पलामूः नेशनल हाइवे 75 जो झारखंड की राजधानी रांची को उत्तर प्रदेश से जोड़ती है. उसका तीन चरणों में फोरलेन का कार्य चल रहा है. पहले चरण में कुड़ू से लेकर रांची तक का कार्य पूरा हो गया है. दूसरे चरण में पलामू के इलाके में कार्य होना है. फोरलेन को लेकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है. इसी को लेकर कई इलाके के रैयत मुआवजा को लेकर आंदोलन पर उतर गए हैं.
आंदोलनकारी ग्रामीणों ने मुआवजे में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. पूरे मामले को लेकर रविवार की शाम पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर के सिंगरा खुर्द में ग्रामीणों की एक बड़ी बैठक हुई. इस बैठक में कई गांव के ग्रामीण मौजूद थे. राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सलाहकार समिति के सदस्य रबिन्द्र तिवारी को भी आमंत्रित किया गया था.
मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि मुआवजा की राशि के भुगतान में अनिमियतता बरती जा रही है. जमीन अधिग्रहण के दौरान मुआवजा का आकलन गलत तरीके से किया गया है. कई इलाकों में रैयतों को उचित दाम नहीं मिल रहा है. जबकि कई इलाके में रैयतों को जमीन के कागजात को लेकर गड़बड़ी बताई जा रही है. कई लोगों की जमीन को तो गैर मजरुआ कर दिया गया है. फोरलेन की चौड़ाई भी बढ़ा दी गई है.
इस बैठक में ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि जिला प्रशासन मामले में उचित पहल नहीं करती है तो केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से एक डेलिगेशन मुलाकात करेगा. राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सलाहकार समिति सदस्य रबिन्द्र तिवारी ने बताया कि वह पूरे मामले में प्रशासन से बात करेंगे. केंद्रीय मंत्री से भी मुलाकात की योजना है.