पलामू: पीटीआर यानी पलामू टाइगर रिजर्व से रेल लाइन को डाइवर्ट करने को लेकर सर्वे का काम शुरू हो गया है. इसके लिए पलामू टाइगर रिजर्व और रेलवे विकास निगम ने छह सदस्यीय टीम का गठन किया है. सर्वे टीम में पलामू टाइगर रिजर्व उपनिदेशक कुमार आशीष, प्रजेश कांत जेना, सीनियर डीजीएम रेलवे विकास निगम रांची के एस पटनायक, डीईएन अर्जुन सिंह, रेंजर शंकर पासवान और एक अन्य अधिकारी शामिल हैं. अगले कुछ सप्ताह में सर्वे का काम पूरा कर लिया जाएगा.
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क्यों हो रहा सर्वे?: दरअसल, सोननगर से पतरातू तक रेलवे का थर्ड लाइन (फ्रेट कॉरिडोर) बिछाया जा रहा है. थर्ड लाइन का करीब 11 किलोमीटर का हिस्सा पलामू टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से होकर गुजरता है. थर्ड लाइन का काम कई इलाकों में पूरा हो गया है. पीटीआर से थर्ड लाइन को लेकर रेलवे विकास निगम ने अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा था. जिसके बाद पीटीआर प्रबंधन ने रेल लाइन को डाइवर्ट करने का आग्रह किया था. स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड की बैठक में रेल लाइन की मंजूरी नहीं मिली थी. पूरा मामला वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया के पास गया था. वाइल्ड लाइफ ऑफ इंडिया ने पीटीआर से होकर गुजरने वाली पहले से दो रेल लाइन के साथ-साथ तीसरी लाइन को भी डाइवर्ट करने को कहा था, जिसके बाद पीटीआर और रेलवे ने मिलकर एक संयुक्त सर्वे टीम का गठन किया है. जानकारी के अनुसार, रेलवे ने शुरुआत में रेल लाइन को डाइवर्ट करने पर असहमति जताई थी.
डाइवर्ट होने के बाद 11 किलोमीटर से 14 किलोमीटर की हो जाएगी दूरी: पीटीआर में छिपादोहर से हेहेगड़ा रेलवे स्टेशन के बीच रेल लाइन कोर एरिया से हो कर गुजरती है. डाइवर्ट होने के बाद इसकी दूरी 14 किलोमीटर हो जाएगी. छिपादोहर रेलवे स्टेशन के पास से रेल लाइन डाइवर्ट होकर केड़ होते हुए हेहेगड़ा तक जाएगी. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि थर्ड लाइन को लेकर रेलवे ने आवेदन दिया था, जिसके बाद पीटीआर प्रबंधन ने कोर एरिया का चिकेन नेक के बाहरी हिस्से से रेल लाइन गुजरने की योजना बनाई है. चिकन नेक एरिया से अंडर पास बनाया जा सकता है, जिससे वन्य जीवों के संरक्षण में फायदा होगा. सर्वे कमिटी में रेलवे और पीटीआर के अधिकारी शामिल हैं.