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पलामू में अच्छे आचरण के चलते रिहा हुए 3 कैदी, आजीवन कारावास की मिली थी सजा

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Published : Mar 18, 2021, 8:35 AM IST

पलामू सेंट्रल जेल से तीन कैदियों को उनके अच्छे आचरण के चलते रिहा किया गया है. तीनों को हत्या के अपराध में जेल हुई थी. तीन में से दो लोग रिश्ते में चाचा-भतीजा हैं. झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद ने सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काटने वाले कुल पांच कैदियों को छोड़ने का निर्णय लिया है.

three prisoners released from jail for good behavior, sentenced for murder in palamu
पलामू में अच्छे आचरण के चलते तीन कैदी रिहा

पलामू: झारखंड राज्य सजा पुनर्निरीक्षण परिषद की ओर से बुधवार को सेंट्रल जेल के तीन कैदियों को अच्छे आचरण के चलते से रिहा किया गया. तीन में से दो लोग रिश्ते में चाचा-भतीजा लगते हैं. ये तीनों हत्या करने के अपराध में उम्र कैद की सजा काट रहे थे.

बताते चलें कि झारखंड राज्य सजा पुनर्निरीक्षण परिषद ने पलामू सेंट्रल जेल में उम्र कैद की सजा काटने वाले कुल पांच कैदियों को छोड़ने का निर्णय लिया है. इनमें से नन्हकू मेहता, रामाश्रय रजवार और राजेंद्र रजवार को छोड़ा गया है, जबकि धर्मवीर मांझी और राजेंद्र चौधरी को आज छोड़ा जाएगा. जेलर प्रमोद कुमार ने बताया कि सभी को बेहतर आचरण की वजह से छोड़ने का निर्णय लिया गया है.

ये भी पढ़ें- बाबूलाल मरांडी के फेसबुक पेज पर अभद्र टिप्पणी, मामला दर्ज

17 साल से जेल में बंद थे चाचा-भतीजा

झारखंड राज्य सजा पुनर्निरीक्षण परिषद की ओर से राजेंद्र रजवार और रामाशीष रजवार को छोड़ा गया. दोनों गढ़वा के नगर उंटारी में रहने वाले हैं. दोनों पलामू सेंट्रल जेल में पिछले 17 साल 8 महीने से बंद थे. राजेंद्र राजभर ने बताया कि जमीन विवाद में उसके भाई राजनाथ रजवार की हत्या हुई थी. राजनाथ रजवार की हत्या गला काटकर हुई थी. राजनाथ रजवार के साथ उनका जमीन को लेकर विवाद था. इसी हत्या के मामले में उन्हें सजा हुई. राजेंद्र बताते हैं कि जब वह जेल गए थे, उनका बेटा 5 साल का था, अब बेटे की शादी हो चुकी है. वहीं जेल से छूटने वाले नन्हकू मेहता गढ़वा के मांझिआंव के राज घुटवा गांव का रहने वाला है.

पलामू: झारखंड राज्य सजा पुनर्निरीक्षण परिषद की ओर से बुधवार को सेंट्रल जेल के तीन कैदियों को अच्छे आचरण के चलते से रिहा किया गया. तीन में से दो लोग रिश्ते में चाचा-भतीजा लगते हैं. ये तीनों हत्या करने के अपराध में उम्र कैद की सजा काट रहे थे.

बताते चलें कि झारखंड राज्य सजा पुनर्निरीक्षण परिषद ने पलामू सेंट्रल जेल में उम्र कैद की सजा काटने वाले कुल पांच कैदियों को छोड़ने का निर्णय लिया है. इनमें से नन्हकू मेहता, रामाश्रय रजवार और राजेंद्र रजवार को छोड़ा गया है, जबकि धर्मवीर मांझी और राजेंद्र चौधरी को आज छोड़ा जाएगा. जेलर प्रमोद कुमार ने बताया कि सभी को बेहतर आचरण की वजह से छोड़ने का निर्णय लिया गया है.

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17 साल से जेल में बंद थे चाचा-भतीजा

झारखंड राज्य सजा पुनर्निरीक्षण परिषद की ओर से राजेंद्र रजवार और रामाशीष रजवार को छोड़ा गया. दोनों गढ़वा के नगर उंटारी में रहने वाले हैं. दोनों पलामू सेंट्रल जेल में पिछले 17 साल 8 महीने से बंद थे. राजेंद्र राजभर ने बताया कि जमीन विवाद में उसके भाई राजनाथ रजवार की हत्या हुई थी. राजनाथ रजवार की हत्या गला काटकर हुई थी. राजनाथ रजवार के साथ उनका जमीन को लेकर विवाद था. इसी हत्या के मामले में उन्हें सजा हुई. राजेंद्र बताते हैं कि जब वह जेल गए थे, उनका बेटा 5 साल का था, अब बेटे की शादी हो चुकी है. वहीं जेल से छूटने वाले नन्हकू मेहता गढ़वा के मांझिआंव के राज घुटवा गांव का रहने वाला है.

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