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Palamu Violence Case: पांकी हिंसा के साइड इफेक्ट, कई लोग घर छोड़ने को हुए मजबूर तो कई दुकानें दो माह बाद भी नहीं खुली - हिंसा और आगजनी की घटना हुई थी

किसी भी हिंसा का दुष्परिणाम बाद में दिखता है. कई लोगों की रोजी-रोटी छीन जाती है और मजबूरी में कई लोगों को पलायन करना पड़ जाता है. पांकी हिंसा से भी जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं, जिसमें कई लोगों का जीवन बर्बाद हो गया है.

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Side Effects Of Panki Violence
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Published : Apr 8, 2023, 10:52 PM IST

पलामू: पांकी हिंसा की खौफनाक याद आज भी स्थानीय लोगो से जेहन में हैं. हिंसा से यहां कई लोगों का जीवन बर्बाद हो गया. पांकी हिंसा से जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं, जिसे याद कर आज भी लोगों की रूह कांप जाती है. घटना के लगभग दो महीने हो गए हैं, लेकिन अभी भी कई लोग इलाके को छोड़कर भागे हुए हैं. जबकि आधा दर्जन से अधिक दुकानें अब तक बंद पड़ी हैं. इलाके को छोड़कर भागने वाले अधिकतर हिंसा के घटना के आरोपी हैं, जिन पर एफआईआर दर्ज है. जिस जगह पर हिंसा हुई थी उस जगह पर आधा दर्जन से अधिक दुकानें नहीं खुल रही हैं और अधिकतर दुकानों के मालिक इस हिंसा के आरोपी हैं.

ये भी पढे़ं-Palamu Violence Update: पलामू के पांकी में सामान्य हुए हालात, खुले बाजार, हिंसा पर प्रशासन का छलका दर्द

15 फरवरी को पलामू में हुई थी हिंसाः बताते चलें कि 15 फरवरी को पलामू के पांकी थाना क्षेत्र में दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था. इस विवाद में हिंसा और आगजनी की घटना हुई थी. घटना के बाद प्रशासन सख्ती से उपद्रवियों से निपटा था और कार्रवाई की गई थी. पांकी मामले में मंदीप नामक व्यक्ति को आरोपी बनाया गया है. उसके परिजनों का कहना है कि घटना के बाद से मंदीप और अन्य आरोपी घर नहीं लौटे हैं. वे घर के कमाऊ सदस्य हैं और पूरा परिवार उन पर निर्भर है. सभी को गिरफ्तारी का डर सता रहा है. वहीं हिंसा के एक आरोपी छोटू ने बताया कि उसके और अन्य लोगों की चौक पर दुकानें हैं. चौक पर के कई दुकान मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर दर्ज होने के बाद कई दुकान के मालिक इलाके को छोड़ कर भाग गए हैं.

हिंसा के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कर रही छापेमारीः पांकी हिंसा मामले में दर्ज एफआईआर में 159 नामजद आरोपी बनाए गए हैं, जबकि 2900 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज है. पांकी हिंसा मामले में जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है उनमें से अधिकतर पांच से सात किलोमीटर के दायरे के हैं. पांकी हिंसा मामले में पुलिस अब तक डेढ़ दर्जन से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. पुलिस अभी भी हिंसा के आरोपियों की गिरफ्तार करने के लिए अभियान चला रही है.

पलामू: पांकी हिंसा की खौफनाक याद आज भी स्थानीय लोगो से जेहन में हैं. हिंसा से यहां कई लोगों का जीवन बर्बाद हो गया. पांकी हिंसा से जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं, जिसे याद कर आज भी लोगों की रूह कांप जाती है. घटना के लगभग दो महीने हो गए हैं, लेकिन अभी भी कई लोग इलाके को छोड़कर भागे हुए हैं. जबकि आधा दर्जन से अधिक दुकानें अब तक बंद पड़ी हैं. इलाके को छोड़कर भागने वाले अधिकतर हिंसा के घटना के आरोपी हैं, जिन पर एफआईआर दर्ज है. जिस जगह पर हिंसा हुई थी उस जगह पर आधा दर्जन से अधिक दुकानें नहीं खुल रही हैं और अधिकतर दुकानों के मालिक इस हिंसा के आरोपी हैं.

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15 फरवरी को पलामू में हुई थी हिंसाः बताते चलें कि 15 फरवरी को पलामू के पांकी थाना क्षेत्र में दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था. इस विवाद में हिंसा और आगजनी की घटना हुई थी. घटना के बाद प्रशासन सख्ती से उपद्रवियों से निपटा था और कार्रवाई की गई थी. पांकी मामले में मंदीप नामक व्यक्ति को आरोपी बनाया गया है. उसके परिजनों का कहना है कि घटना के बाद से मंदीप और अन्य आरोपी घर नहीं लौटे हैं. वे घर के कमाऊ सदस्य हैं और पूरा परिवार उन पर निर्भर है. सभी को गिरफ्तारी का डर सता रहा है. वहीं हिंसा के एक आरोपी छोटू ने बताया कि उसके और अन्य लोगों की चौक पर दुकानें हैं. चौक पर के कई दुकान मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर दर्ज होने के बाद कई दुकान के मालिक इलाके को छोड़ कर भाग गए हैं.

हिंसा के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कर रही छापेमारीः पांकी हिंसा मामले में दर्ज एफआईआर में 159 नामजद आरोपी बनाए गए हैं, जबकि 2900 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज है. पांकी हिंसा मामले में जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है उनमें से अधिकतर पांच से सात किलोमीटर के दायरे के हैं. पांकी हिंसा मामले में पुलिस अब तक डेढ़ दर्जन से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. पुलिस अभी भी हिंसा के आरोपियों की गिरफ्तार करने के लिए अभियान चला रही है.

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