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Dumka News: दुमका में दो बेटियों को किया गया सम्मानित, इनकी बहादुरी की हर कोई कर रहा तारीफ

महिला दिवस के अवसर पर पलामू में अलग-अलग क्षेत्र की कई महिलाओं को सम्मानित किया गया. लेकिन जिन दो लड़कियों की चर्चा हुई उनका नाम है चांदनी और निशा इन दोनों ने परिवार के खिलाफ जाकर खुद को बाल विवाद से बचाया. इन्होंने दूसरी लड़कियों के लिए एक मिसाल कायम की है.

child marriage in Dumka
निशा और चांदनी को सम्मानित करते उपायुक्त
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Published : Mar 10, 2023, 4:43 PM IST

Updated : Mar 10, 2023, 5:12 PM IST

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दुमका: जिले की दो लड़की चांदनी और निशा राय दूसरी लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गयी हैं. इन दोनों लड़कियों की उम्र जब 18 साल से कम थी तो इनके परिवारवाले इनकी शादी की बात करने लगें. जिसका इन दोनों ने प्रबल विरोध किया और खुद को बाल विवाह से बचाया. इनके इस साहसिक कदम को चिन्हित किया गया और जिला प्रशासन ने इन्हें सम्मानित किया है.

ये भी पढ़ें: डरावने हैं आंकड़े! पलामू में बाल विवाह के दायरे में 35 फीसदी शादियां

10 मार्च को दुमका के इनडोर स्टेडियम में महिला दिवस के उपलक्ष्य पर महिला सम्मान समारोह आयोजित किया गया. वैसे तो इसमें अलग-अलग क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया. लेकिन जिन दो लड़कियों को पर सबकी नजरें ठहर गयी वे थी चांदनी और निशा. वहां पर मौजूद हर एक शख्स इन दोनों लड़कियों की बहादुरी की तारीफ किए बगैर नहीं रह सका. दुमका के इनडोर स्टेडियम में दोनों लड़कियों को शॉल ओढ़ाकर और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया.

दोनों ने खुद को बाल विवाह से बचाया: दुमका जिले के रानीश्वर प्रखंड के पाकुड़िया गांव की रहने वाली चांदनी और शिकारीपाड़ा प्रखंड के गंधरकपुर गांव की रहने वाली निशा राय को शुक्रवार को जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त रविशंकर शुक्ला और जिला परिषद की अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने सम्मानित किया है. इन दोनों के घरवाले इनकी शादी करना चाहते थे, लेकिन दोनों की उम्र 18 वर्ष से कम थी. इस लिए दोनों ने शादी से इंकार कर दिया. घरवाले जब जोर जबरदस्ती कर शादी करवाने लगे तो इन्होंने चाइल्डलाइन को सूचना दे दी. जिसके बाद चाइल्ड लाइन सदस्य इनके घर पहुंचे और दोनों को बाल विवाह से बचाया. इसके साथ ही घरवालों को भी आगाह किया कि यह कानूनन जुर्म है और अगर नाबालिग की शादी कराई जाती है तो उनपर कार्रवाई की जाएगी.
जिले के उपायुक्त ने की सराहना: चांदनी और निशा को सम्मानित करने के बाद जिले के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने दोनों की सराहना करते हुए कहा कि इन दोनों ने काफी बहादुरी का काम किया है. उन्होंने उपस्थित लोगों को संदेश दिया कि आप सिर्फ 18 वर्ष ही नहीं बल्कि यह ठान लें कि जब तक हम आर्थिक रूप से सबल नहीं हो जाएंगे, आत्मनिर्भर नहीं हो जाएंगे तब तक शादी नहीं करेंगे. उपायुक्त ने कहा कि कम उम्र में शादी से काफी कठिनाई आती है. खासकर शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की परेशानियां होती हैं. यह गैरकानूनी है इसे हर हाल में रोकना होगा. ऐसे में समाज का दायित्व है कि जहां कहीं भी बालविवाह के मामले सामने आते हैं तो उसका विरोध करें और किसी भी हालत में ऐसा न होने दें.

