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Water Crisis: दो तरफ से नदियों से घिरा है ये इलाका, फिर भी आबादी है प्यासी

पलामू का मेदिनीनगर इलाका दो तरफ से नदी के घिरा है. लेकिन इसके बाद भी यहां को लोगों को पानी की किल्लत का समाना करना पड़ता है. गर्मियों में ये समस्या और बढ़ जाती है.

Water Crisis in Medininagar
Water Crisis
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Published : Jun 3, 2023, 12:54 PM IST

Updated : Jun 3, 2023, 1:14 PM IST

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पलामू: राजधानी रांची से करीब 165 किलोमीटर दूर पलामू का मेदिनीनगर नगर परिषद से नगर निगम में अपग्रेड हो गया है, लेकिन यहां पेयजल संकट एक बड़ी समस्या है. मेदिनीनगर कोयल, अमानत और गुरसूती नदी से घिरा हुआ है. बावजूद ये पूरा इलाका पेयजल संकट से जूझता है. गर्मियों में अधिकांश इलाके ड्राई जोन हो जाते हैं. मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में करीब 1.53 लाख की आबादी है, इन्हें प्रतिदिन 10 से 12 लाख लीटर पानी की जरूरत होती है. इन्हें पांच लाख लीटर पानी नगर निगम उपलब्ध करवाता है, लेकिन गर्मियों में पानी की किल्लत की वजह से पेयजल सप्लाई का आंकड़ा घटकर 20 हजार लीटर से भी कम हो जाता है.

ये भी पढ़ें: Ranchi Water Crisis: पानी की किल्लत से सूख रहे लोगों के हलक, शहर के सबसे अधिक धनत्व वाले वार्ड में जल संकट से मचा हाहाकार

20 वर्षों से नदी का का सीना चीर कर की जा रही पानी की सप्लाई: मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में पिछले 20 वर्षों से गर्मियों के दिनों में नदी को चीर कर पानी उपलब्ध करवाया जाता है. कोयल नदी से पानी की सप्लाई होती है, जो गर्मियों में पूरी तरह से सूख जाती है. इस बार भी कोयल नदी सूख गई है, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और नगर निगम मिलकर नदी को खोदकर पानी निकालते हैं और सप्लाई को चालू रखने का प्रयास किया जाता है. पानी को लेकर लगातार आवाज उठाने वाले और पानी बाबा के नाम से चर्चित परशुराम ओझा बताते हैं कि अधिकारियों के पास कोई विजन नही है.

गर्मियों के दिनों में घरों में पानी का बजट बढ़ कर हो जाता है दोगुने से अधिक: मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र के 60 हजार से अधिक की आबादी का गर्मी के दिनों में पानी का बजट दोगुना हो जाता है. लोग 750 से 1500 रुपए प्रति टैंकर से पानी खरीदते हैं, जो डेढ़ से दो दिनों तक चलता है. मेदिनीनगर का आबादगंज, हमीदगंज, निमिया, पहाड़ी, कान्दू मोहल्ला, सुदना सामेट कई इलाकों की आबादी को जलसंकट का सामना करना पड़ता है. ये इलाके पूरी तरह से टैंकर पर निर्भर ही जाते हैं. वरिष्ठ भाजपा नेता अविनाश वर्मा बताते है कि गर्मी के दिनों में पानी पर बजट बढ़ जाता है, वे प्रतिदिन 100 रुपये का पानी खरीदते हैं. पानी की समस्या का अब स्थाई रूप से समाधन की जरूरत है. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री भी इसी इलाके से है, संकट को दूर करने की जरूरत है.

मेदिनीनगर में प्रतिदिन 250 टैंकर पानी की हो रही है खपत: मेदिनीनगर नगर जल संकट से जूझ रहा है इलाके में प्रतिदिन 250 टैंकर से पानी की सप्लाई किया जा रहा है. 1888 में मेदिनीनगर नगर पालिका बनी थी. इसके ठीक 130 वर्ष बाद 2018 मेदिनीनगर निगम का गठन हुआ था, 1863 में बिजराबाग के नाम को बदल कर डालटनगंज किया गया. नगर आयुक्त रवि आनंद बताते हैं कि प्रतिदिन 250 अधिक टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है. इलाकों में पानी के संकट है वहां अतिरिक्त पानी की सप्लाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि पानी की आपूर्ति को लेकर स्पेशल टीम का गठन किया गया है जो लगातार इलाके में हालात पर नजर बनाए हुए है.

