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अगले माह से पलामू में ही दूध की प्रोसेसिंग, 25 हजार किसानों से इकट्ठा होगा दूध - मेदिनीनगर के गणके इलाके में प्लांट

अगले माह से पलामू में ही दूध की प्रोसिंग होना शुरू हो सकता है. इसके लिए मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट का ट्रायल पूरा हो गया है. अब उत्पादों की गुणवत्ता की जांच बाकी है. इससे एक ओर जहां झारखंड को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी तो दूसरी ओर प्लांट के 60 से अधिक दुग्ध कलेक्शन सेंटर की मदद से 25 हजार किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिल सकेगी.

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अगले माह से पलामू में ही दूध की प्रोसेसिंग
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Published : Mar 9, 2022, 5:40 PM IST

Updated : Mar 9, 2022, 8:35 PM IST

पलामूः प्रमंडल में तरक्की इबारत लिखने के लिए नया कदम उठाया गया है. पलामू में मिल्क प्रोसिंस प्लांट तकरीबन तैयार है, इसकी टेस्टिंग के बाद अब पलामू में ही दूध की प्रोसेसिंग हो सकेगी. इसके लिए 60 से अधिक दूध कलेक्शन सेंटर बनाए गए हैं, जिसके जरिये करीब 25 हजार किसानों से दूध इकट्ठा होगा. इससे इन किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकेगी. प्रोसेसिंग प्लांट में टेस्टिंग के बाद जल्द ही यहां पाश्चुरित किया गया दूध राज्य भर के बाजारों में दिखने लगेगा. इसके जरिये पलामू के पिछड़े और सुदूरवर्ती इलाकों में बदलाव आने की संभावना है.

ये भी पढ़ें- Jharkhand Assembly Budget Session: सदन के बाहर विपक्ष का प्रदर्शन, सरकार पर छलने का लगाया आरोप

ट्रायल पूरा, उत्पादों की गुणवत्ता की जांच बाकीः बता दें कि पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के गणके के इलाके में करोड़ो की लागत से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट लगाया गया है. आधुनिक मशीनों से लैस इस प्रोसेसिंग प्लांट का ट्रायल पूरा हो चुका है. ट्रायल के दौरान सारी मशीन सही से काम कर रहीं थीं. अब इसके उत्पादों के गुणवत्ता की जांच की जाएगी. प्रोसेसिंग प्लांट के चालू हो जाने से इलाके के किसानों के साथ-साथ सैकड़ों युवाओं को रोजगार मिलेगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी.

देखें स्पेशल खबर
62 दूध संग्रह केंद्र से 230 गांव के किसान जुड़ेः मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट के लिए पूरे जिले में 62 दूध संग्रह केंद्र स्थापित किए गए हैं. दूध संग्रह केंद्रों से जिले के 230 गांव के किसान जुड़े हुए हैं. दूध की गुणवत्ता जांच के लिए 46 संग्रह केंद्रों पर जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. फिलहाल पलामू में संग्रहित दूध को प्रोसेसिंग के लिए लातेहार और रांची के इलाके में पाया जाता है.

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साइट इंचार्ज प्रदीप नायक ने बताया कि ये मशीनें काफी आधुनिक हैं. प्रतिदिन 20 से 22 हजार लीटर मिल्क को प्रोसेस किया जाएगा. इस प्रोसेसिंग प्लांट से सीधे तौर पर इलाके के किसानों को फायदा होने वाला है. इससे पहले झारखंड के देवघर, सारठ, साहिबगंज, कोडरमा और रांची में प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जा चुका है.

राज्य में दूध की आवश्यकता को पूरा करेगा यह प्लांटः पलामू का मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट राज्य में दूध की जरूरतों को पूरा करेगा. प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने बताया कि प्रमंडल में सैकड़ों किसान हैं, जो पशुपालन से जुड़े हुए हैं. उनके उत्पादों की बिक्री सही से नहीं हो पाती है. पलामू में मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट के शुरू होने से यहां के किसानों को काफी फायदा होगा. प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने किसानों से दूध उत्पादन को बढ़ावा देने की अपील की है. आयुक्त ने उम्मीद जताई है कि अगले एक महीने में प्लांट पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगा.

पलामूः प्रमंडल में तरक्की इबारत लिखने के लिए नया कदम उठाया गया है. पलामू में मिल्क प्रोसिंस प्लांट तकरीबन तैयार है, इसकी टेस्टिंग के बाद अब पलामू में ही दूध की प्रोसेसिंग हो सकेगी. इसके लिए 60 से अधिक दूध कलेक्शन सेंटर बनाए गए हैं, जिसके जरिये करीब 25 हजार किसानों से दूध इकट्ठा होगा. इससे इन किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकेगी. प्रोसेसिंग प्लांट में टेस्टिंग के बाद जल्द ही यहां पाश्चुरित किया गया दूध राज्य भर के बाजारों में दिखने लगेगा. इसके जरिये पलामू के पिछड़े और सुदूरवर्ती इलाकों में बदलाव आने की संभावना है.

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ट्रायल पूरा, उत्पादों की गुणवत्ता की जांच बाकीः बता दें कि पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के गणके के इलाके में करोड़ो की लागत से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट लगाया गया है. आधुनिक मशीनों से लैस इस प्रोसेसिंग प्लांट का ट्रायल पूरा हो चुका है. ट्रायल के दौरान सारी मशीन सही से काम कर रहीं थीं. अब इसके उत्पादों के गुणवत्ता की जांच की जाएगी. प्रोसेसिंग प्लांट के चालू हो जाने से इलाके के किसानों के साथ-साथ सैकड़ों युवाओं को रोजगार मिलेगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी.

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62 दूध संग्रह केंद्र से 230 गांव के किसान जुड़ेः मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट के लिए पूरे जिले में 62 दूध संग्रह केंद्र स्थापित किए गए हैं. दूध संग्रह केंद्रों से जिले के 230 गांव के किसान जुड़े हुए हैं. दूध की गुणवत्ता जांच के लिए 46 संग्रह केंद्रों पर जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. फिलहाल पलामू में संग्रहित दूध को प्रोसेसिंग के लिए लातेहार और रांची के इलाके में पाया जाता है.

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साइट इंचार्ज प्रदीप नायक ने बताया कि ये मशीनें काफी आधुनिक हैं. प्रतिदिन 20 से 22 हजार लीटर मिल्क को प्रोसेस किया जाएगा. इस प्रोसेसिंग प्लांट से सीधे तौर पर इलाके के किसानों को फायदा होने वाला है. इससे पहले झारखंड के देवघर, सारठ, साहिबगंज, कोडरमा और रांची में प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जा चुका है.

राज्य में दूध की आवश्यकता को पूरा करेगा यह प्लांटः पलामू का मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट राज्य में दूध की जरूरतों को पूरा करेगा. प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने बताया कि प्रमंडल में सैकड़ों किसान हैं, जो पशुपालन से जुड़े हुए हैं. उनके उत्पादों की बिक्री सही से नहीं हो पाती है. पलामू में मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट के शुरू होने से यहां के किसानों को काफी फायदा होगा. प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी ने किसानों से दूध उत्पादन को बढ़ावा देने की अपील की है. आयुक्त ने उम्मीद जताई है कि अगले एक महीने में प्लांट पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगा.

Last Updated : Mar 9, 2022, 8:35 PM IST
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