पलामू: झारखंड हाई कोर्ट में कुछ दिनों पहले हेमंत सरकार की नियोजन नीति (Employement Policy in Jharkhand) रद्द होने के बाद पलामू में बुधवार को सैकड़ों छात्र रोड पर उतरे. इस दौरान सैकड़ों छात्र रैली की शक्ल में जमा हुए और मेदिनीनगर के रेड़मासे छहमुहान के बीच रोड जाम कर दिया (Students protest in Palamu). छात्रों ने इस रैली और सभा को जन आक्रोश का नाम दिया. जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम में विभिन्न कोचिंग संस्थान से जुड़े हुए छात्र शामिल हुए.
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छात्रों की जन आक्रोश रैली अचानक निकाली गयी. छात्रों की इस रैली के बाद करीब दो घंटे तक शहर में जाम की स्थिति रही. बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने और ज्ञापन सौंपने के बाद छात्र अपने घरों की तरफ वापस लौट गए. छात्रों की इस रैली का नेतृत्व कोचिंग संस्थान भी कर रहे थे. जन आक्रोश रैली में शामिल छात्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे. छात्र रेड़मा चौक पर जमा हुए थे और रैली की शक्ल में कचहरी होते छहमुहान तक पहुंचे थे. उसके बाद सभी कचहरी पहुंचे और नारेबाजी की.
15 दिनों में एक नई नियोजन नीति बनाने की मांग: जन आक्रोश रैली में शामिल छात्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे. उनकी मांग है कि नियोजन नीति को हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है, अब उसे संशोधित कर 15 दिनों के अंदर लागू किया जाए. एक संवैधानिक नियोजन नीति को झारखंड में लागू किया जाए. राज्य सरकार ने जिन विज्ञापनों को रद्द किया है उन विज्ञापनों पर वैकेंसी को लिया जाए. छात्रों ने कहा कि विधानसभा का शीतकालीन सत्र जारी है, इस सत्र में ही नियोजन नीति की समीक्षा कर लागू करने की जरूरत है. मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट नहीं जाए सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद मामला और उलझ जाएगा और लंबा वक्त खींचा जाएगा. मामले में राज्य सरकार पहल करते हुए नियोजन नीति को संसोधित कर घोषणा करे. छात्रों ने कहा कि एक महीने के अंदर पूरी नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू करने की जरूरत है.