पलामूः प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी से खाली हुए इलाकों में तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) ने कब्जे की योजना तैयार की है. कुछ दिनों पहले चतरा के कुंदा इलाके में प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) की बड़ी बैठक हुई थी. इस बैठक में माओवादी से खाली हुए इलाकों में कब्जा करने की योजना तैयार की गई है. इस दौरान टीएसपीसी ने अपने कई टॉप कमांडरों के इलाके को भी बदल दिया है.
टीएसपीसी नक्सलियों को अलग-अलग इलाकों की सौंपी गई जिम्मेदारीः 15 लाख के इनामी आक्रमण गंझू को लातेहार का बालूमाथ, चतरा का टंडवा और रांची के खलारी के इलाके के जिम्मेदारी सौंपी गई है. 10 लाख के इनामी टीएसपीसी कमांडर शशिकांत गंझू को झारखंड-बिहार सीमा पर इमामगंज, सलैया और मनातू के उतरी सीमा और नौडीहा बाजार के इलाके की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं दिनेश नामक कमांडर को पलामू के मनातू, पांकी, पाटन, छतरपुर समेत कई इलाकों की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
माओवादियों से खाली हुए इलाकों में टीएसपीसी पैठ बनाने में जुटीः दरअसल, पलामू-चतरा सीमा पर कुछ दिनों पहले टॉप माओवादी कमांडर गौतम पासवान, अजीत उर्फ चार्लीस समेत पांच माओवादी मारे गए थे. उनके मारे जाने के बाद लातेहार का बालूमाथ और चतरा का टंडवा इलाका माओवादियों से खाली हो गया था. वहीं माओवादी अरविंद भुइयां के पकड़े जाने के बाद झारखंड-बिहार सीमा पर माओवादी कमजोर हो गए थे. जिसके बाद शशिकांत को उस इलाके में भेजा गया है. पिछले एक वर्ष के दौरान पलामू और लातेहार में टीएसपीसी के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया गया था. इसमें टीएसपीसी के दो दर्जन से भी अधिक बड़े कमांडर पकड़े गए हैं.
नक्सलियों के खिलाफ चलाया जा रहा अभियानः कई इलाकों में टीएसपीसी बेहद कमजोर हो गई है. टीएसपीसी फिर से खुद को खड़ा करने की कोशिश कर रही है. इस संबंध में पलामू जोन के आईजी राजकुमार लकड़ा बताते हैं कि पुलिस का सभी संगठनों के खिलाफ अभियान जारी है. कोई भी नक्सली संगठन हो पुलिस लगातार अभियान चला रही है और सभी इलाकों में नजर बनाए हुए हैं.