सम्मान पाने के बाद चांदनी और निशा ने जताई खुशी: इधर प्रशासन के मंच से सम्मानित होने के बाद चांदनी और निशा काफी खुश नजर आईं. उन्होंने कहा कि पहले पढ़ाई पूरी करेंगे फिर अपने पैरों पर खड़ा होंगे उसके बाद ही शादी करेंगी. इसके लिए चाहे जितना ही वक्त क्यों ना लगे. निशा ने कहा कि अभी तो वे दसवीं क्लास में पढ़ती है, शादी का सवाल ही नहीं उठता.

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दुमका: जिले की दो लड़की चांदनी और निशा राय दूसरी लड़कियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गयी हैं. इन दोनों लड़कियों की उम्र जब 18 साल से कम थी तो इनके परिवारवाले इनकी शादी की बात करने लगें. जिसका इन दोनों ने प्रबल विरोध किया और खुद को बाल विवाह से बचाया. इनके इस साहसिक कदम को चिन्हित किया गया और जिला प्रशासन ने इन्हें सम्मानित किया है.

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10 मार्च को दुमका के इनडोर स्टेडियम में महिला दिवस के उपलक्ष्य पर महिला सम्मान समारोह आयोजित किया गया. वैसे तो इसमें अलग-अलग क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया. लेकिन जिन दो लड़कियों को पर सबकी नजरें ठहर गयी वे थी चांदनी और निशा. वहां पर मौजूद हर एक शख्स इन दोनों लड़कियों की बहादुरी की तारीफ किए बगैर नहीं रह सका. दुमका के इनडोर स्टेडियम में दोनों लड़कियों को शॉल ओढ़ाकर और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया.

दोनों ने खुद को बाल विवाह से बचाया: दुमका जिले के रानीश्वर प्रखंड के पाकुड़िया गांव की रहने वाली चांदनी और शिकारीपाड़ा प्रखंड के गंधरकपुर गांव की रहने वाली निशा राय को शुक्रवार को जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त रविशंकर शुक्ला और जिला परिषद की अध्यक्ष जॉयस बेसरा ने सम्मानित किया है. इन दोनों के घरवाले इनकी शादी करना चाहते थे, लेकिन दोनों की उम्र 18 वर्ष से कम थी. इस लिए दोनों ने शादी से इंकार कर दिया. घरवाले जब जोर जबरदस्ती कर शादी करवाने लगे तो इन्होंने चाइल्डलाइन को सूचना दे दी. जिसके बाद चाइल्ड लाइन सदस्य इनके घर पहुंचे और दोनों को बाल विवाह से बचाया. इसके साथ ही घरवालों को भी आगाह किया कि यह कानूनन जुर्म है और अगर नाबालिग की शादी कराई जाती है तो उनपर कार्रवाई की जाएगी.
जिले के उपायुक्त ने की सराहना: चांदनी और निशा को सम्मानित करने के बाद जिले के उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने दोनों की सराहना करते हुए कहा कि इन दोनों ने काफी बहादुरी का काम किया है. उन्होंने उपस्थित लोगों को संदेश दिया कि आप सिर्फ 18 वर्ष ही नहीं बल्कि यह ठान लें कि जब तक हम आर्थिक रूप से सबल नहीं हो जाएंगे, आत्मनिर्भर नहीं हो जाएंगे तब तक शादी नहीं करेंगे. उपायुक्त ने कहा कि कम उम्र में शादी से काफी कठिनाई आती है. खासकर शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की परेशानियां होती हैं. यह गैरकानूनी है इसे हर हाल में रोकना होगा. ऐसे में समाज का दायित्व है कि जहां कहीं भी बालविवाह के मामले सामने आते हैं तो उसका विरोध करें और किसी भी हालत में ऐसा न होने दें.

सम्मान पाने के बाद चांदनी और निशा ने जताई खुशी: इधर प्रशासन के मंच से सम्मानित होने के बाद चांदनी और निशा काफी खुश नजर आईं. उन्होंने कहा कि पहले पढ़ाई पूरी करेंगे फिर अपने पैरों पर खड़ा होंगे उसके बाद ही शादी करेंगी. इसके लिए चाहे जितना ही वक्त क्यों ना लगे. निशा ने कहा कि अभी तो वे दसवीं क्लास में पढ़ती है, शादी का सवाल ही नहीं उठता.

Last Updated : Mar 10, 2023, 5:12 PM IST
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