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पलामू का गूगल बॉय! 11 मिनट में 195 देश का नाम-राजधानी-मुद्रा-क्षेत्रफल एक सांस में बताता है विकास - गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड

इंसानी हुनर का कोई सानी नहीं है. पलामू के विकास कुमार विश्वकर्मा कुछ ऐसा ही हुनर के मालिक हैं. जिनकी गजब की याददाश्त है, जिसकी बदौलत उन्होंंने तीन हफ्ते में तीन रिकॉर्ड बनाए हैं.

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विकास कुमार विश्वकर्मा
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Published : Mar 11, 2021, 11:18 AM IST

Updated : Mar 11, 2021, 6:43 PM IST

पलामूः जिला में उंटारी रोड प्रखंड के करकट्टा के रहने वाले विकास कुमार विश्वकर्मा का हुनर गजब का है. विकास के पास गजब की याददाश्त शक्ति है. अपनी याददाश्त की बदौलत ही विकास कुमार विश्वकर्मा ने तीन तीन रिकॉर्ड कायम किया है. विकास में अपनी याददाश्त के बदौलत देश, एशिया और इंटरनेशनल लेवल पर रिकॉर्ड कायम किया है. विकास एक सांस में 11 मिनट 07 सेकंड में 195 देशों के नाम उनकी राजधानी, मुद्रा का नाम और क्षेत्रफल बताते हैं.

इसे भी पढ़ें- पलामू में एक ऐसा स्कूल जहां क्लासरूम में दी जाती है बलि, डरकर भाग जाते हैं बच्चे


गिनीज बुक में रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाने की तैयारी
6 जनवरी 2021 को ऑनलाइन आयोजित प्रतियोगिता में विकास ने 11 मिनट 7 सेकंड में संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त 195 देश के नाम उनकी राजधानी मुद्रा और क्षेत्रफल को एक सांस में बताया. विकास ने इस दौरान एशिया में रिकॉर्ड कायम किया. उसके बाद 13 जनवरी को इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में उन्होंने अपना नाम दर्ज हुआ. विकास कुमार बताते हैं कि उनका टारगेट है गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाना. इसके लिए सभी देशों के नाम राजधानी मुद्रा क्षेत्रफल साथ-साथ वहां के राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री का नाम 2 शब्द प्रति सेकंड के हिसाब से सुनाना है, वह इसकी तैयारी कर रहे हैं.

पिता है किसान, पढ़ाई में आड़े आई गरीबी, प्रतिभा के बदौलत कमाया नाम
विकास कुमार विश्वकर्मा मूल रूप से पलामू के उंटारी रोड प्रखंड के करकट्टा के रहने वाले हैं. करकट्टा गांव आज भी विकास से दूर है. गांव में आज भी आने-जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर सिर्फ लोकल ट्रेन है. विकास कुमार विश्वकर्मा के पिता किसान हैं और वह करकट्टा में ही रहते हैं. विकास की प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा स्कूल से हुई. साल 2015 में मैट्रिक के परीक्षा पास करने के बाद वह इंजीनियर बनने का प्रयास कर रहे थे. 2017 में उन्होंने इंटर की परीक्षा पास की उसके बाद बीए में एडमिशन लिया. फिर वह तैयारी के लिए पटना चले गए.

इसे भी पढ़ें- इस कार्यालय में पहले होती है प्रार्थना फिर कर्मी करते हैं काम, आए हैं कई बदलाव

लगातार प्रयास से मजबूत की याददाश्त

पटना में उनकी मुलाकात एक शिक्षक से हुई. शिक्षक से ही परिवार लेकर उन्होंने अपनी याददाश्त को मजबूत करना शुरू किया. विकास कुमार विश्वकर्मा बताते हैं कि उनका जीवन संघर्ष भरा रहा है. अब याददाश्त के क्षेत्र में ही अपने करियर बनाना चाहते हैं और रिकॉर्ड कायम करना चाहते हैं. विकास कुमार के पिता बताते हैं कि उनके बेटे ने उनका नाम रोशन किया है. किसी तरह पढ़ाई के लिए पैसा जुगाड़ हो पाता था, उन्हें अपने बेटे पर गर्व है. विकास की मां बताती हैं कि उनके बेटे ने उनके सपनों को पूरा किया है, वह चाहती हैं कि उनका बेटा इसी तरह आगे बढ़ता रहे.

