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पलामू: DC के निर्देश पर सीएस ने की कार्रवाई, दो फर्जी चिकित्सक गिरफ्तार और क्लिनिक सील

पलामू के हरिहरगंज में फर्जी डॉक्टरों का पर्दाफाश किया गया. फर्जी डाक्टर के गलत परामर्श से एक मरीज की मौत हो गई. मौत के बाद प्रशासन इस मामले की जांच में जुट और DC के निर्देश पर सीएस ने कार्रवाई की. इस दौरान दो फर्जी चिकित्सक को गिरफ्तार कर लिया गया और क्लिनिक को सील कर दिया गया है.

फर्जी चिकित्सक को किया गिरफ्तार
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Published : Sep 16, 2019, 4:16 PM IST

पलामू: जिले में फर्जी डाक्टर के गलत परामर्श से एक मरीज की जान चली गई. जहां फर्जी डॉक्टरों ने मौत के बाद इस मामले को भूख से मौत का रंग दे दिया गया. जानकारी मिलने पर प्रशासन हरकत में आई और जांच में जुट गई. वहीं जिले के उपायुक्त डॉ. शांतनु कुमार ने मामले की जांच की तो इसमें फर्जी डाक्टर की असलियत सामने आई. सीएस के निर्देश पर कथित महिला-पुरूष डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है और क्लिनिक को सील कर दिया गया है.

देखें पूरी खबर


क्या है पूरा मामला
सीएस डॉ. कनेडी ने बताया कि दो दिन पहले हरिहरगंज के सतगांवा का रहने वाला पुनीत पासवान अपना इलाज कराने के लिए स्थानीय लकवा अस्पताल में गया था. फर्जी डॉ. प्रमोद कुमार ने रोगी को देखते हुए उसका इलाज करने के बजाए, उसे गंभीर बीमारी से ग्रसित बता दिया और यूपी के वाराणसी जाकर इलाज कराने की सलाह दे दी. आर्थिक रूप से कमजोर पुनीत इससे काफी डर गया और इलाज कराने के बजाए घर चला गया.


इलाज के अभाव में तोड़ा दम
सीएस ने कहा कि पुनीत को अगर सही सलाह दिया जाता तो उसकी जान बच सकती थी, लेकिन कथित डॉ. प्रमोद कुमार और उसकी पत्नी मीरा देवी ने ऐसा नहीं किया. अगर उसे हरिहरगंज कें सीएचसी या फिर पीएमसीएच मेदिनीनगर भेज दिया जाता तो भी उसका इलाज किया जाता, लेकिन डॉ. प्रमोद कुमार ने अपनी असलियत छुपाने के लिए पुनीत को यूपी के वाराणसी जाकर इलाज कराने की सलाह दे दी. नतीजा उसकी मौत हो गई.

ये भी देखें- पलामू:अंधविश्वास ने ली एक शख्स की जान, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार


भूख से नहीं हुई पुनीत की मौत
सीएस ने कहा कि जब मामले को भूख से मौत का रूप दिया गया था तो इस मामले की जांच की गई. एसडीओ और डीएसओ के साथ पुनीत के घर जाकर छानबीन करने पहुंची तो पता चला कि उसने तीन रोटी खायी थी. परिजनों ने बताया कि पुनीत लंबे समय से बीमार था. जब वह इलाज के लिए प्रमोद के क्लिनिक में गया तो उसे गलत सलाह दिया गया. नजीता गरीबी के कारण पुनीत इलाज नहीं करा सका और इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई.


दो बूंद दवा से करता था सांप और बिच्छू डंसे मरीज का इलाज
सीएस ने बताया कि प्रमोद कुमार और उसकी पत्नी खुद को पलामू के टॉप डाक्टर समझते थे. लकवा अस्पताल नाम से क्लिनिक चलाते थे. क्लिनिक में हर तरह की बीमारी का इलाज शर्तिया तरीके से करने का दावा किया जाता था. क्लिनिक के बोर्ड पर सांप-बिच्छु के डंसने पर भी शर्तिया इलाज का दावा किया गया था. छानबीन के दौरान फर्जी दंपति डाक्टर से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि दो बूंद दवा से सांप और बिच्छू डंसे मरीज का इलाज कर देते थे. मरीज ठीक हो जाता था.


