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आखिर कौन हैं वे लोग जो नक्सल संगठन टीएसपीसी के बने हैं पोषक, पुलिस को मिले 70 से अधिक नाम - TSPC naxalites collect levy in hitech way

पलामू में भले ही नक्सलियों का प्रभाव कम हुआ है, लेकिन अभी भी नक्सली कई माध्यमों से लेवी की वसूली करते हैं. नक्सली हाईटेक तरीके अपनाकर लेवी की वसूली कर रहे हैं, हालांकि पुलिस इस पर भी कड़ी नजर रखे हुए है.

Palamu Crime News
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Published : Jun 28, 2023, 11:43 AM IST

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पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) को हर महीने पैसे से सपोर्ट किया जा रहा है. पुलिस को 70 से अधिक ऐसे नाम मिले हैं, जो टीएसपीसी के पोषक बने हुए हैं. टीएसपीसी इन पैसों को हथियार की खरीद और संगठन को मजबूत करने में इस्तेमाल करती है.

ये भी पढ़ें: नक्सल कमांडरों पर लाखों का इनाम, लेकिन कुर्की के दौरान नहीं मिलती संपत्ति, जानिए क्या है वजह

पुलिस के पास 70 नामों की लिस्ट: दरसल पलामू पुलिस ने सोमवार को टीएसपीसी के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार सदस्यों के पास से पुलिस ने दो डायरी बरामद की है. इस डायरी में पुलिस को 70 से अधिक ऐसे नाम मिले हैं, जो हर महीने नक्सलियों को पैसे देते हैं. यह रकम पांच हजार से 35 हजार रुपये तक है. डायरी में पैसों का हिसाब लिखा गया है. पुलिस को गिरफ्तार नक्सलियों के मोबाइल से स्क्रीनशॉट मिला है. जिसमें लेन-देन का जिक्र है. नक्सल संगठन टीएसपीसी को मिलने वाली पांच से 10 हजार रुपये की रकम डिजिटल माध्यम से लिए गए हैं. पुलिस को डिजिटल ट्रांजेक्शन से जुड़े हुए कई खातों के बारे में भी जानकारी मिली है.

इन लोगों से आ रहे पैसे: पुलिस को डायरी में कई बातों की जानकारी मिली है. डायरी में पैसे लेने वाले और पैसे देने वालों का जिक्र है. डायरी में ईट भट्ठे, स्टोन माइन संचालक और ठेकेदारों का नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखा हुआ है. ईट भट्ठे के संचालक 10 हजार, स्टोन माइंस के संचालक 30 हजार रुपये महीना दे रहे हैं. जबकि ग्रामीण इलाकों में योजनाओं का संचालन करने वाले पांच से 10 हजार की रकम लेवी के रूप में दे रहे हैं.

कई लोगों से नक्सलियों ने दो हजार रुपये की रकम लेवी के रूप में वसूली है. पलामू पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि नक्सल संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के लेवी का पैसा एक टॉप कमांडर की पत्नी के पास जमा होता है. पैसा डिजिटल या कैश जमा किया जाता है. पुलिस ने नक्सली कमांडर की पत्नी के बैंक खाते पर भी निगरानी बढ़ाई है. नक्सल कमांडर की पत्नी पलामू के मनातू के इलाके में पैसे लेती है और यह पैसा टीएसपीसी के टॉप कमांडर तक पहुंचता है.

एसपी ने क्या कहा: पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि वैसे तत्व जो संगठनों के पोषक बने हुए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पुलिस को डायरी में कई बातों की जानकारी मिली है और नाम भी मिले हैं. बताया कि इसका खुलासा फिलहाल नहीं किया जा सकता है.

पुलिस बार-बार अपील करती है कि नक्सल संगठनों को लेवी नही दें. नक्सल संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. वे बेहद कमजोर हो गए हैं. एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि लेवी देने वाले लोग अपराधी हैं. वह अपना हित साधने के लिए नक्सलियों को पैसे और अन्य संसाधन उपलब्ध करवा रहे हैं. कहा कि पुलिस ने ऐसे तत्वों से निपटने की योजना तैयार की है. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कई इलाकों से मिल रही लेवी: प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी का प्रभाव कई इलाकों में बेहद ही कम हो गया है. टीएसपीसी का प्रभाव सिर्फ पलामू के मनातू और पांकी के इलाके में है. टीएसपीसी को हर महीने पलामू के दूसरे इलाकों से भी लेवी के रूप में पैसे मिल रहे हैं. हालांकि लेवी की यह रकम 70 से 80 प्रतिशत तक कम हो गई. पुलिस की कार्रवाई में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि टीएसपीसी लेवी वसूलने के लिए हाईटेक तरीके को अपना रही है. टीएसपीसी व्हाट्सएप एवं डिजिटल माध्यम से लेवी मांग रही है.

