पलामू: जिले में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ मजदूर संगठनों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया. झारखंड-बिहार दिहाड़ी मजदूर यूनियन ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया. मेदिनीनगर के छहमुहान पर नारेबाजी और प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही कई ज्वलंत मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया.
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इस दौरान मजदूर नेताओं ने कहा कि कोविड-19 का फायदा उठाकर श्रम कानूनों में संसोधन किया. केंद्र सरकार ने 48 लाख कर्मियों के महंगाई भत्ता और 68 लाख पेंशनधारियों का DR को रोक दिया है. इससे कर्मियों को आर्थिक संकट हुआ है. प्रदर्शन के माध्यम से मजदूर संगठन ने पीएम आपदा राहत कोष को सार्वजनिक करने की मांग की, जबकि सरकारी उपक्रम भेल, सेल, रेल, कोयला कंपनियों, बैंक, एलआईसी, तेल कंपनियों को लेकर सरकार के फैसले का विरोध किया गया. प्रर्दशन में झारखंड बिहार दिहाड़ी मजदूर यूनियन के महासचिव राजीव कुमार, अध्यक्ष गौतम, सचिव संजीव कुमार समेत बड़ी संख्या में मजदूर शामिल थे.
जगह-जगह किया जा रहा प्रदर्शन
बता दें कि पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ रही कीमतों को लेकर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. 29 जून को दिल्ली, अहमदाबाद, पटना, हैदराबाद, झारखंड समेत कई शहरों में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था, जबकि 30 जून से 4 जुलाई तक कांग्रेस पार्टी राज्य के सभी प्रखंड मुख्यालयों में भी प्रदर्शन कर रही है.
बीते 21 दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमत तेजी से बढ़ी और इन दिनों पेट्रोल की कीमत में 9.12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई तो वहीं डीजल के दाम 11.01 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ गए. सरकारी तेल कंपनियों ने बीते जून में लगातार 21 दिनों तक ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी की थी. इसके बाद इसको लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया था.