सीएस ने बताया कि दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है और क्लिनिक को सील कर दिया गया है, साथ ही सीजर लिस्ट बनाकर कई सामान को जब्त भी किए गए हैं. हरिहरगंज के चिकित्सा पदाधिकारी को इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है और हरिहरगंज पुलिस से दोनों आरोपी डाक्टरों को न्यायिक हिरासत में भेजने का आग्रह किया गया है.
वहीं इस मामले की जांच जिले के सीएस डॉ.जॉन एफ कनेडी, छत्तरपुर के एसडीओ एनपी गुप्ता और आपूर्ति पदाधिकारी अमित प्रकाश ने की.

पलामू: जिले में फर्जी डाक्टर के गलत परामर्श से एक मरीज की जान चली गई. जहां फर्जी डॉक्टरों ने मौत के बाद इस मामले को भूख से मौत का रंग दे दिया गया. जानकारी मिलने पर प्रशासन हरकत में आई और जांच में जुट गई. वहीं जिले के उपायुक्त डॉ. शांतनु कुमार ने मामले की जांच की तो इसमें फर्जी डाक्टर की असलियत सामने आई. सीएस के निर्देश पर कथित महिला-पुरूष डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है और क्लिनिक को सील कर दिया गया है.

देखें पूरी खबर


क्या है पूरा मामला
सीएस डॉ. कनेडी ने बताया कि दो दिन पहले हरिहरगंज के सतगांवा का रहने वाला पुनीत पासवान अपना इलाज कराने के लिए स्थानीय लकवा अस्पताल में गया था. फर्जी डॉ. प्रमोद कुमार ने रोगी को देखते हुए उसका इलाज करने के बजाए, उसे गंभीर बीमारी से ग्रसित बता दिया और यूपी के वाराणसी जाकर इलाज कराने की सलाह दे दी. आर्थिक रूप से कमजोर पुनीत इससे काफी डर गया और इलाज कराने के बजाए घर चला गया.


इलाज के अभाव में तोड़ा दम
सीएस ने कहा कि पुनीत को अगर सही सलाह दिया जाता तो उसकी जान बच सकती थी, लेकिन कथित डॉ. प्रमोद कुमार और उसकी पत्नी मीरा देवी ने ऐसा नहीं किया. अगर उसे हरिहरगंज कें सीएचसी या फिर पीएमसीएच मेदिनीनगर भेज दिया जाता तो भी उसका इलाज किया जाता, लेकिन डॉ. प्रमोद कुमार ने अपनी असलियत छुपाने के लिए पुनीत को यूपी के वाराणसी जाकर इलाज कराने की सलाह दे दी. नतीजा उसकी मौत हो गई.

ये भी देखें- पलामू:अंधविश्वास ने ली एक शख्स की जान, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार


भूख से नहीं हुई पुनीत की मौत
सीएस ने कहा कि जब मामले को भूख से मौत का रूप दिया गया था तो इस मामले की जांच की गई. एसडीओ और डीएसओ के साथ पुनीत के घर जाकर छानबीन करने पहुंची तो पता चला कि उसने तीन रोटी खायी थी. परिजनों ने बताया कि पुनीत लंबे समय से बीमार था. जब वह इलाज के लिए प्रमोद के क्लिनिक में गया तो उसे गलत सलाह दिया गया. नजीता गरीबी के कारण पुनीत इलाज नहीं करा सका और इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई.


दो बूंद दवा से करता था सांप और बिच्छू डंसे मरीज का इलाज
सीएस ने बताया कि प्रमोद कुमार और उसकी पत्नी खुद को पलामू के टॉप डाक्टर समझते थे. लकवा अस्पताल नाम से क्लिनिक चलाते थे. क्लिनिक में हर तरह की बीमारी का इलाज शर्तिया तरीके से करने का दावा किया जाता था. क्लिनिक के बोर्ड पर सांप-बिच्छु के डंसने पर भी शर्तिया इलाज का दावा किया गया था. छानबीन के दौरान फर्जी दंपति डाक्टर से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि दो बूंद दवा से सांप और बिच्छू डंसे मरीज का इलाज कर देते थे. मरीज ठीक हो जाता था.


सीएस ने बताया कि दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है और क्लिनिक को सील कर दिया गया है, साथ ही सीजर लिस्ट बनाकर कई सामान को जब्त भी किए गए हैं. हरिहरगंज के चिकित्सा पदाधिकारी को इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है और हरिहरगंज पुलिस से दोनों आरोपी डाक्टरों को न्यायिक हिरासत में भेजने का आग्रह किया गया है.
वहीं इस मामले की जांच जिले के सीएस डॉ.जॉन एफ कनेडी, छत्तरपुर के एसडीओ एनपी गुप्ता और आपूर्ति पदाधिकारी अमित प्रकाश ने की.

