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लॉकडाउन में पलामू में बढ़ा आत्महत्या का ग्राफ, मनोचिकित्सक की राय- योग से दूर होगा तनाव

पलामू में लॉकडाउन के दौरान लोगों में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ गई है. जिले में लगभग आधा 6 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली है. आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने के लिए क्या उपाय हैं. इसे लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने मनोचिकित्सक से खास बातचीत की.

Psychiatrist give opinion on ETV bharat to prevent suicide in palamu
मनोचिकित्सक ने दी राय
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Published : May 21, 2020, 4:06 PM IST

पलामू: कोरोना संकट के कारण हुए लॉकडाउन के कारण मानसिक तनाव में आकर लोग आत्महत्या कर रहे हैं. पलामू में लॉकडाउन के दौरान 6 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली है. लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में रह कर मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं. इस दौरान लोगों को नौकरी से हटाए जाने का डर, व्यपार में घाटे का डर सता रहा है, साथ ही लोगों को सामाजिक डर भी सता रहा है.

मनोचिकित्सक से खास बातचीत
लॉकडाउन के दौरान आत्महत्या की प्रवृत्ति के कारण ईटीवी भारत ने पलामू मेडिकल कॉलेज के मानसिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर सुनील कुमार ने बातचीत की. इस दौरान डॉ सुनील कुमार ने बताया कि आत्महत्या के पीछे सबसे बड़ा कारण लोगों के मन में डर बैठ गया है. लोगों को अपनी नौकरी जाने, व्यवसाय में नुकसान का डर सता रहा है. उन्होंने बताया कि लोग अकेलेपन का शिकार हो कर अपनी मन की बात किसी को बता नहीं पा रहे हैं. इन कारणों से भी लोग आत्महत्या कर रहे हैं. डॉ. सुनील का कहना है कि लोग तनाव से बचने के लिए योगा करें और अपने नजदीकी से बातचीत करें. अपने दिल की बातों को शेयर करें ताकि मन के अंदर जो भड़ास है वह निकल पाए.


इसे भी पढे़ं:- पलामू: लॉकडाउन 4.0 में खुली शराब की दूकानें, नहीं पहुंच रहे ग्राहक

पलामू में अब तक कई लोगों ने आत्महत्या कर ली है. जिसमें दो क्वॉंरेंटाइन में थे. जिले के चैनपुर में एक, रामगढ़ में एक, लेस्लीगंज में दो, पांकी में एक, तरहसी में एक, मनातू में एक, छत्तरपुर में एक, हुसैनाबाद के इलाके में एक शख्स ने आत्महत्या कर ली है. डॉक्टर सुनील कुमार बताते हैं कि लोगों के मन में कोरोना को लेकर डर हो गया है, लोगों के मन में फोबिया शुरू हो गया है. इसे दूर करने के लिए अपनों का सहारा लेना जरूरी है.

पलामू: कोरोना संकट के कारण हुए लॉकडाउन के कारण मानसिक तनाव में आकर लोग आत्महत्या कर रहे हैं. पलामू में लॉकडाउन के दौरान 6 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली है. लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में रह कर मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं. इस दौरान लोगों को नौकरी से हटाए जाने का डर, व्यपार में घाटे का डर सता रहा है, साथ ही लोगों को सामाजिक डर भी सता रहा है.

मनोचिकित्सक से खास बातचीत
लॉकडाउन के दौरान आत्महत्या की प्रवृत्ति के कारण ईटीवी भारत ने पलामू मेडिकल कॉलेज के मानसिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर सुनील कुमार ने बातचीत की. इस दौरान डॉ सुनील कुमार ने बताया कि आत्महत्या के पीछे सबसे बड़ा कारण लोगों के मन में डर बैठ गया है. लोगों को अपनी नौकरी जाने, व्यवसाय में नुकसान का डर सता रहा है. उन्होंने बताया कि लोग अकेलेपन का शिकार हो कर अपनी मन की बात किसी को बता नहीं पा रहे हैं. इन कारणों से भी लोग आत्महत्या कर रहे हैं. डॉ. सुनील का कहना है कि लोग तनाव से बचने के लिए योगा करें और अपने नजदीकी से बातचीत करें. अपने दिल की बातों को शेयर करें ताकि मन के अंदर जो भड़ास है वह निकल पाए.


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पलामू में अब तक कई लोगों ने आत्महत्या कर ली है. जिसमें दो क्वॉंरेंटाइन में थे. जिले के चैनपुर में एक, रामगढ़ में एक, लेस्लीगंज में दो, पांकी में एक, तरहसी में एक, मनातू में एक, छत्तरपुर में एक, हुसैनाबाद के इलाके में एक शख्स ने आत्महत्या कर ली है. डॉक्टर सुनील कुमार बताते हैं कि लोगों के मन में कोरोना को लेकर डर हो गया है, लोगों के मन में फोबिया शुरू हो गया है. इसे दूर करने के लिए अपनों का सहारा लेना जरूरी है.

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