गढ़वा/पलामू: गढ़वा में तेंदुआ के आतंक से लोग खौफ में हैं (Leopard terror in Garhwa). तेंदुआ ने अब तक गढ़वा में तीन बच्चों को मार डाला है. तेंदुआ के बढ़ते आतंक से नाराज सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण गुरुवार को रोड पर उतरे और कई जगह जाम कर दिया. ग्रामीणों ने भंडरिया और रंका के इलाके में रोड जाम किया है. बुधवार को तेंदुआ ने रमकंडा थाना क्षेत्र के बलीगढ़ में 12 वर्षीय बच्चे को मार डाला था (Leopard killed child). तेंदुआ का आतंक पिछले 20 दिनों से जारी है लेकिन वन विभाग इस आतंक को रोक नहीं पा रहा है. पलामू, गढ़वा और लातेहार के इलाके में ऐसा पहली बार हुआ है कि तेंदुआ मानव जीवन को नुकशान पहुंचा रहा है. तेंदुआ बच्चों पर हमला कर उन्हें मार डाल रहा, एक मामले में तेंदुआ ने बच्चे को मारने के बाद खाया भी है.
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ट्रैंकुलाइजर के इस्तेमाल की मिली अनुमति, ड्रोन से शुरू हुई निगरानी: तेंदुआ के खिलाफ कार्रवाई के लिए वन विभाग को ट्रैंकुलाइजर के इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है. ट्रैंकुलाइजर के माध्यम से तेंदुआ को बेहोश करने की कोशिश की जाएगी. तेंदुआ की गपतिविधि वाले इलाके में ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है. बुधवार क तेंदुआ ने जिस इलाके में हमला किया था, उससे चार किलोमीटर दूर वन विभाग की टीम ड्रोन से निगरानी कर रही थी.
गढ़वा के डीएफओ दिलीप कुमार ने बताया कि तेंदुआ की गतिविधि वाले इलाके में ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि तेंदुआ की गतिविधि पानी के श्रोत वाले इलाके में है. विभाग की टीम पानी के श्रोत वाले इलाके में एक-एक और ट्रेंकुलाइजर की टीम को तैनात किया है. उन्होंने बताया कि तेंदुआ को पकड़ने के लिए छह टीमों की तैनाती की गई है और छह टीम अलग-अलग हिस्से में मौजूद है. उन्होंने बताया कि केज की भी संख्या बढ़ा दी गई है. उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि इलाके में तेंदुआ मानव जीवन पर हमला कर रहा है. इस इलाके में पहली बार यह स्थिति उत्पन्न हुई है.
बाहर के राज्यों से एक्सपर्ट की ली जा रही मदद, तेंदूआ को आदमखोर घोषित करने में पेंच: तेंदुआ को पकड़ने और कार्रवाई के लिए गढ़वा वन विभाग की टीम बाहर के राज्यों के एक्सपर्ट की राय ले रही है. गढ़वा वन विभाग की टीम ने महाराष्ट्र समेत कई राज्यों से मामले में मदद मांगा है और राय ली है. डीएफओ दिलीप कुमार ने बताया कि तेंदुआ को आदमखोर घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है लेकिन तेंदुआ से जुड़ा हुआ कोई भी ठोस चीज विभाग के हाथ नहीं लगा है. तेंदुआ का बाल या शरीर का कोई भी हिस्सा विभाग को मिलता है तो वह उसका डीएनए सैंपल कराकर पग मार्ग से मिलान करवाएगा. सैंपल मिल जाने के बाद तेंदुआ को आदमखोर घोषित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि तेंदुआ का कोई टेरिटरी नहीं है, कई मामलों में देखा गया है कि कई जिलों तक इसकी गतिविधि रहती है. वन विभाग पूरी ताकत के साथ तेंदुआ के खिलाफ कार्रवाई के लिए लगा हुआ है.