Intro:NBody:पलामू डीसी के निर्देश पर सीएस ने की कार्रवाई
दो फर्जी चिकित्सक गिरफ्तार,क्लिनिक सील
पलामू जिले में फर्जी डाक्टर के गलत परामर्श से एक रोगी की जान चली गयी. इसके बाद मामले को भूख से मौत का रंग दे दिया गया. भूख से मौत की जानकारी होते ही प्रशासन हरकत में आया और जांच की. जिले के उपायुक्त डा. शांतनु कुमार अग्रहरि के निर्देश पर जिले के सीएस डा. जाॅन एफ कनेडी, छत्तरपुर के एसडीओ एनपी गुप्ता और आपूर्ति पदाधिकारी अमित प्रकाश ने मामले की जांच की तो इसमें फर्जी डाक्टर की कारस्तानी उजागर हुई. सीएस के निर्देश पर कथित महिला-पुरूष डाक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है. क्लिनिक को सील कर दिया गया है और मौके से कई सामान जब्त किए गए हैं.
जिले के सीएस डा. कनेडी ने बताया कि दो दिन पूर्व हरिहरगंज के सतगांवा निवासी पुनीत पासवान अपना इलाज कराने के लिए स्थानीय विशाल लकवा अस्पताल में गया था. फर्जी डाक्टर प्रमोद कुमार ने रोगी को देखते हुए उसका इलाज करने के बजाए, उसे गंभीर बीमारी से ग्रसित बता दिया और यूपी के वाराणसी जाकर इलाज कराने की सलाह दे दी. आर्थिक रूप से कमजोर पुनीत इससे काफी डर गया और इलाज कराने के बजाए घर चला गया.
इलाज के अभाव में तोड़ा दम
सीएस ने कहा कि पुनीत को अगर सही परामर्श दिया जाता तो उसका इलाज होता और उसकी जान बच सकती थी, लेकिन कथित डाक्टर प्रमोद और उसकी पत्नी मीरा देवी ने ऐसा नहीं किया. अगर उसे हरिहरगंज कें सीएचसी या फिर पीएमसीएच मेदिनीनगर भेज दिया जाता तो भी उसका इलाज किया जाता, लेकिन प्रमोद कुमार ने अपनी असलियत छुपाने के लिए पुनीत को यूपी के वाराणसी जाकर इलाज कराने की सलाह दे दी. नतीजा उसकी मौत हो गयी.
भूख से नहीं हुई पुनीत की मौत
सीएस ने कहा कि जब मामले को भूख से मौत का रूप दिया गया तो इस मामले में भी जांच की गयी. एसडीओ और डीएसओ के साथ जब पुनीत के घर जाकर छानबीन की तो पता चला कि कल उसने तीन रोटी खायी थी. परिजनों ने बताया कि पुनीत लंबे समय से बीमार था. जब वह इलाज के लिए प्रमोद के क्लिनिक में गया तो उसे गलत परामर्श दिया गया. नजीता गरीबी के कारण पुनीत इलाज नहीं करा सका और इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गयी.
दो बूंद दवा से करता था लकवा, सांप और बिच्छू डंसे मरीज का इलाज
सीएस ने बताया कि प्रमोद कुमार और उसकी पत्नी खुद को पलामू के टाॅप डाक्टर समझते थे. लकवा अस्पताल नाम से क्लिनिक चलाते थे. क्लिनिक में हर तरह की बीमारी का इलाज शर्तिया तरीके से करने का दावा किया जाता था. क्लिनिक के बोर्ड पर सांप-बिच्छु के डंसने पर भी शर्तिया इलाज का दावा किया गया था. छानबीन के दौरान फर्जी दंपति डाक्टर से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि दो बूंद दवा से सांप और बिच्छू डंसे मरीज का इलाज कर देते थे. मरीज ठीक हो जाता था. सीएस ने बताया कि दोनों को गिरफ्तार किया गया है. क्लिनिक को सील कर दिया गया है और सीजर लिस्ट बनाकर कई सामान जब्त किए गए हैं. हरिहरगंज के चिकित्सा पदाधिकारी को इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया है और हरिहरगंज पुलिस से दोनों आरोपी डाक्टरों को न्यायिक हिरासत में भेजने का आग्रह किया गया है.Conclusion:N
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