पलामू: मनरेगा के तहत पशु शेड का निर्माण नियमों और कानूनों को ताक पर रखकर किया गया है. कई प्रखंडों में लक्ष्य से कई गुणा अधिक पशु शेड बना दिए गए हैं. पूरे मामले में अब कार्रवाई भी शुरू हो गई है. मनरेगा घोटाला को लेकर विधायक बिरंची नारायण ने विधानसभा में आवाज भी उठाई थी.
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मनरेगा के तहत पशु शेड निर्माण को लेकर पलामू के चैनपुर हुसैनाबाद मनातू नौडीहा बाजार नीलाम्बर पीताम्बर पांडू पाकी छतरपुर एवं पिपरा प्रखंड से शो-कॉज किया गया है. इस संबंध में पलामू के उप विकास आयुक्त ने सभी बीडीओ को पत्र लिखकर तीन दिनों के अंदर जवाब उपलब्ध करवाने को कहा है. पलामू में अनुमान से अधिक पशु शेड निर्माण के मामले में विधानसभा में आवाज उठी थी जिसके बाद मामले में सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव ने पलामू जिला प्रशासन से पत्राचार किया था और वक्तव्य की मांग की थी.
सरकार ने पलामू जिला प्रशासन से मनरेगा के तहत बने पशु शेड का जांच प्रतिवेदन मांगा था. प्रतिवेदन योग्य, अयोग्य लाभुकों का स्थलीय सत्यापन कर जांच रिपोर्ट तैयार करनी थी और सरकार को भेजी जानी थी, लेकिन नौ प्रखंडों के बीडीओ ने विस्तृत जांच रिपोर्ट नहीं सौंपी है.
कई पंचायतों में बना दिया गया सैकड़ों: 2021 में मनरेगा के तहत पशु शेड निर्माण की योजना शुरू की गई थी. इस योजना के तहत प्रत्येक पंचायत में मात्र पांच पशु शेड का निर्माण किया जाना था. लेकिन पलामू के दर्जनों पंचायत में नियम की अनदेखी करते हुए कई गुना अधिक पशु शेड बना दिए गए. वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में पलामू के चैनपुर, हुसैनाबाद, मनातू, नौडीहा बाजार, नीलाम्बर पीताम्बर पांडू, पांकी, छतरपुर एवं पिपरा पाटन प्रखंड में कई पंचायत में सैकड़ों पशु शेड बना दिए गए हैं.
पलामू के पाटन प्रखंड के सबसे पहले मनरेगा के तहत पशु शेड की जांच शुरू हुई थी. जांच में पाया गया कि एक पंचायत में 400 से भी अधिक पशु शेड बना दिए गए हैं. जिसके बाद पूरे मामले में पलामू जिला प्रशासन ने दोषी कर्मियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया था. पाटन में घोटाला पकड़े जाने के बाद पूरे जिले में पशु शेड की जांच शुरू हुई है.