पलामू: कोविड-19 की लड़ाई में वैक्सीनेशन महत्वपूर्ण हथियार है. दुनिया कोविड-19 की दूसरी लहर की तबाही देख चुकी है. तीसरी लहर के अलर्ट के बीच हजारों लोग ऐसे हैं जो लापरवाह हो गए हैं. इन सबके बीच पलामू में एक चौंकाने वाले आंकड़े निकल कर सामने आए हैं. कोविड-19 के वैक्सीन फर्स्ट डोज लेने वाले लगभग एक लाख लोग गायब हो गए हैं.
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फर्स्ट डोज लेने के बाद लोग दूसरी डोज लेने के लिए लगभग एक लाख लोग सामने नहीं आए हैं. जबकि गायब हुए लोगों के दूसरी डोज का सिड्यूल डेट कब का गुजर गया है. पलामू में अब तक कोविड 19 वैक्सीन के फर्स्ट डोज 7,96,392 लोग ले चुके हैं, जबकि मात्र 2,85,127 लोगों ने ही दूसरी डोज ली है. जबकि एक लाख लोग दूसरी डोज लेने के लिए सामने नहीं आए हैं.
पलामू में वैक्सीनेशन की धीमी गति को लेकर स्वास्थ विभाग ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को पलामू सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार सिंह और डीपीएम दीपक कुमार ने संबोधित किया. पलामू सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार सिंह ने बताया कि फर्स्ट डोज लेने के बाद सेकंड डोज नहीं लेने वालों में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी है, लेकिन उतनी नहीं की जितनी सेकंड डोज लेने बाद होनी चाहिए.
विभागीय जांच में यह पता चला है कि जागरूकता की कमी या अन्य कारणों से लोग दूसरी डोज लेने के लिए सामने नहीं आए हैं. पलामू स्वास्थ विभाग वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने को लेकर गंभीर है. सिविल सर्जन ने बताया कि राज्य सरकार ने पलामू में प्रतिदिन 22,000 लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा है, लेकिन मात्र 5,000 लोगों को ही वैक्सीन दिया जा रहा है. वैक्सीन लेने के लिए लोग सामने नहीं आ रहे हैं. विभाग वैक्सीनेशन की गति को बढ़ाने के लिए कई स्तर पर पहल कर रहा है और लोगों से वैक्सीन लेने की अपील कर रहा है. विभाग गांव-गांव जाएगी और लोगों को वैक्सीन लेने के लिए अपील करेगी.
पलामू में वैक्सीनेशन से जुड़े महत्वपूर्ण आंकड़े
- फर्स्ट डोज लेने के मामले में पलामू राज्य में दूसरे स्थान पर है लक्ष्य के अनुसार पलामू में 75 प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ है। जबकि पूर्वी सिंहभूम में 80 और कोडरमा में 74 प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ है।
- 18 से 44 वर्ष में आयु वर्ग में पलामू का आंकड़ा मात्र 46 प्रतिशत ही है