पलामू: जिले में अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ अभियान शुरू हो गया है. यह अभियान शहरी क्षेत्र से शुरू किया गया है. प्रशासनिक टीम ने छापेमारी कर कुल 30 वाहनों की जांच की. जिसमें से मात्र दो वाहनों पर अवैध खनिज लोड पाया गया. मामला पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर का है. मेदिनीनगर और उसके आसपास के सात किलोमीटर के दायरे में कहीं भी माइनिंग नहीं होती है.
कार्रवाई के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठनः दरअसल, पलामू में अवैध माइनिंग और खनिजों के अवैध परिवहन के खिलाफ स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है और दंडाधिकारियों की तैनाती की गई है. पलामू डीसी ए दोड्डे और एसपी चंदन कुमार सिन्हा के निर्देश पर कार्रवाई के लिए एक टीम का गठित की गई है. पलामू के मेदिनीनगर सदर, छत्तरपुर और हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में अलग-अलग टीम बनाई गई है.
मेदिनीनगर के रेड़मा चौक से अभियान की हुई शुरुआतः मंगलवार की रात से सदर अनुमंडल क्षेत्र में अवैध माइनिंग और परिवहन के खिलाफ अभियान की शुरुआत की गई थी. यह अभियान मेदिनीनगर के पॉश इलाके रेड़मा चौक पर चलाया गया. जहां से कई क्षेत्रों के लिए वाहन गुजरते हैं. प्रशासनिक टीम ने कई घंटे तक अभियान चलाया और इस दौरान करीब 30 वाहनों की जांच की. जिसमें से मात्र दो वाहनों को अवैध रूप से खनिज का परिवहन करते पाया गया.
खनिजों का अवैध परिवहन करने के मामले में दो वाहन जब्तः इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार ने बताया कि जांच के दौरान दो वाहनों को जब्त किया गया है. मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है. अवैध माइनिंग और परिवहन के खिलाफ प्रशासन का अभियान जारी रहेगा.
छतरपुर , चैनपुर, सतबरवा के इलाके में सबसे अधिक होती है माइनिंग: बताते चलें कि पलामू में सबसे अधिक माइनिंग छतरपुर, चैनपुर और सतबरवा के क्षेत्र में होती है. तीनों इलाकों में बड़े पैमाने पर स्टोन के माइंस और क्रशर हैं. जबकि कार्रवाई मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र से शुरू हुई है, जहां एक भी स्टोन माइंस या क्रशर नहीं हैं.
पलामू में 31 स्टोन माइंस और 130 से अधिक स्टोन क्रशरः पूरे पलामू में 31 से अधिक स्टोन माइंस हैं, जबकि 130 से अधिक स्टोन क्रशर हैं. पिछले एक वर्ष के दौरान अवैध माइनिंग के खिलाफ कई बड़ी कार्रवाई भी हुई है. कुछ दिनों पहले पलामू में छह स्टोन क्रशर को सील किया गया था, सभी पर अवैध रूप से क्रशर का संचालन करने का आरोप था.