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सात ईसाई दलित परिवारों ने की हिंदू धर्म में वापसी, मुखिया से लगाई थी गुहार - पलामू न्यूज

पलामू में ईसाई धर्म में शामिल सात दलित परिवारों ने हिंदू धर्म में वापसी की है (Seven Dalit families returned to Hinduism). गांव के मुखिया ने पूरे विधान से उन्हें हिंदू धर्म में वापस कर लिया. दलित परिवारों ने गांव के मुखिया से धर्म वापसी के लिए गुहार लगाई थी.

Seven Dalit families returned to Hinduism
Seven Dalit families returned to Hinduism
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Published : Oct 17, 2022, 4:54 PM IST

पलामू: जिला में अपनी इच्छा से धर्मांतरण का मामला सामने आया है. जहां ईसाई धर्म में शामिल सात दलित परिवार के 15 सदस्यों ने हिंदू धर्म में वापसी की (Seven Dalit families returned to Hinduism). इन सदस्यों ने हिंदू धर्म में वापसी लिए स्थानीय मुखिया से गुहार लगाई थी. जिसके बाद मुखिया ने धार्मिक रीति रिवाज के साथ-साथ सभी को हिंदू धर्म में वापस कर लिया है. हिंदू धर्म में वापसी के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने एक छोटा समारोह का भी आयोजन किया था.

इसे भी पढ़ें: रांची में धर्मांतरण का मामला, हिंदू संगठनों के लोग पहुंचे थाना, हिरासत में 6 महिलाएं

क्या है पूरा मामला: यह पूरा मामला पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के ढुलसुलमा गांव का है. दरअसल, सतबरवा थाना क्षेत्र के ढूलसुलमा के राजेश राम, प्रभु राम, उमेश राम, संजय राम, चरकु राम, सूरज देव राम और मुकेश राम ने करीब ढाई साल पहले धर्म परिवर्तन कर लिया था. धर्म परिवर्तन की जानकारी उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों को नहीं दी थी. लेकिन धीरे-धीरे सभी को उनके धर्म परिवर्तन किए जाने की जानकारी मिल गई थी. धर्म परिवर्तन करने वाले ग्रामीणों ने बताया कि ढाई साल पहले उन्होंने ईसाई धर्म अपनाया था. बाद में उनके साथ उपेक्षित रवैया अपनाया जाने लगा और उन्हें मान सम्मान नहीं मिला. जिसके बाद वे हिंदू धर्म में वापसी करना चाह रहे थे.

गांव के मुखिया ने दी जानकारी: ढूलसुलमा गांव के मुखिया ब्रह्मदेव सिंह ने बताया कि धर्म परिवर्तन करने वाले सात परिवारों ने उन्हें लिखित रूप से आवेदन देकर हिंदू धर्म में शामिल होने का आग्रह किया. सभी को धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार हिंदू धर्म में वापसी करवाई गई है. मुखिया ने बताया कि धर्म परिवर्तन करने वाले ग्रामीणों के साथ प्रार्थना के दौरान भेदभाव किया जाता था. सभी की हिंदू धर्म में वापसी करवा दी गई है.

एक साल पहले धर्मांतरण को लेकर हुआ था हंगामा: एक साल पहले पलामू के सतबरवा और लेस्लीगंज के सीमावर्ती क्षेत्रों में क्रिसमस के दौरान एक बड़ा कार्यक्रम आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम का विरोध स्थानीय ग्रामीणों ने किया था और धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए हंगामा हुआ. दोनों पक्ष में उस दौरान जमकर मारपीट हुई थी और एक दर्जन के करीब लोग जख्मी हुए थे. पुलिस ने पूरे मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए एक सप्ताह तक गांव में कैंप किया था.

पलामू: जिला में अपनी इच्छा से धर्मांतरण का मामला सामने आया है. जहां ईसाई धर्म में शामिल सात दलित परिवार के 15 सदस्यों ने हिंदू धर्म में वापसी की (Seven Dalit families returned to Hinduism). इन सदस्यों ने हिंदू धर्म में वापसी लिए स्थानीय मुखिया से गुहार लगाई थी. जिसके बाद मुखिया ने धार्मिक रीति रिवाज के साथ-साथ सभी को हिंदू धर्म में वापस कर लिया है. हिंदू धर्म में वापसी के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने एक छोटा समारोह का भी आयोजन किया था.

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क्या है पूरा मामला: यह पूरा मामला पलामू के सतबरवा थाना क्षेत्र के ढुलसुलमा गांव का है. दरअसल, सतबरवा थाना क्षेत्र के ढूलसुलमा के राजेश राम, प्रभु राम, उमेश राम, संजय राम, चरकु राम, सूरज देव राम और मुकेश राम ने करीब ढाई साल पहले धर्म परिवर्तन कर लिया था. धर्म परिवर्तन की जानकारी उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों को नहीं दी थी. लेकिन धीरे-धीरे सभी को उनके धर्म परिवर्तन किए जाने की जानकारी मिल गई थी. धर्म परिवर्तन करने वाले ग्रामीणों ने बताया कि ढाई साल पहले उन्होंने ईसाई धर्म अपनाया था. बाद में उनके साथ उपेक्षित रवैया अपनाया जाने लगा और उन्हें मान सम्मान नहीं मिला. जिसके बाद वे हिंदू धर्म में वापसी करना चाह रहे थे.

गांव के मुखिया ने दी जानकारी: ढूलसुलमा गांव के मुखिया ब्रह्मदेव सिंह ने बताया कि धर्म परिवर्तन करने वाले सात परिवारों ने उन्हें लिखित रूप से आवेदन देकर हिंदू धर्म में शामिल होने का आग्रह किया. सभी को धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार हिंदू धर्म में वापसी करवाई गई है. मुखिया ने बताया कि धर्म परिवर्तन करने वाले ग्रामीणों के साथ प्रार्थना के दौरान भेदभाव किया जाता था. सभी की हिंदू धर्म में वापसी करवा दी गई है.

एक साल पहले धर्मांतरण को लेकर हुआ था हंगामा: एक साल पहले पलामू के सतबरवा और लेस्लीगंज के सीमावर्ती क्षेत्रों में क्रिसमस के दौरान एक बड़ा कार्यक्रम आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम का विरोध स्थानीय ग्रामीणों ने किया था और धर्म परिवर्तन का आरोप लगाते हुए हंगामा हुआ. दोनों पक्ष में उस दौरान जमकर मारपीट हुई थी और एक दर्जन के करीब लोग जख्मी हुए थे. पुलिस ने पूरे मामले में एफआईआर दर्ज करते हुए एक सप्ताह तक गांव में कैंप किया था.

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