पलामूः बुधवार को 25 लाख का टॉप इनामी माओवादी नवीन यादव ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. नविन चतरा जिले के प्रतापपुर इलाके का रहने वाला है, जिसके खिलाफ झारखंड और बिहार में 100 से अधिक नक्सल हमले का केस दर्ज है.
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माओवादी का स्टेट एरिया कमेटी सदस्य नविन हाल में ही सेंट्रल कमेटी सदस्य बनाये गए थे. बूढ़ापहाड़ इलाके में सक्रिय होकर दहशत फैला रहा था. इससे सुरक्षा एजेंसी लगातार नविन के खिलाफ अभियान ऑपरेशन चला रहा था. इस ऑपरेशन के खौफ की वजह से नविन सुरक्षा एजेंसियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. आत्मसमर्पण के बाद सुरक्षा एजेंसी के टॉप अधिकारी उसे अपने साथ ले गए है और उससे पूछताछ की जा रही है. बुढ़ापहाड़ पर पिछले तीन महीने से माओवादियों के खिलाफ अभियान ऑक्टोपस चलाया जा रहा है. इस ऑपरेशन से बचने के लिए नवीन निकल कर भाग गया था.
बूढ़ापहाड़ से भागने के बाद नवीन यादव लगातार पलामू चतरा सीमावर्ती इलाके में अपना ठिकाना बनाये हुआ था. दो दिनों पहले चतरा के कुंदा में सुरक्षाबलों के साथ उसकी मुठभेड़ भी हुई है. इस मुठभेड़ के दौरान भी वह बच कर निकल भागा था. हालांकि, बुधवार को सुरक्षा एजेंसियों के टॉप अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है.
नवीन यादव के खिलाफ झारखंड और बिहार में 100 से अधिक बड़े नक्सल हमले में प्राथमिकी दर्ज है. बूढ़ापहाड़, छकरबंधा और सारंडा के इलाके में लंबे समय तक सक्रिय रहा है. बूढ़ापहाड़ के इलाके में नविन माओवादियों का थिंक टैंक माना जाता था. संदीप यादव और विमल यादव के बाद नवीन यादव माओवादियों का तीसरा सबसे बड़ा चेहरा था. 2016 में बिहार के गया और औरंगाबाद सीमा पर नक्सल हमले हुए थे, जिसमें कोबरा के 10 जवान शहीद हुए थे. इस हमले का नेतृत्व नवीन यादव ने किया था.
साल 2011 में लातेहार के गारु में झारखंड के पहले विधानसभा अध्यक्ष तत्कालीन चतरा सांसद इंदर सिंह नामधारी के काफिले पर हमला हुआ था. इस हमले में 11 जवान शहीद हुए थे. वहीं, 2012 में माओवादियों ने गढ़वा के भंडरिया के इलाके में पुलिस पर हमला किया था. इस हमले में थाना प्रभारी समेत 12 जवान शहीद हुए थे. इन दोनों हमले में नवीन यादव शामिल था.