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पलामू: राजधानी रांची से करीब 165 किलोमीटर दूर पलामू का मेदिनीनगर नगर परिषद से नगर निगम में अपग्रेड हो गया है, लेकिन यहां पेयजल संकट एक बड़ी समस्या है. मेदिनीनगर कोयल, अमानत और गुरसूती नदी से घिरा हुआ है. बावजूद ये पूरा इलाका पेयजल संकट से जूझता है. गर्मियों में अधिकांश इलाके ड्राई जोन हो जाते हैं. मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में करीब 1.53 लाख की आबादी है, इन्हें प्रतिदिन 10 से 12 लाख लीटर पानी की जरूरत होती है. इन्हें पांच लाख लीटर पानी नगर निगम उपलब्ध करवाता है, लेकिन गर्मियों में पानी की किल्लत की वजह से पेयजल सप्लाई का आंकड़ा घटकर 20 हजार लीटर से भी कम हो जाता है.

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20 वर्षों से नदी का का सीना चीर कर की जा रही पानी की सप्लाई: मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में पिछले 20 वर्षों से गर्मियों के दिनों में नदी को चीर कर पानी उपलब्ध करवाया जाता है. कोयल नदी से पानी की सप्लाई होती है, जो गर्मियों में पूरी तरह से सूख जाती है. इस बार भी कोयल नदी सूख गई है, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग और नगर निगम मिलकर नदी को खोदकर पानी निकालते हैं और सप्लाई को चालू रखने का प्रयास किया जाता है. पानी को लेकर लगातार आवाज उठाने वाले और पानी बाबा के नाम से चर्चित परशुराम ओझा बताते हैं कि अधिकारियों के पास कोई विजन नही है.

गर्मियों के दिनों में घरों में पानी का बजट बढ़ कर हो जाता है दोगुने से अधिक: मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र के 60 हजार से अधिक की आबादी का गर्मी के दिनों में पानी का बजट दोगुना हो जाता है. लोग 750 से 1500 रुपए प्रति टैंकर से पानी खरीदते हैं, जो डेढ़ से दो दिनों तक चलता है. मेदिनीनगर का आबादगंज, हमीदगंज, निमिया, पहाड़ी, कान्दू मोहल्ला, सुदना सामेट कई इलाकों की आबादी को जलसंकट का सामना करना पड़ता है. ये इलाके पूरी तरह से टैंकर पर निर्भर ही जाते हैं. वरिष्ठ भाजपा नेता अविनाश वर्मा बताते है कि गर्मी के दिनों में पानी पर बजट बढ़ जाता है, वे प्रतिदिन 100 रुपये का पानी खरीदते हैं. पानी की समस्या का अब स्थाई रूप से समाधन की जरूरत है. पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री भी इसी इलाके से है, संकट को दूर करने की जरूरत है.

मेदिनीनगर में प्रतिदिन 250 टैंकर पानी की हो रही है खपत: मेदिनीनगर नगर जल संकट से जूझ रहा है इलाके में प्रतिदिन 250 टैंकर से पानी की सप्लाई किया जा रहा है. 1888 में मेदिनीनगर नगर पालिका बनी थी. इसके ठीक 130 वर्ष बाद 2018 मेदिनीनगर निगम का गठन हुआ था, 1863 में बिजराबाग के नाम को बदल कर डालटनगंज किया गया. नगर आयुक्त रवि आनंद बताते हैं कि प्रतिदिन 250 अधिक टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है. इलाकों में पानी के संकट है वहां अतिरिक्त पानी की सप्लाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि पानी की आपूर्ति को लेकर स्पेशल टीम का गठन किया गया है जो लगातार इलाके में हालात पर नजर बनाए हुए है.

Last Updated : Jun 3, 2023, 1:14 PM IST
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