पलामूः डॉक्टर धरती पर भगवान का रूप होता है जो बीमार लोगों ठीक कर उनको नई जिंदगी देता है. पलामू में झोलाछाप और फर्जी डॉक्टर लोगों की जिंदगी देने के बजाए मौत बांट रहे हैं. पलामू के ग्रामीण इलाके में फर्जी डॉक्टरों का शिकंजा बढ़ता जा रहा है. पिछले एक वर्ष जनवरी 2020 से अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों की जान फर्जी डॉक्टरों ने ली है. पलामू स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई में 20 से अधिक फर्जी डॉक्टर पर एफआईआर हुआ है जबकि डेढ़ दर्जन में करीब क्लीनिक सील हुए है.
SPECIAL STORY: मौत के सौदागर फर्जी डॉक्टर मरीजों का कर रहे सर्जरी, स्वाथ्य पर पड़ रहा दुष्प्रभावपलामू में पांकी, मनातू, पाटन, हरिहरगंज, छतरपुर, हरिहरगंज, बिश्रामपुर, चैनपुर के इलाके में झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय है. फर्जी डॉक्टरों का मनोबल इतना अधिक है कि वो मरीजों की सर्जरी तक कर डालते हैं. पलामू के चैनपुर और छतरपुर के इलाके में करीब छह महीने पहले स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी की थी. छापामारी में इस बात का खुलासा हुआ था कि फर्जी डॉक्टर मरीजों की गंभीर बीमारियों की सर्जरी कर रहे हैं. 22 सितंबर को लेस्लीगंज में एक झोलाछाप डॉक्टर ने एक महिला का सर्जरी की थी, महिला की मौके पर ही मौत हो गई. लेस्लीगंज के गोराडीह में गलत इंजेक्शन दे कर एक आठ वर्षीय मासूम की जान ले ली थी. डॉक्टर अवधेश सिंह बताते हैं कि फर्जी डॉक्टर यह सिर्फ प्रोफेशन को ही नुकशान नहीं पंहुचा रहे बल्कि गलत दवा और एंटीबायोटिक से मरीजों को बीमार बना रहे हैं.
मेडिकल साइंस निरंतर बदलने वाली प्रक्रियाइंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पलामू सचिव डॉक्टर अनवर नेजाम बताते हैं कि झोलाछाप डॉक्टर पेशेवर डॉक्टर से अधिक मरीजों का नुकसान कर रहे हैं. मेडिकल साइंस लगातार बदलने वाली प्रक्रिया है, इसके लिए पढ़ाई और गहन अध्ययन जरूरी है, मरीजों की बीमारियों का अध्ययन जरूरी है. जो झोलाछाप डॉक्टर्स यह सब नहीं कर पाते. डॉक्टर अनवर नेजाम बताते हैं कि इस तरह के फर्जी डॉक्टरों से सख्ती से निपटने की जरूरत है.
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पलामू जिला स्वास्थ्य विभाग अपना रहा सख्त रवैया
पलामू जिला स्वाथ्य विभाग ने फर्जी डॉक्टरो की सूची तैयार किया है. साल 2016-17 में थाना स्तर से सर्वे में पूरे जिला में 400 से अधिक झोलाछाप डॉक्टर चिन्हित हुए थे. उस दौरान सभी को बॉन्ड डाउन के लिए आदेश जारी किया गया था. पलामू सिविल सर्जन डॉ जॉन एफ कैनेडी बताते हैं कि फर्जी डॉक्टर मेडिकल पेशे को प्रभावित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन सख्त है, लगातार उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. हाल के दिनों में एक दर्जन के करीब क्लीनिक सील हुए है जबकि आधा दर्जन से अधिक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
झोलाछाप डॉक्टर्स पर कार्रवाई