पलामू: तकनीक और विज्ञान के इस युग में लोग झाड़फूंक पर आंख बंदकर विश्वास कर रहे हैं. जिसका खामियाजा उन्हें अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है. यहां कई लोग सांप काटने के बाद डॉक्टर के पास ना जाकर अंधविश्वास में पड़ जाते हैं, जिससे कई ग्रामीणों की जान भी चली गई है.
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गंभीर हालत में अस्पताल की याद: ग्रामीण इलाकों में कई लोग सांप काटने के बाद झाड़-फूंक का सहारा लेते हैं. झाड़ फूंक के कारण लोगों की जान तक जा रही है. जून महीने में सांप काटने से पलामू में चार लोगों की मौत हुई है. जबकि जुलाई के महीने में दो लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. इनमें से अधिकतर मामलों में पीड़ित पहले झाड़-फूंक करवाने में फंसे रहे, उसके बाद हालात गंभीर हुई तो अस्पताल पहुंचे. समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण पीड़ित की मौत हो गई.
दो महीने में 90 सर्प दंश के मामले: पलामू में जून महीने में 35 लोगों को सांप ने काटा. जबकि जुलाई में अब तक 54 लोगों को सांप ने काटा है. पलामू के पाटन इलाके में सांप काटने से दो लोगों की मौत हुई. छतरपुर के इलाके में एक, चैनपुर के इलाके में एक, सतबरवा में एक जबकि मनातू में एक व्यक्ति की मौत हुई है. इनमें से दो लोगो की मौत झाड़ फूंक के कारण हुई है.
सिविल सर्जन डॉक्टर ने क्या कहा: पलामू सिविल सर्जन डॉ. अशोक कुमार बताते हैं कि बरसात से पहले से ही विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी थीं. बरसात के दिनों में सांप कई लोगों को अपना शिकार बनाते हैं, जिस कारण विभाग में पर्याप्त मात्रा में एन्टी वैनम खरीदा है और एक्सपर्ट स्वास्थ्य कर्मी को भी तैनात किया है.
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े अनुसार: पलामू स्वास्थ विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर 10 हजार से भी अधिक एंटी वैनम मौजूद हैं. मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल, छत्तरपुर, विश्रामपुर हुसैनाबाद अनुमंडल अस्पताल में सांप काटने के मामले को लेकर स्पेशल टीम भी तैनात की गई है.
इस मामले में क्या कहते उपायुक्त: पलामू उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे ने लोगों से अंधविश्वास के चक्कर में ना फंसने की अपील की. उन्होंने कहा कि सांप काटने पर मरीज को सीधा अस्पताल ले जाएं और डॉक्टर से दिखाएं. चिकित्सक की सलाह पर माने. उन्होंने कहा कि झाड़ फूंक के चक्कर में जीवन को मौत की तरफ ना ढकेले. डीसी ने कहा कि पलामू के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एन्टी वैनम मौजूद है. इसके लिए आम लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.
मौत के बाद चार लाख मुआवजा: सांप काटना आपदा प्रबंधन के तहत आता है. सांप काटने के बाद व्यक्ति की मौत होने पर चार लाख रुपये के मुआवजे का प्रावधान है. 2022 में पलामू जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने सांप काटने के मामले में दो व्यक्तियों को चार-चार लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान किया था. पलामू में सांप काटने वाले आंकड़ों में करीब 30 प्रतिशत बच्चों के मामले हैं. जबकि 70 प्रतिशत में महिला, बुजुर्ग और वयस्क शामिल हैं.
वन्य प्राणी विशेषज्ञ का कहना है: वन्य प्राणी विशेषज्ञ डॉ. मुकेश का कहना है कि सांपों से बचने के लिए लोग कई कदम उठा सकते है जो इस प्रकार है:-
- बरसात से पहले घर उसके अगल-बगल में सभी झाड़ियों को कटवा देना चाहिए, उन स्थानों पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करनी चाहिए.
- बरसात के दिनों में अक्सर सांप चूहे और मेंढक को खाने के लिए बिल से बाहर निकलते है, चूहे से बचाव के लिए घर में उपाय करने चाहिए.
- सांप घर के अंदर बिल या अन्य सुराख से अंदर दाखिल होता है, बरसात के दौरान अन्य मौकों पर बिल्हौर सुराख को बंद कर देना चाहिए.
- घर में सांप की मौजूदगी की आशंका होने के बाद घर में महुआ की खली, सरसो, मिर्च का धुआं करना चाहिए.