मदद के लिए आगे आए लोग
झारखंड प्रदेश विश्वकर्मा समाज विकास कुमार की प्रतिभा को देखते हुए उन्होंने हरसंभव मदद करने की घोषणा की है. समाज के पलामू जिला अध्यक्ष मनोज कुमार विश्वकर्मा बताते हैं कि जहां भी जरूरत होगी, विकास को हमारा समाज हरसंभव मदद देगा. विकास कुमार विश्वकर्मा ने समाज के गौरव को बढ़ाया है.

पलामूः जिला में उंटारी रोड प्रखंड के करकट्टा के रहने वाले विकास कुमार विश्वकर्मा का हुनर गजब का है. विकास के पास गजब की याददाश्त शक्ति है. अपनी याददाश्त की बदौलत ही विकास कुमार विश्वकर्मा ने तीन तीन रिकॉर्ड कायम किया है. विकास में अपनी याददाश्त के बदौलत देश, एशिया और इंटरनेशनल लेवल पर रिकॉर्ड कायम किया है. विकास एक सांस में 11 मिनट 07 सेकंड में 195 देशों के नाम उनकी राजधानी, मुद्रा का नाम और क्षेत्रफल बताते हैं.

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गिनीज बुक में रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाने की तैयारी
6 जनवरी 2021 को ऑनलाइन आयोजित प्रतियोगिता में विकास ने 11 मिनट 7 सेकंड में संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त 195 देश के नाम उनकी राजधानी मुद्रा और क्षेत्रफल को एक सांस में बताया. विकास ने इस दौरान एशिया में रिकॉर्ड कायम किया. उसके बाद 13 जनवरी को इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड में उन्होंने अपना नाम दर्ज हुआ. विकास कुमार बताते हैं कि उनका टारगेट है गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाना. इसके लिए सभी देशों के नाम राजधानी मुद्रा क्षेत्रफल साथ-साथ वहां के राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री का नाम 2 शब्द प्रति सेकंड के हिसाब से सुनाना है, वह इसकी तैयारी कर रहे हैं.

पिता है किसान, पढ़ाई में आड़े आई गरीबी, प्रतिभा के बदौलत कमाया नाम
विकास कुमार विश्वकर्मा मूल रूप से पलामू के उंटारी रोड प्रखंड के करकट्टा के रहने वाले हैं. करकट्टा गांव आज भी विकास से दूर है. गांव में आज भी आने-जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर सिर्फ लोकल ट्रेन है. विकास कुमार विश्वकर्मा के पिता किसान हैं और वह करकट्टा में ही रहते हैं. विकास की प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा स्कूल से हुई. साल 2015 में मैट्रिक के परीक्षा पास करने के बाद वह इंजीनियर बनने का प्रयास कर रहे थे. 2017 में उन्होंने इंटर की परीक्षा पास की उसके बाद बीए में एडमिशन लिया. फिर वह तैयारी के लिए पटना चले गए.

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लगातार प्रयास से मजबूत की याददाश्त

पटना में उनकी मुलाकात एक शिक्षक से हुई. शिक्षक से ही परिवार लेकर उन्होंने अपनी याददाश्त को मजबूत करना शुरू किया. विकास कुमार विश्वकर्मा बताते हैं कि उनका जीवन संघर्ष भरा रहा है. अब याददाश्त के क्षेत्र में ही अपने करियर बनाना चाहते हैं और रिकॉर्ड कायम करना चाहते हैं. विकास कुमार के पिता बताते हैं कि उनके बेटे ने उनका नाम रोशन किया है. किसी तरह पढ़ाई के लिए पैसा जुगाड़ हो पाता था, उन्हें अपने बेटे पर गर्व है. विकास की मां बताती हैं कि उनके बेटे ने उनके सपनों को पूरा किया है, वह चाहती हैं कि उनका बेटा इसी तरह आगे बढ़ता रहे.

मदद के लिए आगे आए लोग
झारखंड प्रदेश विश्वकर्मा समाज विकास कुमार की प्रतिभा को देखते हुए उन्होंने हरसंभव मदद करने की घोषणा की है. समाज के पलामू जिला अध्यक्ष मनोज कुमार विश्वकर्मा बताते हैं कि जहां भी जरूरत होगी, विकास को हमारा समाज हरसंभव मदद देगा. विकास कुमार विश्वकर्मा ने समाज के गौरव को बढ़ाया है.

Last Updated : Mar 11, 2021, 6:43 PM IST
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