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पलामूः कोरोना फोबिया से बढ़ा आत्महत्या का ग्राफ, घरेलू हिंसा के आंकड़ों में भी हुई बढ़ोतरी

कोरोना की रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. लोग अपने घरों में कैद हैं. इस दौरान कई लोगों के मानसिक स्थिति में बदलाव हो रहा है. कोरोना के फोबिया के कारण लोग लगातार आत्महत्या कर रहे हैं.

Suicide and domestic violence graph increased in Corona period in palamu
लॉकडाउन में बढ़ा आत्महत्या का ग्राफ
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Published : May 23, 2020, 7:18 PM IST

पलामू: कोरोना संकट के दो महीने हो गए हैं. इसे लेकर लॉकडाउन जारी है. जिसमें कम ही लोग अपने घरों से बाहर निकले. इस दौरान लोगों की मानसिक स्थिति में बड़ा बदलाव हुआ है. कई लोग मानसिक रुप से बीमार भी हो गए हैं. कोरोना फोबिया का शिकार होने के कारण कई लोगों ने आत्महत्या कर ली है.

देखें स्पेशल स्टोरी

पलामू पुलिस के लिए नक्सल और अपराध पहले से ही एक बड़ी चुनौती रही है. अब इस चुनौती में घरेलू हिंसा भी शामिल हो गई है. कोरोना फोबिया के कारण पलामू में अब तक आधा दर्जन लोगों ने आत्महत्या कर ली है. जबकि थानों में घरेलू हिंसा की शिकायत लेकर पंहुचने वालों की संख्या बढ़ गई है. मानसिक अस्प्ताल में भी प्रतिदिन दो से तीन मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.

Suicide graph increased in Corona period, domestic violence also increased in palamu
कोरोना फोबिया से बढ़ा आत्महत्या का ग्राफ

लॉकडाउन में सामाजिक दूरी से लोगों में मानसिक बदलाव

दो महीने के लॉकडाउन में लोगों के सामाजिक डर ने मानसिक स्थिति में बड़ा बदलाव लाया है. इस दौरान लोगों में नौकरी खोने का डर, व्यापार में घाटा और सामाजिक उपेक्षा के कारण मानसिक स्थिति में बदलाव आ गया है. पलामू मानसिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ सुनील कुमार का कहना है कि लोग कोरोना फोबिया का शिकार हो रहे है, कहीं न कहीं उनके मन मे डर बैठ गया है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में दायरा सीमित हो गया है, जिस कारण लोगों में आपसी मनमुटाव बढ़ा है. इन सब के बीच लोगों को नौकरी खोने का डर, ईएमआई का डर सता रहा है. उन्होंने कहा कि दो महीने में बहुत कम लोग मानसिक अस्प्ताल पंहुचे हैं, लेकिन लॉकडाउन खुलते ही यह संख्या बढ़ सकती है. लोगों को लॉकडाउन में अस्पताल पहुंचने मे परेशानी हो रही है, जिसके कारण मरीज नहीं आ प रहे हैं.

इसे भी पढे़ं:- लॉकडाउन में पलामू में बढ़ा आत्महत्या का ग्राफ, मनोचिकित्सक की राय- योग से दूर होगा तनाव

16000 लोग मानसिक स्वास्थ्य केंद्र से हैं निबंधित

पलामू में मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में 16,000 लोग निबंधित हैं, जिनका इलाज चल रहा है. हर महीने 80 से 100 नए मरीज निबंधित हो रहे हैं. लॉकडाउन में भी यह आंकड़ा कम नहीं हुआ है. अप्रैल में 60 व्यक्ति काउंसलिंग के लिए अस्पताल पंहुचे हैं, जिसमें अधिकतर मामले घरेलू हिंसा से संबंधित हैं.

Suicide graph increased in Corona period, domestic violence also increased in palamu
लॉकडाउन में भी बढ़ रहे मामले

लॉकडाउन में घरेलू हिंसा ने पुलिस की बढ़ाई चुनौती

लॉकडाउन में घरेलू हिंसा के आंकड़े बढ़े हैं, जो पुलिस के लिए चुनौती बनी है. पुलिस लॉकडाउन का पालन करवाने के साथ साथ शांति व्यवस्था कायम करने में लगी हुई है. जिले में 27 प्रशासनिक थाना है. इन थानों में लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा, जमीन विवाद जैसे 400 से अधिक शिकायतें हो चुकी है, जबकि कई इलाकों में मारपीट हुई है. एसडीपीओ संदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि घरेलू हिंसा और छोटे विवाद के मामले बढ़े हैं, जिस पर पुलिस कार्रवाई कर रही है.

