पलामू: यूक्रेन में युद्ध की स्थिति को भांपते हुए पलामू जिला के मोहम्मदगज निवासी महिपाल प्रसाद के इकलौते पुत्र शुभम ने घर पर कॉल करके पैसा मंगाया. उन पैसों से उसने घर वापसी का टिकट किया और युद्ध के हालात से पहले ही 24 फरवरी की सुबह अपने घर पलामू पहुंच गया. शुभम के घर आ जाने से परिवार में खुशी का माहौल है. शुभम के मोहम्मदगंज पहुंचते ही यूक्रेन पर रूसी हमला शुरू हो गया. इससे पहले ही शुभम के घर पहुंच जाने से पिता महिपाल प्रसाद, माता सीता देवी इकलौती बहन साक्षी समेत परिवार के अन्य सदस्यों ने राहत की सांस ली है.
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पलामू का शुभम यूक्रेन से घर लौटा है. इससे उसके परिवार में खुशी का माहौल है. शुभम ने बताया कि वह यूक्रेन की राजधानी कीव के तराशसीचेन्को नेशनल यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन में मास्टर्स इन इंटरनेशनल बिजनेस के 18 माह का कोर्स करने गए थे. उनका छह माह का कोर्स पूरा होना बाकी रह गया है. उन्होंने बताया कि वहां एक-डेढ माह पहले से रूसी हमला को लेकर चर्चा शुरू हो गयी थी मगर ऐसा होगा संभव नहीं लगता था. इसी बीच जब यूक्रेन में युद्ध को लेकर खबरें आने लगी तो उन्होंने वापसी की तैयारी कर पिता को कॉल किया. जिन्होंने पैसे का इंतजाम कर भेजा, तब हवाई मार्ग से 21 फरवरी को चलकर नई दिल्ली पहुंचे. शुभम ने बताया कि घर पहुंचते ही जब उन्होंने हास्टल के कई दोस्तों से संपर्क किया. उन्होंने अपने को हॉस्टल के बंकर में सुरक्षित रहने की बात कही है. लेकिन वहां फंसे सभी लोगों को अपने घर-परिवार में लौटने की जल्दी है. शुभम ने कहा कि वो घर वापस लौट पाए, यह सोचकर सपने जैसा लगता है.