पलामू: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को झारखंड में करोड़ों रुपए की योजनाओं की आधारशिला रखी है, इन योजनाओं में पलामू में का नेशनल हाइवे 39 जो पहले नेशनल हाइवे 75 के नाम से जाना जाता था. इस हाइवे के चौड़ीकरण की भी आधारशिला रखी केंद्रीय मंत्री ने रखी है. इसे करीब 4200 करोड़ रुपय की लागत से चौड़ा किया जाना है. एक तरफ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसके चौड़ीकरण की आधारशिला रखी, वहीं दूसरी तरफ इससे प्रभावित लोग आंदोलन पर उतर गए हैं.
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रैयत नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण के मुआवजे को लेकर असंतुष्ट हैं. उनका आरोप है कि मुआवजा मापदंड के अनुसार नहीं दिया जा रहा है. पलामू के विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे अभिमन्यु कुमार सिंह उर्फ बबलू सिंह ने कहा कि जमीन अधिग्रहण और मुआवजा को लेकर अनियमितता बरती जा रही है. प्रशासन एक समान मुआवजा और नीति तय करें. अगर ऐसा नहीं होता है तो ग्रामीणों के साथ मिलकर वे आंदोलन की रणनीति तय करेंगे.
15 गांव के ग्रामीण हुए है एकजुट: नेशनल हाइवे 39 के चौड़ीकरण के दौरान पलामू के विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र की संख्या से राजहरा के बीच 15 गांव की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. गुरुवार को सभी 15 गांव के ग्रामीणों की बड़ी बैठक हुई और छह सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन की रणनीति तय की गयी. रैयतों ने बताया कि सभी जमीन नेशनल हाइवे के किनारे हैं, लेकिन मुआवजा के लिए अलग मापदंड तय किया गया है. अलग-अलग गांवों के लिए अलग-अलग आवासीय मुआवजा का प्रावधान किया गया है जो गलत है.
नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण में कई दलितों का घर भी गुजर रहा है जिनके पास जमीन नहीं है. कई दलितों के पास जमीन के कागजात भी नहीं हैं और मामला न्यायालय में लंबित है. ग्रामीणों ने कहा कि बिश्रामपुर और नावाबाजार प्रखंड के सभी प्रखंडों के रैयतों का कैंप लगाकर मुआवजा का भुगतान किया जाए. नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण के लिए शंखा पांच एकड़, कधवन 12 एकड़, कुंडी दो एकड़, पिपरा छह एकड़, आरही एक एकड़, गेडुया दो एकड़, जरका एक एकड़, गुरी 10 एकड़, भंडार 12 एकड़, झानी एक एकड़, तुन्दुआ एक एकड़, ब्रह्ममोरिया पांच एकड़, बसना आठ एकड़, राजहरा 10 एकड़, बैरिया में एक एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है.