पलामूः झारखंड को उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और बिहार को जोड़ने वाले नेशनल हाईवे पर सफर का माहौल बदल रहा है. अब पलामू में नेशनल हाईवे फोरलेन हो रहा है. दरअसल, नेशनल हाईवे 75 (नया नामकरण 139) जो रांची से पलामू और आगे गढ़वा तक जाती है यह नेशनल हाइवे झारखंड को यूपी, मध्यप्रदेश से जोड़ता है, जबकि नेशनल हाइवे 98 झारखंड को यूपी, बिहार के साथ साथ उतर भारत के राज्यों से जोड़ता है. नेशनल हाईवे 98 लगभग फोरलेन हो चुका है, जबकि नेशनल हाईवे 75 का तीन चरणों में फोरलेन का कार्य चल रहा है. दोनों नेशनल हाईवे पलामू की बदलती तस्वीर की कहानी है. दोनों नेशनल हाईवे पलामू जोन के अति नक्सल प्रभावित इलाके से होकर गुजरता है. कुछ वर्ष पहले तक दोनों नेशनल हाईवे पर शाम पांच बजे के बाद वाहनों के पहिए थम जाते थे और वाहनों का परिचालन ठप हो जाता था, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं और 24 घंटे दोनों नेशनल हाईवे पर वाहनों का परिचालन हो रहा है.
नेशनल हाइवे पर हो चुके हैं दर्जनों हमले, बड़ी संख्या में जवानों को किया जाता था तैनातः नेशनल हाईवे 75 और 98 पर कई बड़े नक्सली हमले हो चुके हैं. इन नक्सल हमले में कई पुलिस जवान और पुलिस अधिकारी शहीद हो चुके हैं. नेशनल हाईवे 75 और 98 पर नक्सलियों ने पुलिस और सुरक्षाबलों को टारगेट करने के लिए कई बार विस्फोट किया है. 2010 से 2016-17 तक नेशनल हाईवे पर 38 से अधिक नक्सली हमले का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है. जबकि कई वाहनों को फूंक दिया गया है. नेशनल हाईवे पर नक्सलियों ने लैंड माइंस लगाकर कई बार विस्फोट किए हैं. राजधानी रांची से पलामू के इलाके में दौरे के दौरान नेशनल हाईवे 75 पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जाती. पुलिस और सुरक्षाबलों ने कई संवेदनशील इलाके चिन्हित किए थे और वहां पर दौरे के दौरान बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया जाता था.
पुलिस और सुरक्षाबलों की मौजूदगी से बदला है माहौलः पिछले कुछ वर्षों में पुलिस और सुरक्षा वालों ने नेशनल हाईवे की सुरक्षा को लेकर एक योजना तैयार की थी. नेशनल हाईवे के किनारे कई जगहों पर पुलिस कैंप और थाना बनाए गए हैं. पलामू के जोनल आईजी राजकुमार लकड़ा बताते हैं कि पूर्व और वर्तमान के अधिकारियों ने सुरक्षा को लेकर कई कदम उठाए हैं. इस कारण नेशनल हाइवे पर सफर करना सुरक्षित हुआ है. पुलिस सुरक्षा व्यवस्था और चुस्त-दुरुस्त करने का प्रयास कर रही है.
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