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पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) को हर महीने पैसे से सपोर्ट किया जा रहा है. पुलिस को 70 से अधिक ऐसे नाम मिले हैं, जो टीएसपीसी के पोषक बने हुए हैं. टीएसपीसी इन पैसों को हथियार की खरीद और संगठन को मजबूत करने में इस्तेमाल करती है.

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पुलिस के पास 70 नामों की लिस्ट: दरसल पलामू पुलिस ने सोमवार को टीएसपीसी के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार सदस्यों के पास से पुलिस ने दो डायरी बरामद की है. इस डायरी में पुलिस को 70 से अधिक ऐसे नाम मिले हैं, जो हर महीने नक्सलियों को पैसे देते हैं. यह रकम पांच हजार से 35 हजार रुपये तक है. डायरी में पैसों का हिसाब लिखा गया है. पुलिस को गिरफ्तार नक्सलियों के मोबाइल से स्क्रीनशॉट मिला है. जिसमें लेन-देन का जिक्र है. नक्सल संगठन टीएसपीसी को मिलने वाली पांच से 10 हजार रुपये की रकम डिजिटल माध्यम से लिए गए हैं. पुलिस को डिजिटल ट्रांजेक्शन से जुड़े हुए कई खातों के बारे में भी जानकारी मिली है.

इन लोगों से आ रहे पैसे: पुलिस को डायरी में कई बातों की जानकारी मिली है. डायरी में पैसे लेने वाले और पैसे देने वालों का जिक्र है. डायरी में ईट भट्ठे, स्टोन माइन संचालक और ठेकेदारों का नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखा हुआ है. ईट भट्ठे के संचालक 10 हजार, स्टोन माइंस के संचालक 30 हजार रुपये महीना दे रहे हैं. जबकि ग्रामीण इलाकों में योजनाओं का संचालन करने वाले पांच से 10 हजार की रकम लेवी के रूप में दे रहे हैं.

कई लोगों से नक्सलियों ने दो हजार रुपये की रकम लेवी के रूप में वसूली है. पलामू पुलिस की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि नक्सल संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के लेवी का पैसा एक टॉप कमांडर की पत्नी के पास जमा होता है. पैसा डिजिटल या कैश जमा किया जाता है. पुलिस ने नक्सली कमांडर की पत्नी के बैंक खाते पर भी निगरानी बढ़ाई है. नक्सल कमांडर की पत्नी पलामू के मनातू के इलाके में पैसे लेती है और यह पैसा टीएसपीसी के टॉप कमांडर तक पहुंचता है.

एसपी ने क्या कहा: पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि वैसे तत्व जो संगठनों के पोषक बने हुए हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. पुलिस को डायरी में कई बातों की जानकारी मिली है और नाम भी मिले हैं. बताया कि इसका खुलासा फिलहाल नहीं किया जा सकता है.

पुलिस बार-बार अपील करती है कि नक्सल संगठनों को लेवी नही दें. नक्सल संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. वे बेहद कमजोर हो गए हैं. एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि लेवी देने वाले लोग अपराधी हैं. वह अपना हित साधने के लिए नक्सलियों को पैसे और अन्य संसाधन उपलब्ध करवा रहे हैं. कहा कि पुलिस ने ऐसे तत्वों से निपटने की योजना तैयार की है. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

कई इलाकों से मिल रही लेवी: प्रतिबंधित नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी का प्रभाव कई इलाकों में बेहद ही कम हो गया है. टीएसपीसी का प्रभाव सिर्फ पलामू के मनातू और पांकी के इलाके में है. टीएसपीसी को हर महीने पलामू के दूसरे इलाकों से भी लेवी के रूप में पैसे मिल रहे हैं. हालांकि लेवी की यह रकम 70 से 80 प्रतिशत तक कम हो गई. पुलिस की कार्रवाई में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि टीएसपीसी लेवी वसूलने के लिए हाईटेक तरीके को अपना रही है. टीएसपीसी व्हाट्सएप एवं डिजिटल माध्यम से लेवी मांग रही है.

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