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कुएं में गिरा पानी की तलाश में भटकता हिरण, लोगों ने बचाई जान

पलामू में हिरण रास्ता भटककर पानी की तलाश में गांव में आ गया और कुएं में गिर गया. ग्रामाणों ने बड़ी मशक्कत के बाद हिरण को कुएं से बाहर निकाला. पर्यावरणविद् कौशल किशोर जयसवाल ने पलामू वन विभाग टीम की मदद से हिरण का इलाज कराया और जंगल में छोड़ दिया.

Palamu News
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Published : Mar 30, 2022, 12:34 PM IST

Updated : Mar 30, 2022, 1:03 PM IST

पलामू: अंधाधुंध जंगल कटाई और बढ़ती गर्मी के कारण जंगली जानवर अब पानी की तलाश में गांव की ओर आने लगे हैं. ऐसा ही कुछ हुआ है पलामू छत्तरपुर प्रखंड के डाली गांव में, जहां जंगली हिरण रास्ता भटककर गांव में आ गया और फिर पानी की तलाश में कुएं में जा गिरा. जिसके बाद गांव वालों की मदद से सकुशल बाहर निकाला गया और उसका इलाज कराकर वापस जंगल में छोड़ दिया गया.

इसे भी पढ़ें: झारखंड में गर्मी ने असर दिखाना किया शुरू, कई जिलों में लू चलने का अनुमान


काफी मशक्कत के बाद निकाला गया हिरण: गांव वालों का कहना है कि हिरण को देखकर गांव के कुत्ते किरण को अपना शिकार बनाने के लिए उस पर हमला कर रहे थे. हिरण अपने आप को बचाने के दौरान कुएं में गिर गया. हिरण निकालने के लिए ग्रामीणों को कई तरह के उपाय करने पड़े. गांव के कुछ लोग पहले रस्सी और डंडा के जरिये कुएं में उतरे और हिरण को रस्सी से बांधा और बड़ी मशक्कत के बाद उसे बाहर निकाला जा सका.

वहीं, विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पर्यावरणविद् कौशल किशोर जायसवाल (Environmentalist Kaushal Kishore Jaiswal) और स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी. पलामू वन विभाग की टीम हिरण को साथ ले गई. जिसे इलाज के बाद छत्तरपुर के जंगल में छोड़ दिया गया. पर्यावरणविद् कौशल ने इस कार्य के लिए वन विभाग के सभी कर्मियों के प्रति आभार व्यक्त किया और उनसे वन क्षेत्रों में जंगली जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था कराने का अनुरोध किया.

देखें वीडियो

पर्यावरणविद् कौशल किशोर जायसवाल ने कहा कि गर्मी आते ही पानी की घोर कमी हो जाती है, ऐसे में प्यासे वन्य प्राणी पानी की तलाश करते गांव पहुंच जाते हैं, जिससे उनकी जान का खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने वन प्राणियों की जान बचाने के लिए राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक अजय रस्तोगी से आग्रह किया है कि राज्य के सभी वन क्षेत्रों में जानवरों के पानी पीने के लिए बौलिया कुएं का निर्माण कराया जाए. पहले के राजा महाराजा भी जानवरों के पानी पीने के लिए बौलियां कुएं का निर्माण कराते थे.

पर्यावरणविद् कौशल किशोर जयसवाल के प्रयास से वन विभाग की टीम ने कराया इलाज: वन विभाग के पदाधिकारियों ने इस काम के लिए डाली गांव के ग्रामीणों को धन्यवाद भी दिया और कहा कि उनके अथक प्रयास से हिरण की जान बच गई. हिरण अभी घायल है. उसका पहले इलाज किया गया और इलाज करने के बाद हम लोग इसे सुरक्षित जंगल में छोड़ देंगे. जिसके बाद पर्यावरणविद् कौशल किशोर के प्रयास से वन विभाग की टीम ने हिरण का इलाज कराया.

पलामू: अंधाधुंध जंगल कटाई और बढ़ती गर्मी के कारण जंगली जानवर अब पानी की तलाश में गांव की ओर आने लगे हैं. ऐसा ही कुछ हुआ है पलामू छत्तरपुर प्रखंड के डाली गांव में, जहां जंगली हिरण रास्ता भटककर गांव में आ गया और फिर पानी की तलाश में कुएं में जा गिरा. जिसके बाद गांव वालों की मदद से सकुशल बाहर निकाला गया और उसका इलाज कराकर वापस जंगल में छोड़ दिया गया.

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काफी मशक्कत के बाद निकाला गया हिरण: गांव वालों का कहना है कि हिरण को देखकर गांव के कुत्ते किरण को अपना शिकार बनाने के लिए उस पर हमला कर रहे थे. हिरण अपने आप को बचाने के दौरान कुएं में गिर गया. हिरण निकालने के लिए ग्रामीणों को कई तरह के उपाय करने पड़े. गांव के कुछ लोग पहले रस्सी और डंडा के जरिये कुएं में उतरे और हिरण को रस्सी से बांधा और बड़ी मशक्कत के बाद उसे बाहर निकाला जा सका.

वहीं, विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पर्यावरणविद् कौशल किशोर जायसवाल (Environmentalist Kaushal Kishore Jaiswal) और स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी. पलामू वन विभाग की टीम हिरण को साथ ले गई. जिसे इलाज के बाद छत्तरपुर के जंगल में छोड़ दिया गया. पर्यावरणविद् कौशल ने इस कार्य के लिए वन विभाग के सभी कर्मियों के प्रति आभार व्यक्त किया और उनसे वन क्षेत्रों में जंगली जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था कराने का अनुरोध किया.

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पर्यावरणविद् कौशल किशोर जायसवाल ने कहा कि गर्मी आते ही पानी की घोर कमी हो जाती है, ऐसे में प्यासे वन्य प्राणी पानी की तलाश करते गांव पहुंच जाते हैं, जिससे उनकी जान का खतरा बढ़ जाता है. उन्होंने वन प्राणियों की जान बचाने के लिए राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक अजय रस्तोगी से आग्रह किया है कि राज्य के सभी वन क्षेत्रों में जानवरों के पानी पीने के लिए बौलिया कुएं का निर्माण कराया जाए. पहले के राजा महाराजा भी जानवरों के पानी पीने के लिए बौलियां कुएं का निर्माण कराते थे.

पर्यावरणविद् कौशल किशोर जयसवाल के प्रयास से वन विभाग की टीम ने कराया इलाज: वन विभाग के पदाधिकारियों ने इस काम के लिए डाली गांव के ग्रामीणों को धन्यवाद भी दिया और कहा कि उनके अथक प्रयास से हिरण की जान बच गई. हिरण अभी घायल है. उसका पहले इलाज किया गया और इलाज करने के बाद हम लोग इसे सुरक्षित जंगल में छोड़ देंगे. जिसके बाद पर्यावरणविद् कौशल किशोर के प्रयास से वन विभाग की टीम ने हिरण का इलाज कराया.

Last Updated : Mar 30, 2022, 1:03 PM IST
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