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पलामू में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में घोटाला, कर्मियों ने बदल दिया लाभुकों के नाम, अब होगी बड़ी कार्रवाई - मेदिनीनगर नगर निगम

पलामू में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है. अधिकारियों ने लिस्ट में से लाभुकों का नाम ही बदल दिया, जिससे योजना का पैसा किसी और के खाते में चला जा रहा है. मामला सामने आने के बाद नगर आयुक्त ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नगर विभाग को पत्र लिखा है.

scam in palamu
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Published : Jun 5, 2023, 8:15 PM IST

पलामू: प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में लाभुकों का नाम बदल कर बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है. यह घोटाला पलामू के मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र से सामने आया है. आशंका जताई जा रही है कि इस घोटाले को अंजाम देने वालों ने लाखों रुपए कमाए हैं. जिसके बाद घोटाला को अंजाम देने वाले दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करने की तैयारी चल रही है, वहीं गलत तरीके से लाभ लेने वालों से भी रिकवरी की योजना बनाई जा रही है.

यह भी पढ़ें: MGNEREGA Scam : नियम विरुद्ध राशि निकालने में दूसरी कार्रवाई, 11 पंचायतों से होगी 12.31 लाख की वसूली

दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22 और वर्तमान में आवेदन देने वाले लाभुकों की जांच शुरू की गयी थी. इस जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गई है और लाभुकों के नाम के साथ छेड़छाड़ किया गया है. 2019-20 और 2020-21 की योजना में लगभग 400 लाभुकों का नाम बदल कर इस घोटाले को अंजाम दिया गया है. घोटाले के पकड़े जाने के बाद नगर निगम प्रबंधन सख्त हो गया है. निगम ने दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की योजना तैयार की है.

कार्रवाई के लिए नगर विकास विभाग को लिखा गया पत्र: नगर आयुक्त सह डीसीसी रवि आनंद ने मामले में प्रधानमंत्री आवास योजना को देखने वाले सीएलटीसी कल्याण और अंकेश अखौरी के खिलाफ कार्रवाई के लिए नगर विकास विभाग को पत्र लिखा है. नगर आयुक्त रवि आनंद ने बताया कि फर्जी तरीके से योजना का लाभ लेने वाले लाभुकों से भी रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. नगर निगम क्षेत्र में सभी आवास योजनाओं का सत्यापन किया जा रहा है और उसकी जांच की जा रही है. जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद लाभुकों और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कैसे घोटाला को दिया गया अंजाम: प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए आवेदकों का डाटा ऑनलाइन अपलोड किया जाता है. डाटा को अपलोड कर डीपीआर तैयार करने के बाद उसे केंद्र सरकार को भेजा जाता है. आवास योजना स्वीकृत होने के बाद एक बार फिर से यह डाटा वापस नगर निगम के पास वापस पहुंचता है. डाटा आने के बाद नगर निगम फिर से चयनित लाभुकों की सूची अपलोड करती है जिसके बाद पहली किस्त का भुगतान किया जाता है.

लेकिन इस प्रक्रिया में मेदिनीनगर नगर निगम के कर्मियों ने दोबारा सूची अपलोड करने के दौरान लाभुकों के नाम को ही बदल दिया है. केंद्र ने जिन लाभुकों के नाम की स्वीकृति नहीं दी थी, उन लाभुकों के नाम का चयन कर अपलोड किया गया है और उन्हें आवास योजना की राशि का भुगतान किया गया है. बता दें कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत एक लाभुक को 2.30 लाख रुपये दिए जाते हैं.

पलामू: प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में लाभुकों का नाम बदल कर बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है. यह घोटाला पलामू के मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र से सामने आया है. आशंका जताई जा रही है कि इस घोटाले को अंजाम देने वालों ने लाखों रुपए कमाए हैं. जिसके बाद घोटाला को अंजाम देने वाले दोषी अधिकारियों को बर्खास्त करने की तैयारी चल रही है, वहीं गलत तरीके से लाभ लेने वालों से भी रिकवरी की योजना बनाई जा रही है.

यह भी पढ़ें: MGNEREGA Scam : नियम विरुद्ध राशि निकालने में दूसरी कार्रवाई, 11 पंचायतों से होगी 12.31 लाख की वसूली

दरअसल, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22 और वर्तमान में आवेदन देने वाले लाभुकों की जांच शुरू की गयी थी. इस जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गई है और लाभुकों के नाम के साथ छेड़छाड़ किया गया है. 2019-20 और 2020-21 की योजना में लगभग 400 लाभुकों का नाम बदल कर इस घोटाले को अंजाम दिया गया है. घोटाले के पकड़े जाने के बाद नगर निगम प्रबंधन सख्त हो गया है. निगम ने दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की योजना तैयार की है.

कार्रवाई के लिए नगर विकास विभाग को लिखा गया पत्र: नगर आयुक्त सह डीसीसी रवि आनंद ने मामले में प्रधानमंत्री आवास योजना को देखने वाले सीएलटीसी कल्याण और अंकेश अखौरी के खिलाफ कार्रवाई के लिए नगर विकास विभाग को पत्र लिखा है. नगर आयुक्त रवि आनंद ने बताया कि फर्जी तरीके से योजना का लाभ लेने वाले लाभुकों से भी रिकवरी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. नगर निगम क्षेत्र में सभी आवास योजनाओं का सत्यापन किया जा रहा है और उसकी जांच की जा रही है. जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद लाभुकों और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कैसे घोटाला को दिया गया अंजाम: प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए आवेदकों का डाटा ऑनलाइन अपलोड किया जाता है. डाटा को अपलोड कर डीपीआर तैयार करने के बाद उसे केंद्र सरकार को भेजा जाता है. आवास योजना स्वीकृत होने के बाद एक बार फिर से यह डाटा वापस नगर निगम के पास वापस पहुंचता है. डाटा आने के बाद नगर निगम फिर से चयनित लाभुकों की सूची अपलोड करती है जिसके बाद पहली किस्त का भुगतान किया जाता है.

लेकिन इस प्रक्रिया में मेदिनीनगर नगर निगम के कर्मियों ने दोबारा सूची अपलोड करने के दौरान लाभुकों के नाम को ही बदल दिया है. केंद्र ने जिन लाभुकों के नाम की स्वीकृति नहीं दी थी, उन लाभुकों के नाम का चयन कर अपलोड किया गया है और उन्हें आवास योजना की राशि का भुगतान किया गया है. बता दें कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत एक लाभुक को 2.30 लाख रुपये दिए जाते हैं.

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