पलामू: माओवादियों के सुरक्षित ठिकाने और प्रशिक्षण केंद्र बूढ़ा पहाड़ के इलाके में सुरक्षाबलों का मैराथन अभियान जारी है (Security Forces Marathon campaign on Boodha Pahad). अभियान के क्रम में माओवादियों के बंकर से सुरक्षाबलों को कई दस्तावेज मिले हैं (Many documents received by security forces). इन दस्तावेजों से कई तरह की जानकारी मिली है मसलन बूढ़ा पहाड़ और ट्राई जंक्शन पर मदद के लिए माओवादी ओडिशा, आंध्र और छत्तीसगढ़ कॉरिडोर को मजबूत करना चाहते थे. माओवादी इसके लिए सुंदरगढ़, देवगढ़, संभलपुर (एसडीएस) और कोराकूट, कोलैंगिरी, कंदमाल (केबीएस) कमिटी को मजबूत करना चाहते थे.
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बूढ़ा पहाड़ से तीन इलाकों में बिखरे माओवादी: हालांकि माओवादियों की एसडीएस कमिटी लगभग खत्म हो चुकी है जबकि केबीएस कमिटी भी कमजोर है. माओवादी बूढ़ा पहाड़ और ट्राई जंक्शन पर मदद पहुंचाना चाहते थे. हालांकि यह दस्तावेज करीब एक वर्ष पुराने बताए जा रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार बूढ़ा पहाड़ में अभियान ऑक्टोपस शुरू होने के बाद माओवादी तीन अलग-अलग हिस्सों में निकल कर भागे हैं. नवीन यादव, मरकस बाबा और रबिन्द्र गंझू अलग अलग भागे हैं. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार 2017-18 में माओवादियों के टॉप कमांडर सुधाकरण जिस इलाके को अपना ठिकाना बनाया था. उस इलाके में 25 लाख के इनामी नवीन यादव और रबिन्द्र गंझू एक होने के फिराक में हैं. 2017- 18 में सुधारकरण विजयगिर के पहाड़ जबकि एक करोड़ का इनामी माओवादी अरविंद बूढ़ा पहाड़ पर रहता था. बाद में अरविंद की बीमारी से मौत हो गई थी. जबकि सुधाकर ने अपनी टीम को सरेंडर कर दिया था.
गौतम पासवान को बनाया जाना था बूढ़ा पहाड़ का नया इंचार्ज: माओवादियों के यूनिफाइड कमांड सह प्रशिक्षण केंद्र बूढ़ा पहाड़ का इंचार्ज गौतम पासवान को बनाया जाना था. गौतम पासवान पर सरकार ने 25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. कुछ दिनों पहले बूढ़ा पहाड़ का इंचार्ज मिथिलेश मेहता और बनबिहारी बिहार के इलाके में गिरफ्तार हो गया था. उसके बाद माओवादी बूढ़ा पहाड़ पर नए कमांडर की तलाश कर रहे थे. सुरक्षा एजेंसी के अनुसार बूढ़ा पहाड़ का नया कमांडर गौतम पासवान को बनाया जाना था. लेकिन इससे पहले माओवादियों के सुरक्षित ठिकाना छकरबंधा और बूढ़ा पहाड़ को सुरक्षाबलों ने कब्जे में ले लिया. इससे पहले छकरबंधा के टॉप कमांडर संदीप यादव की मौत हो गई. गौतम पासवान को छकरबंधा से निकल कर बूढ़ा पहाड़ जाना था.