पलामू: कुख्यात गैंगस्टर कुणाल सिंह हत्याकांड में पुलिस के अनुसंधान में कई बातों का खुलासा हुआ है. हत्याकांड की योजना अप्रैल में तैयार की गई थी और जून में घटना को अंजाम दिया गया था. घटना को अंजाम देने से पहले आरोपी तीन से चार बार आपस में मिले थे. इस संबंध में पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है. पुलिस ने कुणाल हत्याकांड में 230 पेज का अनुसंधान रिपोर्ट तैयार किया है. पुलिस ने रिपोर्ट को कोर्ट को सौंप दिया है. अनुसंधान में कई तथ्य मिले हैं, जिस पर पुलिस कार्रवाई कर रही है.
27 अप्रैल को हत्या की रणनीति हुई थी तैयार
पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि 25 -26 अप्रैल को सभी आरोपी ने आपस में मिलने का फैसला किया था. सभी 27 अप्रैल को शांतिपुरी के मैदान में जमा हुए. उसी दिन हत्या का फैसला हुआ था कि किस तरह कुणाल सिंह की हत्या की जानी है. कुणाल के करीबी फंटूश ने डब्लू सिंह को बताया था कि कुणाल उसकी हत्या करना चाहता है. उसके बाद डब्लू सिंह पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है. कुणाल की हत्या के लिए सफारी खरीदी गई थी, इसके लिए दो लाख रुपये उपलब्ध करवाए गए थे. पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि विजय शर्मा और अन्नू विश्वकर्मा ने कुणाल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी ली और घर के आस पास चंगु और फंटूश टोह ले रहे थे. हत्या से करीब 15 दिन पहले सभी आपस मे मिले और उसी दिन तय हुआ कब और कैसे घटना को अंजाम देना है. 3 जून को कुणाल सिंह की हत्या कर दी गई थी.
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कुणाल सिंह के पास थे चार पिस्टल
पुलिस को अनुसंधान में यह बात पता चला है कि कुणाल सिंह गिरोह के पास चार पिस्टल था. उसकी हत्या के बाद पता नहीं चल पाया कि हथियार कहां है. हत्या के दौरान कुणाल सिंह के पास हथियार नहीं था. पुलिस हत्याकांड से जुड़े चार संदिग्ध और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. पुलिस मामले में जल्द ही कुछ और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए वारंट लेने वाली है. पुलिस को कुणाल के हत्या से जुड़े सीसीटीवी फूटेज मिले हैं. इस फूटेज से पुलिस को अनुसंधान में कई जानकारी मिली है. पुलिस ने करीब 10 मोबाइल नंबरों का सीडीआर भी निकाला है और छानबीन की है. कुणाल सिंह को चार गोली मारी गई थी, तीन शरीर को पार कर गया था, जबकि एक शरीर में ही फंसा हुआ रह गया था.