Suicide graph increased in Corona period, domestic violence also increased in palamu
लॉकडाउन में लोग परेशान

पलामू: कोरोना संकट के दो महीने हो गए हैं. इसे लेकर लॉकडाउन जारी है. जिसमें कम ही लोग अपने घरों से बाहर निकले. इस दौरान लोगों की मानसिक स्थिति में बड़ा बदलाव हुआ है. कई लोग मानसिक रुप से बीमार भी हो गए हैं. कोरोना फोबिया का शिकार होने के कारण कई लोगों ने आत्महत्या कर ली है.

देखें स्पेशल स्टोरी

पलामू पुलिस के लिए नक्सल और अपराध पहले से ही एक बड़ी चुनौती रही है. अब इस चुनौती में घरेलू हिंसा भी शामिल हो गई है. कोरोना फोबिया के कारण पलामू में अब तक आधा दर्जन लोगों ने आत्महत्या कर ली है. जबकि थानों में घरेलू हिंसा की शिकायत लेकर पंहुचने वालों की संख्या बढ़ गई है. मानसिक अस्प्ताल में भी प्रतिदिन दो से तीन मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.

Suicide graph increased in Corona period, domestic violence also increased in palamu
कोरोना फोबिया से बढ़ा आत्महत्या का ग्राफ

लॉकडाउन में सामाजिक दूरी से लोगों में मानसिक बदलाव

दो महीने के लॉकडाउन में लोगों के सामाजिक डर ने मानसिक स्थिति में बड़ा बदलाव लाया है. इस दौरान लोगों में नौकरी खोने का डर, व्यापार में घाटा और सामाजिक उपेक्षा के कारण मानसिक स्थिति में बदलाव आ गया है. पलामू मानसिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ सुनील कुमार का कहना है कि लोग कोरोना फोबिया का शिकार हो रहे है, कहीं न कहीं उनके मन मे डर बैठ गया है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में दायरा सीमित हो गया है, जिस कारण लोगों में आपसी मनमुटाव बढ़ा है. इन सब के बीच लोगों को नौकरी खोने का डर, ईएमआई का डर सता रहा है. उन्होंने कहा कि दो महीने में बहुत कम लोग मानसिक अस्प्ताल पंहुचे हैं, लेकिन लॉकडाउन खुलते ही यह संख्या बढ़ सकती है. लोगों को लॉकडाउन में अस्पताल पहुंचने मे परेशानी हो रही है, जिसके कारण मरीज नहीं आ प रहे हैं.

इसे भी पढे़ं:- लॉकडाउन में पलामू में बढ़ा आत्महत्या का ग्राफ, मनोचिकित्सक की राय- योग से दूर होगा तनाव

16000 लोग मानसिक स्वास्थ्य केंद्र से हैं निबंधित

पलामू में मानसिक स्वास्थ्य केंद्र में 16,000 लोग निबंधित हैं, जिनका इलाज चल रहा है. हर महीने 80 से 100 नए मरीज निबंधित हो रहे हैं. लॉकडाउन में भी यह आंकड़ा कम नहीं हुआ है. अप्रैल में 60 व्यक्ति काउंसलिंग के लिए अस्पताल पंहुचे हैं, जिसमें अधिकतर मामले घरेलू हिंसा से संबंधित हैं.

Suicide graph increased in Corona period, domestic violence also increased in palamu
लॉकडाउन में भी बढ़ रहे मामले

लॉकडाउन में घरेलू हिंसा ने पुलिस की बढ़ाई चुनौती

लॉकडाउन में घरेलू हिंसा के आंकड़े बढ़े हैं, जो पुलिस के लिए चुनौती बनी है. पुलिस लॉकडाउन का पालन करवाने के साथ साथ शांति व्यवस्था कायम करने में लगी हुई है. जिले में 27 प्रशासनिक थाना है. इन थानों में लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा, जमीन विवाद जैसे 400 से अधिक शिकायतें हो चुकी है, जबकि कई इलाकों में मारपीट हुई है. एसडीपीओ संदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि घरेलू हिंसा और छोटे विवाद के मामले बढ़े हैं, जिस पर पुलिस कार्रवाई कर रही है.

Suicide graph increased in Corona period, domestic violence also increased in palamu
लॉकडाउन में लोग परेशान
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