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पलामू में हर महीने छह लोग लगा लेते हैं मौत को गले, परेशानियों से टूट रही लोगों की हिम्मत

पलामू में हर महीने छह लोग मौत को गले लगा रहे हैं. काउंसलर्स का कहना है कि परेशानियों के कारण लोगों की हिम्मत टूट रही है. इसके कारण लोग आत्मघाती कदम उठा रहे हैं.

suicide in Palamu
पलामू में खुदकुशी
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Published : Sep 13, 2021, 10:00 AM IST

पलामू: शुक्रवार 10 सितंबर को ही पूरी दुनिया ने आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया है. ऐसे में पलामू के हालात का जायजा लेने पर डराने वाले नतीजे सामने आ रहे हैं. यह हर महीने करीब 10 लोग मौत को गले लगा रहे हैं. मार्च 2020 से सितंबर 2020 के बीच पलामू में 60 लोगों ने आत्महत्या की जिसमें 25 से अधिक महिलाएं थीं. वहीं मार्च 2021 से अगस्त 2021 के बीच 6 माह में 58 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की. यानी हर महीने तकरीबन छह लोगों ने खुदकुशी की. चिकित्सकों और काउंसलर्स का कहना है कि परेशानियों के कारण लोगों की हिम्मत टूट रही है, जिसके कारण इस तरह की घटनाएं हो रहीं हैं.

ये भी पढ़ें-कोरोना काल में झारखंड में खुदकुशी के केस बढ़े, आत्महत्या पर SCRB की रिपोर्ट से हुआ खुलासा


किशोर से बुजुर्ग तक मौत को लगा रहे गले

पलामू में जिंदगी की जंग हारने वालों में क्या बच्चे, क्या महिलाएं और बुजुर्ग सभी शामिल हैं. 7 सितंबर को पड़वा थाना क्षेत्र के कजरी के पास 15 वर्षीय युवक ने ट्रेन के नीचे कूदकर जान दे दी थी. 6 सितंबर को उंटारी रोड के फेकनडीह में एक महिला ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली.

देखें पूरी खबर
काउंसिलिंग की जरूरत महिलाओं के लिए लंबे वक्त से लड़ाई लड़ने वाली सामाजिक कार्यकर्ता इंदु भगत बताती हैं कि महिलाएं दबाव में आत्महत्या कर रहीं हैं. इंदु भगत बताती हैं कि महिलाओं को कई अवसरों पर सामाजिक और पारिवारिक सपोर्ट नहीं मिलता है, जबकि उनकी आर्थिक जरूरतें भी पूरा नहीं हो पाती हैं. कोविड-19 के दौरान पुरुषों की नौकरी चली गई है.

इससे घरों में झगड़े बढ़े हैं, महिलाओं पर लोगों ने अपना गुस्सा उतारा है. इन सबके बीच परिवारिक संघर्ष अलग से दबाव बनाता है. इसकी वजह से महिलाएं टूट जाती हैं और कई बार आत्मघाती कदम उठा लेती हैं. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति सिंह ने लोगों को सलाह दी है कि परेशानियों से जूझ रही महिलाओं को काउंसिलिंग कराने की सलाह दी है.

पलामू: शुक्रवार 10 सितंबर को ही पूरी दुनिया ने आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया है. ऐसे में पलामू के हालात का जायजा लेने पर डराने वाले नतीजे सामने आ रहे हैं. यह हर महीने करीब 10 लोग मौत को गले लगा रहे हैं. मार्च 2020 से सितंबर 2020 के बीच पलामू में 60 लोगों ने आत्महत्या की जिसमें 25 से अधिक महिलाएं थीं. वहीं मार्च 2021 से अगस्त 2021 के बीच 6 माह में 58 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की. यानी हर महीने तकरीबन छह लोगों ने खुदकुशी की. चिकित्सकों और काउंसलर्स का कहना है कि परेशानियों के कारण लोगों की हिम्मत टूट रही है, जिसके कारण इस तरह की घटनाएं हो रहीं हैं.

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किशोर से बुजुर्ग तक मौत को लगा रहे गले

पलामू में जिंदगी की जंग हारने वालों में क्या बच्चे, क्या महिलाएं और बुजुर्ग सभी शामिल हैं. 7 सितंबर को पड़वा थाना क्षेत्र के कजरी के पास 15 वर्षीय युवक ने ट्रेन के नीचे कूदकर जान दे दी थी. 6 सितंबर को उंटारी रोड के फेकनडीह में एक महिला ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली.

देखें पूरी खबर
काउंसिलिंग की जरूरत महिलाओं के लिए लंबे वक्त से लड़ाई लड़ने वाली सामाजिक कार्यकर्ता इंदु भगत बताती हैं कि महिलाएं दबाव में आत्महत्या कर रहीं हैं. इंदु भगत बताती हैं कि महिलाओं को कई अवसरों पर सामाजिक और पारिवारिक सपोर्ट नहीं मिलता है, जबकि उनकी आर्थिक जरूरतें भी पूरा नहीं हो पाती हैं. कोविड-19 के दौरान पुरुषों की नौकरी चली गई है.

इससे घरों में झगड़े बढ़े हैं, महिलाओं पर लोगों ने अपना गुस्सा उतारा है. इन सबके बीच परिवारिक संघर्ष अलग से दबाव बनाता है. इसकी वजह से महिलाएं टूट जाती हैं और कई बार आत्मघाती कदम उठा लेती हैं. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति सिंह ने लोगों को सलाह दी है कि परेशानियों से जूझ रही महिलाओं को काउंसिलिंग कराने की सलाह दी है.

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