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दूसरे राज्यों में फंसे पलामू के हजारों मजदूर, परिवार के पास नहीं खाने के पैसे

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Published : Apr 3, 2020, 8:10 PM IST

कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है. ऐसे में पलामू के हजारों मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. ये मजदूर वहां पर मजदूरी करने गए थे.

Thousands of workers of Palamu stranded in other states family does not have money to eat
दूसरे राज्यों में फंसे पलामू के हजारों मजदूर

पलामू: घर की चौकठ पर अपने पति का फोटो लेकर खड़ी यह महिला मालो देवी है. मालो देवी के पति मनोज यादव मजदूरी करने के लिए कन्याकुमारी गए हुए थे. कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में मनोज यादव उसका भाई मेघनाथ यादव और उनके साथ गांव के दो दर्जन मजदूर कन्याकुमारी में ही फंस गए. मनोज यादव छत्तरपुर थाना क्षेत्र के चौखडा गांव का रहने वाले है.

देखें पूरी खबर

जो मजदूर कन्याकुमारी में फंसे हुए हैं, उनके परिवार को उनकी चिंता सता रही है. घर में राशन और पैसे खत्म होने वाले हैं. मजदूर वहां से पैसे भेजते थे तो पूरे परिवार का भरण-पोषण होता था. मालो देवी बताती हैं कि उसके पास इलाज तक के लिए पैसे नहीं है कि वह अपने बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल ले जाए. घर में रखा राशन भी अगले एक दो दिनों में खत्म हो जाएगा. यह कहानी सिर्फ मनोज यादव और उसके भाई की नहीं है, बल्कि पूरे पलामू के कई गांवों की है.

ये भी पढ़ें: हिंदपीढ़ी में लगाए गए मेडिकल कैंप, व्यापक स्तर पर की जा रही है स्क्रीनिंग

चौखडा के ग्रामीण बताते हैं कि सभी मजदूर देश के कई इलाको में फंसे हुए हैं. उनके घर में राशन पानी का संकट है. उन्हें उम्मीद है कि सरकार की मदद जल्द उन तक पंहुचेगी. पलामू के चैनपुर, छत्तरपुर, हरिहरगंज ,हुसैनाबाद, नौडीहा बाजार, हैदरनगर, बिश्रामपुर समेत कई इलाके के हजारों मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. पलामू में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न इलाकों से पैदल चल कर 7000 से अधिक मजदूर पलामू पंहुच चुके हैं. बिहार ,छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बंगाल, उतरप्रदेश और सीमावर्ती क्षेत्र में कमाने गए मजदूर तो लौट आए हैं, लेकिन जो हजारों किलोमीटर दूर हैं, वो फंसे हुए हैं.

पलामू: घर की चौकठ पर अपने पति का फोटो लेकर खड़ी यह महिला मालो देवी है. मालो देवी के पति मनोज यादव मजदूरी करने के लिए कन्याकुमारी गए हुए थे. कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में मनोज यादव उसका भाई मेघनाथ यादव और उनके साथ गांव के दो दर्जन मजदूर कन्याकुमारी में ही फंस गए. मनोज यादव छत्तरपुर थाना क्षेत्र के चौखडा गांव का रहने वाले है.

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जो मजदूर कन्याकुमारी में फंसे हुए हैं, उनके परिवार को उनकी चिंता सता रही है. घर में राशन और पैसे खत्म होने वाले हैं. मजदूर वहां से पैसे भेजते थे तो पूरे परिवार का भरण-पोषण होता था. मालो देवी बताती हैं कि उसके पास इलाज तक के लिए पैसे नहीं है कि वह अपने बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल ले जाए. घर में रखा राशन भी अगले एक दो दिनों में खत्म हो जाएगा. यह कहानी सिर्फ मनोज यादव और उसके भाई की नहीं है, बल्कि पूरे पलामू के कई गांवों की है.

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चौखडा के ग्रामीण बताते हैं कि सभी मजदूर देश के कई इलाको में फंसे हुए हैं. उनके घर में राशन पानी का संकट है. उन्हें उम्मीद है कि सरकार की मदद जल्द उन तक पंहुचेगी. पलामू के चैनपुर, छत्तरपुर, हरिहरगंज ,हुसैनाबाद, नौडीहा बाजार, हैदरनगर, बिश्रामपुर समेत कई इलाके के हजारों मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. पलामू में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न इलाकों से पैदल चल कर 7000 से अधिक मजदूर पलामू पंहुच चुके हैं. बिहार ,छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बंगाल, उतरप्रदेश और सीमावर्ती क्षेत्र में कमाने गए मजदूर तो लौट आए हैं, लेकिन जो हजारों किलोमीटर दूर हैं, वो फंसे हुए हैं.

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