पलामू: अंधविश्वास में फंसे लोग अक्सर ठगी का शिकार हो जाते हैं. कुछ इसी तरह का मामला जिले के उंटारी रोड प्रखंड के सीमावर्ती कादलकुर्मी गांव में देखने को मिला जहां एक बच्चे की सांप काटने से मौत के बाद घंटों अंधविश्वास का घिन्नौना खेल खेला गया और फिर ताबीज बेचकर ठगी कर ली गई.
कादलकुर्मी गांव में शुक्रवार सुबह प्रमोद रजवार के 6 वर्षीय बेटे शिवम कुमार को उसके घर में ही किसी विषैले सांप ने काट लिया. जिसके बाद उसे इलाज के लिए हुसैनाबाद अनुमंडलीय अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. बच्चे की मौत की सूचना किसी तरह दो ढोंगी सेपेरों को मिल गयी. उन्होंने पीड़ित परिवार से संपर्क किया और मरे हुए बच्चे को जिंदा करने दावा किया. उन्होंने कहा कि बच्चे को दफन कर दें और वे शनिवार को आकर उसे जिंदा कर देंगे.
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इस मुश्किल की घड़ी में परिवार के लोग सपेरे के झांसे में आ गए और अंधविश्वास में पड़कर बच्चे को कोयल नदी किनारे ढक दिया. शनिवार को दो सपेरे गांव में पहुंचे और अपने अंधविश्वास का जाल फैलाया. बड़ी-बड़ी बातें करते हुए उन्होंने ग्रामीणों को जुटाया और फिर अपने पास से दो सांप प्रमोद रजवार के घर में छोड़ दिए. ढोंगी सपेरे ने बच्चे को तो जिंदा नहीं किया, लेकिन अपनी कमाई का जरिया जरूर तैयार कर लिया.
घर में सांप छोड़ने के बाद सपेरो ने कहा कि वे बच्चे को जिंदा तो नहीं कर सकते, लेकिन प्रमोद के घर में घुसे सांप जरूर बाहर निकाल सकते हैं. फिर उन्होंने बीन बजाकर सांप को प्रमोद के घर से बाहर निकाला और लोगों के गले में लपेट कर कमाई का रास्ता तैयार कर लिया. सपेरे ने कहा कि उनके पास एक ऐसी ताबिज है, जिससे पहनने या फिर घर में रखने से सांप उसके नजदीक नहीं आएगा. ग्रामीण उसकी बातों में आ गए और फिर सपेरे ने वहां अपनी दुकान खोल ली. धागे में बांध कर गांव के सभी लोगों को लगभग 25 से 30 हजार की ताबीज बेचकर ठगी की और वहां से चलते बने.