबार डिजिटल माध्यम से कर रही हैं.

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